ETV Bharat / state

श्रीगंगानगर: कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसानों ने किया विरोध-प्रदर्शन

author img

By

Published : Jul 20, 2020, 10:38 PM IST

केंद्र सरकार की ओर से हालिया लागू किए गए तीन कृषि अध्यादेश और डीजल के दामों में हुई वृद्धि के विरोध में करणपुर में किसानों ने रोष प्रकट किया. वहीं किसानों ने सरकार से इन तीनों अध्यादेशों को वापस लेने और डीजल के दाम कम करने की मांग की.

Agriculture Ordinance Opposition, Farmer's Protest
कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसानों किया विरोध प्रदर्शन

श्रीगंगानगर. हाल ही में केंद्र सरकार ने तीन कृषि अध्यादेश लागू किए हैं. साथ ही डीजल के दामों में बढ़ोतरी की है. जिसको लेकर करणपुर में किसानों ने रोष प्रकट किया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार के ये सभी कदम किसान विरोधी हैं.

कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसानों किया विरोध प्रदर्शन

किसानों ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के दौरान कृषि क्षेत्र/किसान की मेहनत के कारण ही देश की अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा है. ऐसी महामारी में जब देश की संसद भी बंद है, उस समय का फायदा उठाकर केंद्र सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से बिना किसानों की सलाह मशविरा किए ये कृषि अध्यादेश ले आई है. इन आदेशों के कारण किसानों के भविष्य एवं खाद्य सुरक्षा पर गंभीर संकट मंडराने लगा है.

पढ़ें- करौली: पेयजल की समस्या से त्रस्त आनंद विहार कॉलोनी के लोगों ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

किसानों का कहना है की एक तरफ केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है, लेकिन दूसरी तरफ टैक्स लगा-लगा कर डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर किसानों की फसलों की लागत बढ़ा दी है. जिससे किसानों के सामने आर्थिक गंभीर संकट खड़ा हो गया है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम न्यूनतम स्तर पर हैं, लेकिन किसानों को 86 प्रति/लीटर डीजल खरीदना पड़ रहा है.

पढ़ें- अजमेर के केकड़ी में बिजली बिलों में बढ़ोतरी पर उपभोक्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन

किसानों की मांग है कि कृषि विरोधी तीनों अध्यादेश को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए. पहले की तरह मंडीकरण का ढांचा बना रहना चाहिए और किसानों की मिलने वाली फसल की पेमेंट भी पहले की तरह आढ़तियों के मध्यम से हो, ताकि बैंक किसानों की कर्जे की पेमेंट न कट सके. साथ ही डीजल पर लगे टैक्स को कम करके दामो में भारी कमी की जाए. नंबर 3 बिजली का निजीकरण रोका जाए, अन्यथा 20 जुलाई को जिले के हजारों मजदूर व किसान आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रसाशन की होगी.

श्रीगंगानगर. हाल ही में केंद्र सरकार ने तीन कृषि अध्यादेश लागू किए हैं. साथ ही डीजल के दामों में बढ़ोतरी की है. जिसको लेकर करणपुर में किसानों ने रोष प्रकट किया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार के ये सभी कदम किसान विरोधी हैं.

कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसानों किया विरोध प्रदर्शन

किसानों ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के दौरान कृषि क्षेत्र/किसान की मेहनत के कारण ही देश की अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा है. ऐसी महामारी में जब देश की संसद भी बंद है, उस समय का फायदा उठाकर केंद्र सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से बिना किसानों की सलाह मशविरा किए ये कृषि अध्यादेश ले आई है. इन आदेशों के कारण किसानों के भविष्य एवं खाद्य सुरक्षा पर गंभीर संकट मंडराने लगा है.

पढ़ें- करौली: पेयजल की समस्या से त्रस्त आनंद विहार कॉलोनी के लोगों ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

किसानों का कहना है की एक तरफ केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है, लेकिन दूसरी तरफ टैक्स लगा-लगा कर डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर किसानों की फसलों की लागत बढ़ा दी है. जिससे किसानों के सामने आर्थिक गंभीर संकट खड़ा हो गया है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम न्यूनतम स्तर पर हैं, लेकिन किसानों को 86 प्रति/लीटर डीजल खरीदना पड़ रहा है.

पढ़ें- अजमेर के केकड़ी में बिजली बिलों में बढ़ोतरी पर उपभोक्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन

किसानों की मांग है कि कृषि विरोधी तीनों अध्यादेश को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए. पहले की तरह मंडीकरण का ढांचा बना रहना चाहिए और किसानों की मिलने वाली फसल की पेमेंट भी पहले की तरह आढ़तियों के मध्यम से हो, ताकि बैंक किसानों की कर्जे की पेमेंट न कट सके. साथ ही डीजल पर लगे टैक्स को कम करके दामो में भारी कमी की जाए. नंबर 3 बिजली का निजीकरण रोका जाए, अन्यथा 20 जुलाई को जिले के हजारों मजदूर व किसान आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रसाशन की होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.