श्रीगंगानगर. भारत-चीन एलएसी पर गलवान घाटी में चीनी सेना द्वारा किए गए हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. चीन की इस नापाक हरकत से आज हर भारतीय में आक्रोश है. वहीं भारत-पाक बॉर्डर पर भी तनाव का माहौल है. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बैठे लोग इस चीन से इस हिमाकत का बदला लेने की मांग कर रहे हैं. भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे लोगों का आक्रोश इनके चेहरे पर साफ दिखाई देता है. सीमा पर बैठे यह लोग दुश्मन की नापाक हरकतों से डरते तो नहीं है, बल्कि उनको मुंहतोड़ जवाब देने की बात करते हैं.
हिंदुमलकोट बीएसएफ पोस्ट पर ईटीवी भारत ने जायजा लिया तो पता चला कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार पाकिस्तान पूरी तरह से शांत तो है. लेकिन हर बार की तरह पीठ के पीछे हमला करने वाले पाकिस्तान का भरोसा अब भी हमारे जांबाज बीएसएफ जवानों और सीमा के इस ओर बैठे ग्रामीणों को भी नहीं है.
हिंदुमलकोट बॉर्डर पर ग्रामीणों से बात करते हुए हमने जाना कि क्या पाकिस्तान ने कोई सीमा के उस पार अब किसी प्रकार की हरकत शुरू की है. ग्रामीण कहते हैं अभी पाकिस्तान की तरफ से किसी प्रकार की हलचल नहीं नजर आ रही है. लेकिन चीन ने जिस प्रकार की करतूत की है, उससे हर भारतीय के दिल मे गुस्सा है. हमें चीनी सामान का बहिष्कार कर आर्थिक रूप से चीन को कमजोर करना चाहिए.
यह भी पढ़ें- चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी, बीएसएनएल के बाद रेलवे ने भी रद्द किए अनुबंध
ग्रामीण आक्रोशित स्वर में दो टूक शब्दों में बोलते हैं अभी तो पाकिस्तान शांत है. लेकिन इस बार अगर पाकिस्तान ने सीमा पर किसी प्रकार की नापाक हरकत की, तो बीएसएफ और आर्मी के साथ हिंदुमलकोट बॉर्डर के ग्रामीण भी पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठे हैं.
कुछ ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 60 साल से हिंदुमलकोट गांव में रहते हैं. लेकिन पाकिस्तान ने इस बॉर्डर पर कभी घुसपैठ की कोशिश नहीं की है. चीन की करतूत से बॉर्डर पर बैठे इन ग्रामीणों के चेहरे पर ना केवल चिंता की लकीरें हैं. बल्कि चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ये लोग भी आक्रोशित हैं.
ग्रामीण कहते हैं कि अब वक्त आ गया है की हमारी सेना को चीन को सबक सिखाना चाहिए. भारतीय जवानों की मौत का बदला चीन पर हमला कर लिया जाना चाहिए. गांव के युवा कहते हैं कि अगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इस बार पाकिस्तान ने किसी प्रकार की हिमाकत की तो युवा भी पीछे रहने वाले नहीं हैं और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देंगे.