श्रीगंगानगर. क्षेत्र में रविवार को मानसून की पहली बारिश ने सभी खोखले दावों की पोल खोलकर रख दी. जिला मुख्यालय पर 3 घंटे बारिश होने के बाद शहर जलमग्न हो गया. लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपए खर्च कर शहर के नालों की सफाई होने के दावे भी खोखले साबित हुए है. बरसात के दौरान पानी की निकासी व्यवस्था बेहतर करने और शहर में जलभराव नहीं होने का नगर परिषद का दावा खोखला साबित हुआ.
मानसून की पहली बारिश से शहर में सड़कों पर लबालब पानी भर गया. 3 घंटे तक हुई बारिश के बाद नगर परिषद ने बारिश का पानी मोटर चलाकर निकलवाया. बारिश के बाद शहर में हर सड़क पर पानी भर गया. नगर परिषद और प्रशासन की टीम को उदाराम चौक क्षेत्र में पानी की निकासी अवरुद्ध होने से गुस्साए लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा.
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शहर में बारिश के बाद पुरानी आबादी टावर रोड, सब्जी मंडी एरिया, उदाराम चौक, राधेश्याम रोड, गोल बाजार एरिया, रवि चौक, ट्रैक्टर मार्केट सहित अन्य प्रमुख स्थानों और मोहल्लों की सड़कों पर पानी जमा हो गया. टावर रोड, ट्रक यूनियन पुलिया, पुरानी आबादी रोड पर पानी जमा हो गया. कई जगहों पर तो 4 फुट पानी भरा होने से ट्रैफिक भी लग गया जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई. वहीं, बरसात का पानी मल्टीपरपज स्कूल आरयूबी में भी भर गया.
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नगर परिषद ने एक फायर ब्रिगेड और टैंकर से पानी निकलवाकर वाहनों का आवागमन शुरू करवाया गया. इसके अलावा सुखाड़िया सर्किल और आसपास जमा पानी निकालने के लिए पंप लगाकर रामलीला मैदान में पानी डाल दिया गया. बारिश के बाद शहर की निचली आबादी में पानी रुका हुआ है, जिससे लोगों के घरों को भी नुकसान होने की खबर है.