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चने की सरकारी खरीद में 'नमीं' को लेकर परेशान किसान

जिले में सरकारी अधिकारी अपने मनमुताबिक चने में 30 प्रतिशत नमी बताकर उसकी खरीद करने से इनकार कर रहे. जिस वजह से किसान अब मंडी में अपना माल आढ़तियों को घाटे में बेचने को मजबूर हैं.

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Published : May 1, 2019, 2:36 PM IST

सरकार खरीद एजेंसी चने की खरीद से कर रही इंकार

श्रीगंगानगर. किसानों की हाड़तोड़ मेहनत के बाद तैयार फसल अब समर्थन मूल्य पर नहीं बिक पा रही. जिसके चलते किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.चना खरीद एजेंसी राजफैड चने में नमी बताकर किसानों को समर्थन मूल्य पर चना खरीद के लिए लगातार चक्कर लगवा रही है.

सरकार खरीद एजेंसी चने की खरीद से कर रही इंकार

वहीं जिले में चने की आवक मंडियों में लगातार हो रही है लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने से किसानअधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर है.आपको बता दे कि जिले में चने की बुवाई का क्षेत्रफल 1,33,336 हैक्टेयर है. जिसमें चने की बम्पर फसल हुई है मगर अब तक हुई 12,072 क्विंटल की खरीद तो यह बता रही है कि समर्थन मूल्य पर खरीद करने की सरकार की मंशा ही नहीं है.

वहीं किसान हरभजन सिंह ने कहा कि सरकारी खरीद एजेंसी नमी का बहाना बताकर चने की खरीद नहीं कर रही है जबकि किसानों ने चना काफी दिनों तक सुखाकर मंडी में लाये हैं.वहीं नमी जांच में भी अंतर आने से किसान चिंतित हैं. मंडी में हुई जांच में चने में नमी 12 प्रतिशत बताया जा रही है.

वहीं अधिकारी अपने मनमुताबिक चने में 30 प्रतिशत नमी बताकर खरीद करने से इनकार कर रहे हैं. किसान कहते हैं कि चने की खरीद के एजेंसी ने जो मापदंड तय किये हैं उसके अनुसार क्षेत्र का 99 प्रतिशत किसान खरा नहीं उतर पा रहा है.

श्रीगंगानगर. किसानों की हाड़तोड़ मेहनत के बाद तैयार फसल अब समर्थन मूल्य पर नहीं बिक पा रही. जिसके चलते किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.चना खरीद एजेंसी राजफैड चने में नमी बताकर किसानों को समर्थन मूल्य पर चना खरीद के लिए लगातार चक्कर लगवा रही है.

सरकार खरीद एजेंसी चने की खरीद से कर रही इंकार

वहीं जिले में चने की आवक मंडियों में लगातार हो रही है लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने से किसानअधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर है.आपको बता दे कि जिले में चने की बुवाई का क्षेत्रफल 1,33,336 हैक्टेयर है. जिसमें चने की बम्पर फसल हुई है मगर अब तक हुई 12,072 क्विंटल की खरीद तो यह बता रही है कि समर्थन मूल्य पर खरीद करने की सरकार की मंशा ही नहीं है.

वहीं किसान हरभजन सिंह ने कहा कि सरकारी खरीद एजेंसी नमी का बहाना बताकर चने की खरीद नहीं कर रही है जबकि किसानों ने चना काफी दिनों तक सुखाकर मंडी में लाये हैं.वहीं नमी जांच में भी अंतर आने से किसान चिंतित हैं. मंडी में हुई जांच में चने में नमी 12 प्रतिशत बताया जा रही है.

वहीं अधिकारी अपने मनमुताबिक चने में 30 प्रतिशत नमी बताकर खरीद करने से इनकार कर रहे हैं. किसान कहते हैं कि चने की खरीद के एजेंसी ने जो मापदंड तय किये हैं उसके अनुसार क्षेत्र का 99 प्रतिशत किसान खरा नहीं उतर पा रहा है.


