श्रीगंगानगर. किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर घंटों तक रास्ता रोककर जिला कलेक्टर मुर्दाबाद के नारे लगाए. आक्रोशित किसान ट्रैक्टर लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. जहां पर इन्होंने जिला कलेक्टर कार्यालय के मुख्य गेट के बाहर ट्रैक्टर लगाकर नारेबाजी करने लगे.
किसानों की माने तो पंजाब से आने वाली गंगनहर में जिले के किसानों का पानी निर्धारित किया हुआ है. फिलहाल, करीब 2,600 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए. बावजूद इसके जिले में किसानों को 1,600 क्यूसेक ही पानी मिल रहा है, जिसके चलते अधिकतर किसानों की बारियां पिट रही हैं. किसानों की बारियां पीटने से उनकी फसलें खराब हो रही हैं.
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आक्रोशित किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर पानी चोरी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है. किसानों ने जिला कलेक्टर को बताया कि जब पंजाब से गंगनहर में पानी 2,600 क्यूसेक निर्धारित किया हुआ है. फिर जिले में किसानों को 1,600 क्यूसेक पानी ही क्यों मिल रहा है. आक्रोशित किसानों ने सिंचाई अधिकारियों पर को कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि सिंचाई अधिकारी खुद पानी चोरी करवाते हैं, जिसकी वजह से किसानों को उनके हक का पूरा पानी नहीं मिल रहा है.
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सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता प्रदीप रुसतगी पर आरोप लगाते हुए किसानों ने कहा कि जब गंगनहर की क्षमता पूरा पानी लेने की है. फिर भी नहर में पानी निर्धारित मात्रा में नहीं आ रहा है. प्रदर्शन में खास बात यह नजर आएगी की कांग्रेस नेता भी अपनी ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दिखाई दिए. कांग्रेसी नेताओं ने जिला प्रशासन के खिलाफ और सिंचाई विभाग के खिलाफ आक्रोश प्रकट करते हुए किसानों की वाजिब मांगों का समर्थन किया. साथ ही सिंचाई अधिकारियों और जिला कलेक्टर को समस्या का समाधान तुरंत करने की मांग की है.
किसान जब कलेक्ट्रेट पर हंगामा कर रहे थे तो एक बार पुलिस और किसानों के बीच टकराहट हुई. लेकिन पुलिस के अधिकारियों ने मौके पर स्थिति को सम्भालते हुए आक्रोशित किसानों को शांत किया. माकपा नेता शयोपत मेघवाल ने कहा कि जब पंजाब से नहरों में पूरा पानी लिया जा रहा है. बावजूद उसके किसानों को उनके खेतों में पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त करवाने और पानी चोरी करवाने वाले सिंचाई अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने जल्दी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो किसान बड़ी योजना बनाकर प्रशासन को ठप करेंगे.