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सद्भावना दिवस पर किसानों ने रखा उपवास, कृषि कानून वापस लेने की मांग

श्रीगंगानगर के सादुलशहर में किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों के समर्थन में 1 दिन का उपवास रखकर सद्भावना दिवस मनाया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.

Farmers fasted on Sadbhavna Day, सद्भावना दिवस पर किसानों का उपवास
सद्भावना दिवस पर किसानों का उपवास
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Published : Jan 30, 2021, 3:54 PM IST

सादुलशहर (श्रीगंगानगर). क्षेत्र में शनिवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर अनेकों किसानों ने उपतहसील के मुख्य गेट के बाहर दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों के समर्थन में 1 दिन का उपवास रखकर सद्भावना दिवस मनाया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. उपवास पर बैठे किसानों ने बताया कि सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक यह उपवास किसानों की ओर से रखा गया है.

किसानो ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा, इस किसान आंदोलन को नष्ट करने की सत्ताधारी भाजपा की साजिश अब सामने आ गई है. देश और दुनिया आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को उनकी पुण्य तिथि पर याद कर रहा है.

पढ़ें- CM गहलोत आज करेंगे स्वास्थ्य बीमा योजना के नए चरण की शुरुआत, शहीद दिवस पर भी कई कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा

सत्य और अहिंसा के पुजारी गांधी जी पूरी दुनिया के लिए आदर्श हैं. लोग आज भी उन्हें हृदय से याद करते हैं और विषम परिस्थितियों में गांधी जी के विचारों का अनुसरण करते हैं, लेकिन केंद्र सरकार गांधी जी के विचारों को किसानों पर अत्याचार करके कुचलने का प्रयास कर रही है. केंद्र सरकार अपनी दमनकारी नीतियों से इस किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए अनेक हथकंडे अपना रही है, लेकिन इस देश का किसान हार नहीं मानेगा. किसान नेताओं ने अपील की है कि इस किसान आंदोलन को सफल बनाने के लिए देश के हर किसान को साथ आना चाहिए.

सादुलशहर (श्रीगंगानगर). क्षेत्र में शनिवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर अनेकों किसानों ने उपतहसील के मुख्य गेट के बाहर दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों के समर्थन में 1 दिन का उपवास रखकर सद्भावना दिवस मनाया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. उपवास पर बैठे किसानों ने बताया कि सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक यह उपवास किसानों की ओर से रखा गया है.

किसानो ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा, इस किसान आंदोलन को नष्ट करने की सत्ताधारी भाजपा की साजिश अब सामने आ गई है. देश और दुनिया आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को उनकी पुण्य तिथि पर याद कर रहा है.

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सत्य और अहिंसा के पुजारी गांधी जी पूरी दुनिया के लिए आदर्श हैं. लोग आज भी उन्हें हृदय से याद करते हैं और विषम परिस्थितियों में गांधी जी के विचारों का अनुसरण करते हैं, लेकिन केंद्र सरकार गांधी जी के विचारों को किसानों पर अत्याचार करके कुचलने का प्रयास कर रही है. केंद्र सरकार अपनी दमनकारी नीतियों से इस किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए अनेक हथकंडे अपना रही है, लेकिन इस देश का किसान हार नहीं मानेगा. किसान नेताओं ने अपील की है कि इस किसान आंदोलन को सफल बनाने के लिए देश के हर किसान को साथ आना चाहिए.

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