श्रीगंगानगर. कृषि प्रधान कहे जाने वाले श्रीगंगानगर जिले में हर बार समर्थन मूल्य पर खरीद की अव्यवस्था बनी रहती है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान भारतीय खाद्य निगम की ओर से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की जो व्यवस्था इस बार बनाई है, वह न केवल किसानों के लिए राहत भरी है. बल्कि एफसीआई भी खरीद से खुश है. एफसीआई में इस बार खरीद की अवधि बढ़ाइ गई है. साथ ही खरीद का टारगेट भी बढ़ने का अनुमान है.
राज्य में सबसे ज्यादा गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में होता है. समर्थन मूल्य पर इस बार की जा रही गेहूं की खरीद का टारगेट भले ही 11.71 लाख मीट्रिक टन का है, लेकिन मंडी में व्यापारियों की हड़ताल के चलते यह खरीद लक्ष्य और अधिक रहने की संभावना है. हड़ताल के कारण किसान का माल व्यापारी नहीं खरीद रहे हैं. जिसके चलते यह माल भी किसान एफसीआई को बेचेंगे. दोनों जिलों में करीब 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन होने का आंकड़ा है.
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एफसीआई डीएम ने बताया कि अब तक 4.15 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है और करीब 400 करोड़ से अधिक का भुगतान भी किसानों को किया जा चुका है. कोविड-19 को देखते हुए मंडियों में खरीद के दौरान लगातार सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जा रही है. किसानों को सीमित संख्या में ही मंडी आने के लिए अनुमति दी गई है. दोनों जिलों में 50 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. इनके अलावा गौण मंडियों में जो खरीद केंद्र बनाए गए थे. वहां पर खरीद नहीं की जा रही है.
एफसीआई डीएम लोकेश ब्रहम भट्ट ने बताया कि किसानों को 72 घंटे के अंदर भुगतान किया जा रहा है. ताकि किसान को अपना माल बेचने के बाद भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना पड़े. वहीं गेहूं खरीद के बाद उठाव को लेकर इस बार बेहतर व्यवस्था की गई है. यही कारण है कि अब तक उठाव में किसी प्रकार का कोई व्यवधान नहीं रहा है.
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एफसीआई डीएम ने बताया कि हर बार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के दौरान उठाव में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता रहा है. लेकिन इस बार मंडी में गेहूं लिमिटेड मात्रा में आने से उठाव में दिक्कत नहीं आ रही है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 80 प्रतिशत से अधिक खरीदे गए गेहूं का उठाव हो चुका है. कोविड-19 को देखते हुए एफसीआई ने खरीद का समय भी इस बार 30 जून तक किया है.