श्रीगंगानगर. देश में कोरोना संक्रमण बड़ी तेजी से अपने पांव पसार रहा है. सरकार और प्रशासन इससे बचने की अपील के साथ ही गाइडलाइन की पालना की हिदायत दे रहे हैं लेकिन रोडवेज और प्राइवेट बसों से यात्रा करने वाले लोगों पर इन्हीं दायित्वों और अपीलों का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा. केंद्रीय बस स्टैंड से रवाना होने वाली रोडवेज बसों में अधिकांश यात्री बिना मास्क सफर करते मिले.
ऐसा ही नजारा लोक परिवहन की बसों में भी देखने को मिला हाल ही में 10 अप्रैल को राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष व एमडी राजेश्वर सिंह ने भी करोना संक्रमण से सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बसों का संचालन करने के आदेश दिए थे लेकिन रोडवेज में चालक परिचालकों सहित अन्य स्टाफ यात्रा के समय मास्क के लिए लोगों से समझाइश करते नहीं देखा जा रहा है. करोना की दूसरी लहर को देखते हुए जहां सतर्कता और सावधानी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने की जरूरत है. वहीं बसों में सफर करने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की गाइडलाइन लागू नहीं किए जाने से लोग संक्रमण के खतरे से गुजर रहे हैं. बसों में सफर करने वाले यात्री अब ना मास्क का इस्तेमाल करते हैं और ना ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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राजस्थान रोडवेज की बसों में भीड़ भी काफी होती है. वहीं लोक परिवहन ने तो सारी गाइडलाइन की ही धज्जियांं उड़ा कर रख दी है. लोक परिवहन में सफर करने वाले यात्रियों को जानवरों की तरह ठूंस कर भरा जाता है. यहां सफर करने वाले यात्री ना तो मास्क पहनकर बस में सवार होते हैं और ना ही सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए बसों में निर्धारित सवारियां बिठाकर यात्रा करवाई जाती है. ऐसे में करोना कि दूसरी लहर को देखते हुए खतरा बढ़ता जा रहा है लेकिन इन जिम्मेदारों पर किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ता.