श्रीगंगानगर. जिले में पंजाब से आने वाली गंगनहर और आईजीएनपी में गंदा पानी छोड़ने के बाद जिले में बीमारियां फैलने का डर सताने लगा है. नहरबंदी के दौरान गंदे पानी को रोकने और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर सोमवार को किसानों ने जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन को ज्ञापन सौंपा है.
इससे पहले किसान गुरुद्वारा सिंह सभा में एकत्रित हुए और गंदे पानी को बंद करवाने को लेकर आन्दोलन की रणनीति अपनाने पर चर्चा की. किसानों ने कहा कि नहरबंदी के दौरान पंजाब से जो पानी इन दिनों नहरों में आ रहा है, वह पूरी तरह से काला और दूषित है. जिसको देखकर पता चलता है पानी पीने योग्य नही है.
जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने आए किसानों ने कहा कि बार-बार अधिकारियों को अवगत करवाने के बावजूद जहरीले पानी पर रोक नहीं लगाई जा रही है. किसानों ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि पंजाब सरकार से बातचीत कर दूषित पानी को रुकवाने के लिए उचित कार्रवाई कर स्थाई समाधान किया जाए. उन्होने कहा कि जिले में जिस प्रकार से दूषित पेयजल की सप्लाई हो रही है. उससे जनता के स्वास्थ्य के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है.
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जिसके परिणाम आने वाले समय में गंभीर आएंगे. यह दूषित पानी नहर बंदी के दौरान पंजाब से आ रहा है लेकिन पंजाब सरकार इसको रोकने के लिए बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है. यहीं दूषित पानी जलदाय विभाग की ओर से स्टोर करके शहर और गांव में सप्लाई किया जा रहा है.
ऐसे में इस पानी से गर्मी के सीजन में भयंकर बीमारियां फैलने का खतरा मंडरा रहा है. ज्ञापन देने आए किसानों ने मांग की है कि राज्य सरकार ने जिले के लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए दूषित पेयजल सप्लाई पर रोक नहीं लगवाई तो किसान सड़कों पर उतरकर जन आन्दोलन करेंगे.