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श्रीगंगानगर : कल्याण भूमि प्रबंधन में अस्थियों को रखने की जगह पड़ रही कम, फुल हुए सभी लॉकर

प्रदेश में हर दिन कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं, श्रीगंगानगर में कल्याण भूमि प्रबंधन में अस्थियों को रखने के लिए जगह कम पड़ने लगी है. कल्याण भूमि में सभी लॉकर अस्थि विसर्जन कलश से भर चुके हैं. जिसके बाद अब अस्थियों को डिब्बों में बंद कर उन पर स्लिप लगाकर रखा जा रहा है.

श्रीगंगानगर हिंदी न्यूज, Bone urn immersion
श्रीगंगानगर में स्थित कल्याण भूमि अस्थि कलश से हुई फुल
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Published : May 9, 2021, 5:45 PM IST

श्रीगंगानगर. करोना से मौतों के आंकड़े बढ़ने के साथ कल्याण भूमि प्रबंधन के सामने अस्थियों को संभाल कर रखने की जगह कम पड़ रही है. शहर की दो मुख्य श्मशान भूमियों में करीब 272 से अधिक अस्थि कलश विसर्जन के इंतजार में हैं. कोरोना की दूसरी लहर बड़ी घातक बन कर आई है. संक्रमित मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं मौत के आंकड़ों में वृद्धि हुई है.

ऐसे में करोना और सामान्य कई लोग जिनके परिवारों में मौत हुई है वो अस्थि विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं. कोरोना महामारी काल में अपनों से अपने दूर हो गए हैं. मरने के बाद भी मोक्ष की राह आसान नहीं हो रही है. यह सब कुछ बढ़ते संक्रमण के कारण हो रहा है. मुक्तिधामों में अब अस्थियां रखने की जगह नहीं बची है. लॉकर फुल हो चुके हैं. मजबूरी में अस्थियों को अब डिब्बों में रखकर स्लिप लगाई जा रही है.

पदमपुर रोड स्थित श्री कल्याण भूमि के मैनेजर हरीश कुमार ने बताया कि उनके पास 189 लॉकर थे जो अस्थियों से फूल हो गए हैं. अब मृतक के परिजनों से डिब्बा मंगवाया जा रहा है. उस पर स्लिप लगाकर फर्श पर रखा जा रहा है. अब तक करीब 53 डिब्बों में अस्थियां पड़ी है.

पढ़ें- Special: राजस्थान पुलिस के पास अत्याधुनिक हथियार और कमांडो की स्पेशल टीम, क्रिमिनल इंटेलिजेंस बड़ी चुनौती

इसी तरह हनुमानगढ़ रोड स्थित श्री शिव भोले कल्याण भूमि के मैनेजर ने बताया कि उनके पास 30 लॉकर थे जो फूल है. अब डिब्बे में अस्थियां डाली जा रही है. उस पर स्लिप लगाकर डिब्बे को अलमारी में रखा जा रहा है. ऐसे में जैसे-जैसे करोना संक्रमित रोगियों के मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे कल्याण भूमि में भी उनकी अस्थियां रखने की परेशानी खड़ी होने लगी है. लगातार हो रही मौतों और अस्थियां विसर्जन नहीं होने से अब श्मशान भूमि के लॉकर अस्थियों से भर चुके हैं.

श्रीगंगानगर. करोना से मौतों के आंकड़े बढ़ने के साथ कल्याण भूमि प्रबंधन के सामने अस्थियों को संभाल कर रखने की जगह कम पड़ रही है. शहर की दो मुख्य श्मशान भूमियों में करीब 272 से अधिक अस्थि कलश विसर्जन के इंतजार में हैं. कोरोना की दूसरी लहर बड़ी घातक बन कर आई है. संक्रमित मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं मौत के आंकड़ों में वृद्धि हुई है.

ऐसे में करोना और सामान्य कई लोग जिनके परिवारों में मौत हुई है वो अस्थि विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं. कोरोना महामारी काल में अपनों से अपने दूर हो गए हैं. मरने के बाद भी मोक्ष की राह आसान नहीं हो रही है. यह सब कुछ बढ़ते संक्रमण के कारण हो रहा है. मुक्तिधामों में अब अस्थियां रखने की जगह नहीं बची है. लॉकर फुल हो चुके हैं. मजबूरी में अस्थियों को अब डिब्बों में रखकर स्लिप लगाई जा रही है.

पदमपुर रोड स्थित श्री कल्याण भूमि के मैनेजर हरीश कुमार ने बताया कि उनके पास 189 लॉकर थे जो अस्थियों से फूल हो गए हैं. अब मृतक के परिजनों से डिब्बा मंगवाया जा रहा है. उस पर स्लिप लगाकर फर्श पर रखा जा रहा है. अब तक करीब 53 डिब्बों में अस्थियां पड़ी है.

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इसी तरह हनुमानगढ़ रोड स्थित श्री शिव भोले कल्याण भूमि के मैनेजर ने बताया कि उनके पास 30 लॉकर थे जो फूल है. अब डिब्बे में अस्थियां डाली जा रही है. उस पर स्लिप लगाकर डिब्बे को अलमारी में रखा जा रहा है. ऐसे में जैसे-जैसे करोना संक्रमित रोगियों के मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे कल्याण भूमि में भी उनकी अस्थियां रखने की परेशानी खड़ी होने लगी है. लगातार हो रही मौतों और अस्थियां विसर्जन नहीं होने से अब श्मशान भूमि के लॉकर अस्थियों से भर चुके हैं.

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