श्रीगंगानगर. हाल ही में केंद्र सरकार ने तीन कृषि अध्यादेश लागू किए हैं. साथ ही डीजल के दामों में बढ़ोतरी की है. जिसको लेकर करणपुर में किसानों ने रोष प्रकट किया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार के ये सभी कदम किसान विरोधी हैं.
किसानों ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के दौरान कृषि क्षेत्र/किसान की मेहनत के कारण ही देश की अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा है. ऐसी महामारी में जब देश की संसद भी बंद है, उस समय का फायदा उठाकर केंद्र सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से बिना किसानों की सलाह मशविरा किए ये कृषि अध्यादेश ले आई है. इन आदेशों के कारण किसानों के भविष्य एवं खाद्य सुरक्षा पर गंभीर संकट मंडराने लगा है.
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किसानों का कहना है की एक तरफ केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है, लेकिन दूसरी तरफ टैक्स लगा-लगा कर डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर किसानों की फसलों की लागत बढ़ा दी है. जिससे किसानों के सामने आर्थिक गंभीर संकट खड़ा हो गया है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम न्यूनतम स्तर पर हैं, लेकिन किसानों को 86 प्रति/लीटर डीजल खरीदना पड़ रहा है.
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किसानों की मांग है कि कृषि विरोधी तीनों अध्यादेश को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए. पहले की तरह मंडीकरण का ढांचा बना रहना चाहिए और किसानों की मिलने वाली फसल की पेमेंट भी पहले की तरह आढ़तियों के मध्यम से हो, ताकि बैंक किसानों की कर्जे की पेमेंट न कट सके. साथ ही डीजल पर लगे टैक्स को कम करके दामो में भारी कमी की जाए. नंबर 3 बिजली का निजीकरण रोका जाए, अन्यथा 20 जुलाई को जिले के हजारों मजदूर व किसान आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रसाशन की होगी.