श्रीगंगानगर. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा है कि नये कृषि कानून किसान के खिलाफ नहीं हैं. यह वैकल्पिक कानून है और इसके साथ ही पूर्ववर्ती कानून भी यथावत रहेंगे. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए नगरपालिका और जिला परिषद चुनाव में जनता ने भाजपा को कृषि बिल के समर्थन में जनादेश भी दिया है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का नेतृत्व राजनीतिक दल ही कर रहे हैं, जो कि वास्तव में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का प्रयास कर रहे हैं.
सांसद हनुमान बेनीवाल के बिल का विरोध करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी बिल को पूरी तरह समझा ही नहीं है. जब इसे पूरी तरह समझ लेंगे, तो विरोध नहीं करेंगे. प्रदेश में गोपनीय तरीके से किसान चौपाल करवाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में शुक्रवार को ही करीब 1000 चौपलें हुई हैं. इन चौपालों में प्रत्येक में करीब डेढ़ हजार तक किसान पहुंचे हैं. कहीं, कोई गोपनीयता नहीं थी.
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उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की शह पर कांग्रेस के छात्र संगठन के सदस्यों ने इन चौपालों में हुड़दंग मचाया. पंजाब में प्रकाश सिंह बादल परिवार के बिल का विरोध करने के मुद्दे पर उनका कहना था कि बादल की पार्टी की ही पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर को कानून के सभी पहलुओं की जानकारी दी गई, वे इससे सहमत भी थे. ऐसे में पहले सहमत होना और बाद में विरोध करना समझ से बाहर है.
इससे पूर्व राठौड़ ने राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए. उनका कहना था कि राज्य में डीजल पेट्रोल बेहद महंगा है. सरकार ने इस पर वैट बढ़ाया. इसके अलावा बिजली बिलों में भी वृद्धि हुई है. इस दौरान पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, जिलाध्यक्ष आत्माराम तरड़, जिला उपाध्यक्ष सतपाल कासनिया, जिला महामंत्री प्रदीप सहित भाजपा के कई नेता मौजूद रहे.