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श्रीगंगानगर: सरकारी कॉलेज में प्रवेश पर कोरोना इफेक्ट, अब तक 50 फीसदी सीटों पर ही एडमिशन

कोरोना काल में श्रीगंगानगर के 4 सरकारी महाविद्यालय के प्रथम वर्ष में इस बार 50 फीसदी सीटों पर ही प्रवेश हुआ है. जिले के सबसे बड़े राजकीय गोदारा कन्या महाविद्यालय के हालात भी ठीक इसी प्रकार है, जहां अधिकतर विषयों में अभी तक सीटें खाली पड़ी है. यही नहीं होम साइंस जैसे विषय में तो अभी तक एक भी प्रवेश नहीं हुआ है.

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एडमिशन पर कोरोना इफेक्ट
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Published : Aug 11, 2020, 6:17 PM IST

श्रीगंगानगर. कोरोना काल का असर सरकारी कॉलेजों में प्रवेश पर भी देखने को मिल रहा है. महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के कई दिन बाद भी जिले भर के सरकारी कॉलेजों में आवंटित 4146 सीटों पर करीब 2000 आवेदन ही आए हैं. जिले के सरकारी कॉलेजों में बीए, बीएससी और बीकॉम फर्स्ट ईयर में एडमिशन के लिए फार्म भरने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं खाली पड़ी सीटों पर प्रवेश के लिए महाविद्यालय प्रशासन अब गांव-कस्बों में जाकर छात्राओं को प्रवेश लेने के लिए जागृत करने की बात कह रहा है.

4 सरकारी महाविद्यालय में अब तक हुआ 50% सीटों पर ही प्रवेश

गोदारा कन्या राजकीय महाविद्यालय की यह हालत है की होम साइंस की आवंटित 88 सीटों पर अब तक एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. वहीं बायो की 176 सीटों पर 23 मैथ की 88 सीटों में 23 आवेदन आए हैं. इसी कड़ी में भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय की अगर बात करें तो यहां बीकॉम की 300 सीटों पर अब तक 90 आवेदन ही आए हैं. इसके अलावा राजकीय कॉलेज सूरतगढ़ में बीकॉम में 100 सीटों पर 30 विद्यार्थियों ने आवेदन किए हैं.

पढ़ें- पायलट की 'घर वापसी' के बाद BJP पर बरसे गहलोत, कहा- हमारे साथियों ने धज्जियां उड़ा दी...

ऐसा पहली बार हुआ है कि विद्यार्थी सरकारी महाविद्यालय में आवेदन करने में कम रुचि दिखा रहे हैं. अब देखना यह है कि 11 अगस्त तक 2393 सीट कैसे भरी जाती है. महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मंजू गोयल का कहना है कि छात्र अंतिम तारीख से पहले ही अपना आवेदन कर दें, ताकि अंतिम दिनों में फार्म भरने में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

कोरोना महामारी के कारण महाविद्यालयों में इस बार नियमित अध्ययन पर संशय बरकरार है. प्रतिवर्ष इस समय तक विद्यार्थियों के प्रवेश हो जाते हैं. जिले का सबसे बड़ा कन्या महाविद्यालय जिसमें कभी लंबी वेटिंग के बाद भी प्रवेश नहीं मिलता था उसमें इस बार कोरोना संकट के दौरान महाविद्यालय में प्रवेश नहीं होने से सीटें खाली रहने से महाविद्यालय प्रशासन भी चिंतित है. ऐसे में प्रवेश की तिथि आगे बढ़ाई जाएगी तभी खाली सीटों के भरने की उम्मीद है. वहीं कॉलेज प्राचार्य मंजू गोयल की माने तो कॉलेज में खाली सीटों पर जल्दी प्रवेश देकर नियमित अध्यन शुरु करवाया जायेगा.

श्रीगंगानगर. कोरोना काल का असर सरकारी कॉलेजों में प्रवेश पर भी देखने को मिल रहा है. महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के कई दिन बाद भी जिले भर के सरकारी कॉलेजों में आवंटित 4146 सीटों पर करीब 2000 आवेदन ही आए हैं. जिले के सरकारी कॉलेजों में बीए, बीएससी और बीकॉम फर्स्ट ईयर में एडमिशन के लिए फार्म भरने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं खाली पड़ी सीटों पर प्रवेश के लिए महाविद्यालय प्रशासन अब गांव-कस्बों में जाकर छात्राओं को प्रवेश लेने के लिए जागृत करने की बात कह रहा है.

4 सरकारी महाविद्यालय में अब तक हुआ 50% सीटों पर ही प्रवेश

गोदारा कन्या राजकीय महाविद्यालय की यह हालत है की होम साइंस की आवंटित 88 सीटों पर अब तक एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. वहीं बायो की 176 सीटों पर 23 मैथ की 88 सीटों में 23 आवेदन आए हैं. इसी कड़ी में भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय की अगर बात करें तो यहां बीकॉम की 300 सीटों पर अब तक 90 आवेदन ही आए हैं. इसके अलावा राजकीय कॉलेज सूरतगढ़ में बीकॉम में 100 सीटों पर 30 विद्यार्थियों ने आवेदन किए हैं.

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ऐसा पहली बार हुआ है कि विद्यार्थी सरकारी महाविद्यालय में आवेदन करने में कम रुचि दिखा रहे हैं. अब देखना यह है कि 11 अगस्त तक 2393 सीट कैसे भरी जाती है. महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मंजू गोयल का कहना है कि छात्र अंतिम तारीख से पहले ही अपना आवेदन कर दें, ताकि अंतिम दिनों में फार्म भरने में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

कोरोना महामारी के कारण महाविद्यालयों में इस बार नियमित अध्ययन पर संशय बरकरार है. प्रतिवर्ष इस समय तक विद्यार्थियों के प्रवेश हो जाते हैं. जिले का सबसे बड़ा कन्या महाविद्यालय जिसमें कभी लंबी वेटिंग के बाद भी प्रवेश नहीं मिलता था उसमें इस बार कोरोना संकट के दौरान महाविद्यालय में प्रवेश नहीं होने से सीटें खाली रहने से महाविद्यालय प्रशासन भी चिंतित है. ऐसे में प्रवेश की तिथि आगे बढ़ाई जाएगी तभी खाली सीटों के भरने की उम्मीद है. वहीं कॉलेज प्राचार्य मंजू गोयल की माने तो कॉलेज में खाली सीटों पर जल्दी प्रवेश देकर नियमित अध्यन शुरु करवाया जायेगा.

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