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From: Rajesh walia <rajesh.walia@etvbharat.com>
Date: Wed, May 1, 2019, 12:28 PM
Subject: Fwd: चने में नमि का अड़ंगा लगाकर सरकारी खरीद से इंकार।
To: EenaduIndia Rajasthan 1 <ghanendrasingh.s@etvbharat.com>



---------- Forwarded message ---------
From: SATVEER SINGH <satveersahara@gmail.com>
Date: Wed, 1 May 2019, 11:30
Subject: चने में नमि का अड़ंगा लगाकर सरकारी खरीद से इंकार।
To: <rajesh.walia@etvbharat.com>


हैडर   :  चने में नमि का अड़ंगा लगाकर सरकारी खरीद से इंकार।

एंकर  : श्रीगंगानगर में कृषि जिन्सों की सरकारी खरीद सरकने के अंदाज से चल रही है। चना खरीद की मंथर चाल तेज होने का नाम नहीं ले रही,वहीँ चने में नमी का अड़ंगा लगाकर खरीद एजेंसी राजफैड किसानो से चक्कर लगवा रही है.उधर किसानो द्वारा चना खरीद नहीं होने से हो रही परेशानी के चलते किसान अब मंडी में अपना माल आढ़तियों को घाटे में बेचने को मजबूर है.

वीओ  :  किसानो की हाड़तोड़ मेहनत के बाद तैयार फसल अब समर्थन मूल्य पर बिकने का नाम नहीं ले रही है.चना खरीद एजेंसी राजफैड चने में नमी बताकर किसानो को समर्थन मूल्य पर चना खरीद के लिए लगातार चक्कर लगवा रही है तो वहीँ किसान खरीद एजेंसी के अडंगो से अब परेशान नजर आने लगे है.श्रीगंगानगर जिले में चने की आवक मंडियों में लगातार हो रही है,लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने से किसान अधिकारियो के चक्कर लगाने को मजबूर है.जिले में अब तक हुई चना खरीद का आंकड़ा बताता है की खरीद की रफ्तार बहुत धीमी है.श्रीगंगानगर जिले में चने की बुवाई का क्षेत्रफल 133336 हैक्टेयर है.जिसमें किसानो को चने की बम्पर फसल हुई है मगर अब तक हुई 12072 किवंटल की खरीद तो यह बता रही है की समर्थन मूल्य पर खरीद करने की सरकार की मंसा ही नहीं है.किसान हरभजन सिंह की माने तो सरकार खरीद एजेंसी नमी का बहाना बताकर चने की खरीद नहीं कर रही है जबकि किसानो ने चना काफी दिनों तक सुखाकर मंडी में लाये है.वहीँ नमी जांच में भी अंतर आने से किसान चिंतित है मंडी में हुई जाँच में चने में नमी 12 प्रतिशत बताया जा रही है वहीँ अधिकारी अपने मनमुताबिक चने में 30 प्रतिशत नमि बताकर खरीद करने से इंकार कर रहे है.किसान कहते है की चने की खरीद के एजंसी ने जो मापदंड तय किये है उसके अनुसार क्षेत्र का 99 प्रतिशत किसान खरा नहीं उत्तर पा रहा है.ऐसे में अगर सरकार को चना समर्थन मूल्य पर खरीदना है तो नियमो में जब छूट देनी होगी तभी किसान का चना ख़रीदा जायेगा।वहीँ खरीद एजेंसी के अधिकारी कुछ अलग ही बता रहे है उनकी माने तो मंडी में चना अभी कम आ रहा है और रजिस्ट्रेशन लगातार हो रहे है.जबकि किसान रजिस्टरें नहीं होने के भी आरोप लगा रहे है.

बाइट  : हरभजन सिंह,किसान 
बाइट  : सोमवीर,किसान 
बाइट  : नरेंद्र शर्मा,खरीद एजेंसी कर्मचारी 
बाइट  : राजेंद्र,किसान 
बाइट  : किसान 

वीओ  : किसानो का चना खरीद एजेंसी भले ही नमी का बहाना बनाकर समर्थन मूल्य पर नहीं खरीद रही है,लेकिन वहीँ चना व्यापारी अपने मनमुताबिक भाव में खरीद रहे है.ऐसे में किसानो को सरकारी भाव नहीं मिलने से नुक्सान हो रहा है.लेकिन क्या मंडी के व्यापारी यही चना बाद में सर्मथन मूल्य पर नहीं बेच देगें इसकी क्या गारंटी है.अगर ऐसा है तो किसानो का चना नमि बताकर नहीं खरीदने के पीछे एक बहुत बड़ा मुनाफाखोरी का रैकेट काम कर रहा है.जिसको सरकार को पकड़ना चाहिए।






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