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SPECIAL: रैन बसेरों में माकूल इंतजाम नहीं, सड़कों पर रात बिताने को मजबूर राहगीर - shelters home of rajasthan

श्रीगंगानगर में राहगीरों और गरीबों के लिए रैन बसेरा तो बना दिया गया है, लेकिन इन रैन बसेरों में रहने लायक इंतजाम है या नहीं यह बड़ा मुद्दा है. सर्दी में कोई भी बेघर रात को खुले आसमान के नीचे सड़क पर ना सोए इसके लिए देश की सबसे बड़ी अदालत ने सरकारों को रैन बसेरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. दूसरी तरफ रैन बसेरों में मूलभूत व्यवस्थाएं नहीं होने के चलते लोग इनमें रुकने की बजाए सड़क पर ही रात बिता रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

रैन बसेरों की स्थिति, conditions of Night shelters
रैन बसेरों में नहीं है माकूल इंतजाम
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Published : Jan 9, 2021, 2:23 PM IST

श्रीगंगानगर. रैन बसेरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को भले ही सख्त आदेश दे रखे हैं, लेकिन आदेशों की पालना किस कदर हो रही है यह रैन बसेरों के अंदर की व्यवस्थाओं को देखने से पता चलता है. जिले की नगर परिषद की ओर से संचालित रैन बसेरों में मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन फिर भी नगर परिषद अधिकारी रैन बसेरों मे व्यवस्था सही होने के दावे कर रहे हैं.

रैन बसेरों में नहीं है माकूल इंतजाम

सर्दी में कोई भी बेघर रात को खुले आसमान के नीचे सड़क पर ना सोए इसके लिए देश की सबसे बड़ी अदालत ने सरकारों को रैन बसेरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. दूसरी तरफ रैन बसेरों में मूलभूत व्यवस्थाएं नहीं होने के चलते लोग इनमें रुकने की बजाए सड़क पर ही रात बिता रहे हैं.

श्रीगंगानगर क्षेत्र में इन दिनों कड़ाके की सर्दी अपने चरम पर है. पारा जमाव बिंदु की ओर जा रहा है. इस दौरान शहर में विभिन्न जगहों पर बेसहारा लोग डिवाइड, केंद्रीय बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित अन्य जगहों पर कड़ाके की सर्दी में रात गुजारते मिल जाएंगे. नगर परिषद की ओर से संचालित आश्रय स्थलों यानी रैन बसेरों का जायजा लिया तो अनेको खामियां उजागर हुई. यहां रात गुजार रहे लोग परिषद की व्यवस्थाओं से असंतुष्ट नजर आए.

रैन बसेरों की स्थिति, conditions of Night shelters
खिड़कियों के टूटे शिशे से आती है सर्द हवा

शहर के दोनों आश्रय स्थल पर अनेक प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की दरकार है. इनके दुरुस्त होने के बाद लोगों को और भी अधिक राहत मिलेगी. सभापति और आयुक्त ने बीते दिनों आश्रय स्थल रैन बसेरों का दौरा कर खामियां दुरुस्त करवाने का भरोसा भी दिया था, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ.

पढ़ेंः Special : 'कटोरे' की जगह भीख मांगने वाले बच्चों ने थामी 'कलम', आखर ज्ञान के साथ सीख रहे जीवन जीने का सलीका

परिषद पेरोकार प्रेम चुघ की माने तो रेन बसेरों में सुविधाएं अच्छी है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उल्ट है. दोनों ही रैन बसेरों में रुकने वालों के लिए भोजन की कोई व्यवस्था नहीं है. तो वहीं, बीमार हो जाने पर मेडिकल तक की कोई व्यवस्था नहीं है. वार्ड नं. 65 की शास्त्री बस्ती में चल रहे रैन बसेरा में महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग बेड जरुर लगे है, लेकिन टूटी खिड़कियां सर्दी को रोकने में कारगर नही हैं. यहां 10 लोग रात्रि विश्राम करते हैं. आश्रय स्थल में मौजूद युवक ने बताया कि मेडिकल की व्यवस्था और खाने की व्यवस्था नहीं है. मजदूरी का कार्य करने वाला यह युवक पिछले कई दिनों से यहां रात्रि विश्राम करता है. दोनों ही आश्रय स्थलों में खिड़कियों पर कांच टूटे हुए हैं. पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. बाथरुम में लाइट तक नहीं है.

