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श्रीगंगानगर: अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है लेकिन इसकी पालना सरकारी अधिकारी ही नहीं करते दिख रहे हैं. खासकर, अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में इसकी धज्जियां उड़ती दिख रही हैं. ऐसा ही कुछ श्रीगंगानगर जिले में श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रवाना होने के बाद और इंस्पेक्टर विष्णुदत्त विश्नोई के अंतिम संस्कार के दौरान दिखा.

social distancing, सोशल डिस्टेंसिंग
श्रीगंगानगर में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी
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Published : May 25, 2020, 2:43 PM IST

श्रीगंगानगर. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने भले ही एडवाइजरी जारी करके सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने के लिए सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दे रखे हैं, लेकिन नियमों की पालना करवाने वाली ही नियमों की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं. जिले में सरकार की एडवाइजरी और निर्देश की सख्ती से पालना करवाने वाले अधिकारियों की मौजूदगी में ही नियम धरे रह गए.

श्रीगंगानगर में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी

पहला मामला रेलवे स्टेशन पर रविवार को पूर्णिया बिहार के लिए गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन के बाद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में देखने को मिला. दूसरा मामला रायसिंहनगर के लूणेवाला गांव में इंस्पेक्टर विष्णुदत्त विश्नोई के अंतिम संस्कार के दौरान देखने को मिला. इस दौरान खाकी के तमाम आला अधिकारियों की मौजूदगी में जिस प्रकार से भिड़ एकत्रित हुई. उस भीड़ से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई.

तो क्या सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना, शादी-विवाह या संस्कार में 5 से ज्यादा की भीड़ की अनुमति सामान्य और गरीब लोगों के लिए बनाई गई है. यह नियम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर लागू नहीं होते. रविवार को बिहार के प्रवासी लोगों को जब श्रमिक स्पेशल ट्रेन में रवाना किया गया, यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई गई, लेकिन ट्रेन रवाना होने के बाद प्लेटफार्म पर अधिकारियों और शहर विधायक की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की धज्जियां उड़ती दिखी.

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना अति आवश्यक है. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से बार-बार लोगों को यह अवगत करवाया जा रहा है और उनसे सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराई जा रही है. लेकिन जहां अधिकारी और जनप्रतिनिधि पहुंचते हैं वहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ जाती है.

ये भी पढ़ें: पढ़ें- खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित परिवारों को मिल रहा फायदा, जून में 445 मीट्रिक टन दाल की जाएगी वितरित

ऐसा ही नजारा रविवार को रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों के लिए बिहार गई ट्रेन और इंस्पेक्टर के अंतिम संस्कार के दौरान देखने को मिला. रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रवाना होना शुरु हुई तो सोशल डिस्टेंसिंग बिगड़ती गई और ट्रेन के जाने के बाद तो किसी को सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान ही नहीं रहा. प्लेटफार्म नंबर एक पर काफी संख्या में मौजूद अधिकारी और कर्मचारी सोशल डिस्टेंस ही भूल गए. ऐसे में जब जिनके कंधे पर सरकार की एडवाइजरी की पालना करवाने की जिम्मेदारी है वहीं अधिकारी एडवाइजरी की पालना करवाना भूलने लगे तो कोरोना संक्रमण केसे रुक पायेगा यह बड़ा सवाल है? हालांकी रेलवे स्टेशन से ट्रेन चली जाने के बाद रेलवे ने नियमों की पालना करते हुए स्टेशन पर सैनिटाइजेशन करवाया था.

श्रीगंगानगर. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने भले ही एडवाइजरी जारी करके सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने के लिए सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दे रखे हैं, लेकिन नियमों की पालना करवाने वाली ही नियमों की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं. जिले में सरकार की एडवाइजरी और निर्देश की सख्ती से पालना करवाने वाले अधिकारियों की मौजूदगी में ही नियम धरे रह गए.

श्रीगंगानगर में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी

पहला मामला रेलवे स्टेशन पर रविवार को पूर्णिया बिहार के लिए गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन के बाद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में देखने को मिला. दूसरा मामला रायसिंहनगर के लूणेवाला गांव में इंस्पेक्टर विष्णुदत्त विश्नोई के अंतिम संस्कार के दौरान देखने को मिला. इस दौरान खाकी के तमाम आला अधिकारियों की मौजूदगी में जिस प्रकार से भिड़ एकत्रित हुई. उस भीड़ से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई.

तो क्या सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना, शादी-विवाह या संस्कार में 5 से ज्यादा की भीड़ की अनुमति सामान्य और गरीब लोगों के लिए बनाई गई है. यह नियम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर लागू नहीं होते. रविवार को बिहार के प्रवासी लोगों को जब श्रमिक स्पेशल ट्रेन में रवाना किया गया, यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई गई, लेकिन ट्रेन रवाना होने के बाद प्लेटफार्म पर अधिकारियों और शहर विधायक की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की धज्जियां उड़ती दिखी.

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना अति आवश्यक है. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से बार-बार लोगों को यह अवगत करवाया जा रहा है और उनसे सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराई जा रही है. लेकिन जहां अधिकारी और जनप्रतिनिधि पहुंचते हैं वहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ जाती है.

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ऐसा ही नजारा रविवार को रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों के लिए बिहार गई ट्रेन और इंस्पेक्टर के अंतिम संस्कार के दौरान देखने को मिला. रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रवाना होना शुरु हुई तो सोशल डिस्टेंसिंग बिगड़ती गई और ट्रेन के जाने के बाद तो किसी को सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान ही नहीं रहा. प्लेटफार्म नंबर एक पर काफी संख्या में मौजूद अधिकारी और कर्मचारी सोशल डिस्टेंस ही भूल गए. ऐसे में जब जिनके कंधे पर सरकार की एडवाइजरी की पालना करवाने की जिम्मेदारी है वहीं अधिकारी एडवाइजरी की पालना करवाना भूलने लगे तो कोरोना संक्रमण केसे रुक पायेगा यह बड़ा सवाल है? हालांकी रेलवे स्टेशन से ट्रेन चली जाने के बाद रेलवे ने नियमों की पालना करते हुए स्टेशन पर सैनिटाइजेशन करवाया था.

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