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एक-दूसरे के सहयोग से समाज की दिशा और दशा में होगा बदलाव : ओमप्रकाश गालव - Rajasthan

श्रीगंगानगर में भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन का राज्यस्तरीय स्थापना दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान वक्ताओं ने आपसी सामंजस्य को बढ़ाने पर जोर दिया...

organizing state-level establishment day program of Prajapati Heroes Organization in Sriganganagar
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Published : May 30, 2019, 8:35 PM IST

श्रीगंगानगर. भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन का पांचवा राज्यस्तरीय स्थापना दिवस कार्यक्रम श्रीगंगानगर में कुम्हार धर्मशाला में आयोजित हुआ. इस मौके पर समाज के युवाओं ने अपेक्षाएं पूरी करने के लिए आपसी एकजुटता जरूरी होना बताया. कार्यक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त माटी कलाकार ओमप्रकाश गालव भी शामिल हुए. उन्होंने आपसी सामंजस्य को बढ़ाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि सभी एक दूसरे का सहयोग करेंगे तो समाज की दशा और दिशा में मनोवांछित बदलाव आएगा.

एक-दूसरे के सहयोग से समाज की दिशा और दशा में होगा बदलाव- ओमप्रकाश गालव

जानकारी के मुताबिक अलवर के गालव ने अपनी प्रतिभा का परचम पूरी दुनिया में फहराया है. वे राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं. साथ ही यूनेस्को से अंतरराष्ट्रीय सम्मान ले चुके हैं. ओमप्रकाश गालव ने अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित करते हुए कहा कि मिट्टी की बनी सबसे छोटी और बड़ी कलाकृति का रिकॉर्ड उनके नाम है. गालव को चीन सहित कई देशों ने भी पुरस्कृत किया है. गालव के नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड है, जिसमें 1.2 एमएम का पोट,1.8 सेंटीमीटर का हुक्का,डेढ सेंटीमीटर की लालटेन, 10 फीट की बोतल, 14 फीट का हुक्का सहित ऐसे वस्तुएं उन्होंने मिट्टी से तैयार की है.

श्रीगंगानगर. भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन का पांचवा राज्यस्तरीय स्थापना दिवस कार्यक्रम श्रीगंगानगर में कुम्हार धर्मशाला में आयोजित हुआ. इस मौके पर समाज के युवाओं ने अपेक्षाएं पूरी करने के लिए आपसी एकजुटता जरूरी होना बताया. कार्यक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त माटी कलाकार ओमप्रकाश गालव भी शामिल हुए. उन्होंने आपसी सामंजस्य को बढ़ाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि सभी एक दूसरे का सहयोग करेंगे तो समाज की दशा और दिशा में मनोवांछित बदलाव आएगा.

एक-दूसरे के सहयोग से समाज की दिशा और दशा में होगा बदलाव- ओमप्रकाश गालव

जानकारी के मुताबिक अलवर के गालव ने अपनी प्रतिभा का परचम पूरी दुनिया में फहराया है. वे राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं. साथ ही यूनेस्को से अंतरराष्ट्रीय सम्मान ले चुके हैं. ओमप्रकाश गालव ने अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित करते हुए कहा कि मिट्टी की बनी सबसे छोटी और बड़ी कलाकृति का रिकॉर्ड उनके नाम है. गालव को चीन सहित कई देशों ने भी पुरस्कृत किया है. गालव के नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड है, जिसमें 1.2 एमएम का पोट,1.8 सेंटीमीटर का हुक्का,डेढ सेंटीमीटर की लालटेन, 10 फीट की बोतल, 14 फीट का हुक्का सहित ऐसे वस्तुएं उन्होंने मिट्टी से तैयार की है.

Intro:भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन का पांचवा राज्यस्तरीय स्थापना दिवस कार्यक्रम श्रीगंगानगर में कुम्हार धर्मशाला में आयोजित हुआ। इस मौके पर समाज के युवाओं ने अपेक्षाएं पूरी करने के लिए आपसी एकजुटता जरूरी होना बताया। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त माटी कलाकार ओमप्रकाश गालव भी शामिल हुए जिन्होंने आपसी सामंजस्य को और बढ़ाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि सभी एक दूसरे को सहयोग करेंगे तो समाज की दशा और दिशा में मनोवांछित बदलाव आएगा।


Body:मूल रूप से अलवर के गालव ने अपनी प्रतिभा का परचम पूरी दुनिया में फहराया है। राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके,इसके अलावा यूनेस्को से कई बार अंतरराष्ट्रीय सम्मान ले चुके हैं मिट्टी के इस कलाकार ने श्रीगंगानगर में ईटीवी भारत से अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित करते हुए बताया कि मिट्टी की बनी सबसे छोटी और बड़ी कलाकृति का रिकॉर्ड उनके नाम है। वहीं उन्होंने बताया कि वह माटी कला में अंतरराष्ट्रीय सम्मान से वे नवाजे जा चुके हैं.गालव को चीन सहित कई देशों ने भी पुरस्कृत किया है मिट्टी कलाकार गालव कितने ही देशों में खुद जा चुके हैं और विदेशों में कितनी ही जगह उनकी बनाई वस्तुएं प्रदर्शित हो चुकी है। गालव के नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड है, जिसमें 1.2 एमएम का पोट,1.8 सेंटीमीटर का हुक्का,डेढ सेंटीमीटर की लालटेन, 10 फीट की बोतल, 14 फीट का हुक्का सहित ऐसे अनेक अजूबे उन्होंने मिट्टी से तैयार किए हैं. बाइट : ओमप्रकाश गालव, मिट्टी कलाकार बाइट पूर्ण राम घोड़ेला ,कुम्हार समिति सदस्य


Conclusion:मिट्टी की कलाकृतियां हुई प्रदर्शित
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