रैन बसेरों की स्थिति, conditions of Night shelters
बाथरूम में हो रहा पानी का रिसाव

पढ़ेंः Special: अलवर में सरकारी योजनाओं का पलीता, अस्पताल के बजाय घरों पर हो रही डिलीवरी

इसी तरह का हाल पुरानी आबादी में सुखवंत सिनेमा के पास चल रहे आश्रय स्थल का है. जहां महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग कमरे में बेड की व्यवस्था तो है, लेकिन शौचालय की व्यवस्था सही नहीं है. शौचालय में चारों तरफ से पानी का रिसाव हो रहा है. चौकीदार सुनील ने बताया कि यहां रह रहे लोगों के लिए नियम अनुसार सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, लेकिन मेडिकल की व्यवस्था यहां भी नहीं है. इस रैन बसेरे में कई जगहों पर फर्श भी टूटा हुआ है. कई माह से बाथरूम के पीछे पानी का रिसाव हो रहा है. यहां रुकने वाले भिखारी ने बताया की खाने की व्यवस्था भी नहीं है.

श्रीगंगानगर. रैन बसेरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को भले ही सख्त आदेश दे रखे हैं, लेकिन आदेशों की पालना किस कदर हो रही है यह रैन बसेरों के अंदर की व्यवस्थाओं को देखने से पता चलता है. जिले की नगर परिषद की ओर से संचालित रैन बसेरों में मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन फिर भी नगर परिषद अधिकारी रैन बसेरों मे व्यवस्था सही होने के दावे कर रहे हैं.

रैन बसेरों में नहीं है माकूल इंतजाम

सर्दी में कोई भी बेघर रात को खुले आसमान के नीचे सड़क पर ना सोए इसके लिए देश की सबसे बड़ी अदालत ने सरकारों को रैन बसेरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. दूसरी तरफ रैन बसेरों में मूलभूत व्यवस्थाएं नहीं होने के चलते लोग इनमें रुकने की बजाए सड़क पर ही रात बिता रहे हैं.

श्रीगंगानगर क्षेत्र में इन दिनों कड़ाके की सर्दी अपने चरम पर है. पारा जमाव बिंदु की ओर जा रहा है. इस दौरान शहर में विभिन्न जगहों पर बेसहारा लोग डिवाइड, केंद्रीय बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित अन्य जगहों पर कड़ाके की सर्दी में रात गुजारते मिल जाएंगे. नगर परिषद की ओर से संचालित आश्रय स्थलों यानी रैन बसेरों का जायजा लिया तो अनेको खामियां उजागर हुई. यहां रात गुजार रहे लोग परिषद की व्यवस्थाओं से असंतुष्ट नजर आए.

रैन बसेरों की स्थिति, conditions of Night shelters
खिड़कियों के टूटे शिशे से आती है सर्द हवा

शहर के दोनों आश्रय स्थल पर अनेक प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की दरकार है. इनके दुरुस्त होने के बाद लोगों को और भी अधिक राहत मिलेगी. सभापति और आयुक्त ने बीते दिनों आश्रय स्थल रैन बसेरों का दौरा कर खामियां दुरुस्त करवाने का भरोसा भी दिया था, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ.

पढ़ेंः Special : 'कटोरे' की जगह भीख मांगने वाले बच्चों ने थामी 'कलम', आखर ज्ञान के साथ सीख रहे जीवन जीने का सलीका

परिषद पेरोकार प्रेम चुघ की माने तो रेन बसेरों में सुविधाएं अच्छी है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उल्ट है. दोनों ही रैन बसेरों में रुकने वालों के लिए भोजन की कोई व्यवस्था नहीं है. तो वहीं, बीमार हो जाने पर मेडिकल तक की कोई व्यवस्था नहीं है. वार्ड नं. 65 की शास्त्री बस्ती में चल रहे रैन बसेरा में महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग बेड जरुर लगे है, लेकिन टूटी खिड़कियां सर्दी को रोकने में कारगर नही हैं. यहां 10 लोग रात्रि विश्राम करते हैं. आश्रय स्थल में मौजूद युवक ने बताया कि मेडिकल की व्यवस्था और खाने की व्यवस्था नहीं है. मजदूरी का कार्य करने वाला यह युवक पिछले कई दिनों से यहां रात्रि विश्राम करता है. दोनों ही आश्रय स्थलों में खिड़कियों पर कांच टूटे हुए हैं. पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. बाथरुम में लाइट तक नहीं है.

रैन बसेरों की स्थिति, conditions of Night shelters
बाथरूम में हो रहा पानी का रिसाव

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इसी तरह का हाल पुरानी आबादी में सुखवंत सिनेमा के पास चल रहे आश्रय स्थल का है. जहां महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग कमरे में बेड की व्यवस्था तो है, लेकिन शौचालय की व्यवस्था सही नहीं है. शौचालय में चारों तरफ से पानी का रिसाव हो रहा है. चौकीदार सुनील ने बताया कि यहां रह रहे लोगों के लिए नियम अनुसार सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, लेकिन मेडिकल की व्यवस्था यहां भी नहीं है. इस रैन बसेरे में कई जगहों पर फर्श भी टूटा हुआ है. कई माह से बाथरूम के पीछे पानी का रिसाव हो रहा है. यहां रुकने वाले भिखारी ने बताया की खाने की व्यवस्था भी नहीं है.

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