श्रीगंगानगर. केंद्र की मोदी सरकार का एक कदम अब लोगों को ना केवल जम्मू-कश्मीर में जाने से राहत देगा. बल्कि वहां स्थाई रूप से निवास करने का भी रास्ता खोल दिया है. यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद- 370 और 35 ए हटने से अब लोगों का नजरिया बदलने लगा है. अनुच्छेद- 370 हटते ही अब वहां की बेटियां बहू बनकर सामने आ रही हैं. ठीक ऐसा ही मामला श्रीगंगानगर में सामने आया है. जब यहां के अक्षय अरोड़ा ने जम्मू-कश्मीर की लड़की से शादी करके वहां की संस्कृति में घुलने मिलने का प्रयास किया है.
श्रीगंगानगर का युवक और जम्मू-कश्मीर की युवती का परिचय दिल्ली में हुआ था. अनुच्छेद- 370 के कारण पिछले 2 सालों से प्रेम संबंधों के कारण दोनों विवाह बंधन में नहीं बंध पाए थे. लेकिन अब एक देश, एक संविधान होने पर दो दिलों के बीच की दूरियां भी ज्यादा दिन तक नहीं रह सकी. अनुच्छेद- 370 और 35 ए के कारण जो समस्या थी. वह अब खत्म हो गई है. पुरानी आबादी के चांदनी चौक पर रहने वाले अक्षय अरोड़ा बताते हैं कि 2 साल पहले वह दिल्ली में जॉब कर रहे थे. वहीं पर जम्मू की कामिनी से उनकी मुलाकात हुई. परिचय हुआ तो पता चला कि कामिनी राजपूत अपनी बुआ से मिलने कुछ दिनों के लिए दिल्ली आई थी.
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दिल्ली में हुई कामिनी और अक्षय की मुलाकात
धीरे-धीरे दोनों की मुलाकात प्यार में बदल गई. कामिनी मूल रूप से जम्मू की रहने वाली है. जम्मू में ही वह पढ़ाई कर रही है. कुछ दिनों के लिए वह दिल्ली अपनी बुआ से मिलने के लिए गई थी और वहां उसकी मुलाकात अक्षय अरोड़ा से हो गई थी. दोनों के बीच जाति भेद हैं. कामिनी जाति से ब्राह्मण राजपूत हैं और अक्षय अरोड़ा है. दोनों के बीच यह भेद भी कोई समस्या नहीं थी. अनुच्छेद 370 के कारण दोनों के बीच जो संशय था. वह भी अब खत्म हो गया था. ये दोनों बताते है कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद दोनों के परिवार के सदस्य भी सहमत हो गए और अब वह विवाह बंधन में बंध गए हैं.
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शादी अंतर राज्य विशेष अधिनियम में पंजीकृत
श्रीगंगानगर में यह पहला मौका है जब जम्मू-कश्मीर की बेटी श्रीगंगानगर में बहू बनकर आई है. जिला कलेक्टर की मुहर लगने के बाद अब कामिनी-अक्षय का विवाह अंतर राज्य विशेष अधिनियम में भी पंजीकृत हो गया है. अक्षय-कामिनी दोनों अपने सपनों को पूरा होते देख काफी खुश हैं. शादी होने के बाद अब अक्षय के परिवार ने अक्टूबर के महिने में रिसेप्शन का कार्यक्रम तय किया है. जिसमें जम्मू - कश्मीर से काफी रिश्तेदार श्रीगंगानगर में आएंगे. अक्षय अपने माता-पिता के साथ श्रीगंगानगर में कपड़ों का व्यवसाय करते है.
गौरतलब हो कि इस अनुच्छेद के तहत बाहर का कोई भी व्यक्ति यहां किसी प्रकार की संपत्ति नहीं खरीद सकता है. यहां की महिला से शादी के बाद उसकी संपत्ति पर अपना हक भी नहीं जमा सकता था. लेकिन जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद अब वहां से शादी करने वाली बेटियां अपने पिता के हिस्से में अपना हक ले सकती हैं.