सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). जिले के सूरतगढ़ उपखंड में रविवार को कंकणाकृति प्रकार का सूर्यग्रहण दिखेगा. इसके लिए सोली फिल्टर की आवश्यकता होगी. ऐसा पहली बार होगा जब लोगों को कंकण (रिंग ऑफ फायर) प्रकाश का सूर्यग्रहण देखने का मौका मिलेगा. इस दौरान हल्का अंधेरा छा जाएगा.
क्षेत्र में होने वाली खगोलीय घटना को देखने और उस पर रिसर्च करने के लिए खगोलीय वैज्ञानिक सूर्य ग्रहण को कैमरे में कैद में करने के लिए सूरतगढ़ पहुंच चुके हैं. एस्ट्रोफाइल एजुकेशन के डायरेक्टर और खगोल वैज्ञानिक स्नेह केसरी ने बताया कि सूर्य ग्रहण पर रिसर्च करने के लिए दिल्ली, पुणे, गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल और प्रदेश के जयपुर से टीमें आई हैं.
पढ़ेंः जयपुर : सूर्य ग्रहण देखने के बाद बच्चों की आंखें खराब, 40-70 फीसदी जला रेटिना
उन्होंने बताया कि सूर्यग्रहण सुबह 10.12 बजे से दोपहर 1.40 बजे तक दिखाई देगा. इसका आकार चमकते हुए कंगन के प्रकार का होगा. जिसपर खगोल वैज्ञानिक रिसर्च करके फोटोग्राफी करेंगे. खगोल वैज्ञानिक ने बताया कि करीब 11.52 पर सूर्य ग्रहण के समय पूर्ण रूप से रिंग ऑफ फायर बनेगा. इस दृश्य को सीधी आंखों से एक्स-रे फिल्म और प्रतिबिंब में नहीं देख सकेंगे. सूर्यग्रहण को केवल सोली फिल्टर से देख सकेंगे. उन्होने चेतावनी दी है कि सीधी आंखों से देखने पर आंखें खराब हो सकती है.
वहीं स्नेह कुमार ने बताया कि हम यहां पर बहुत सारी फोटो खीचेंगे और साथ में ही वीडियो बनाएंगे. इससे विदेशी वैज्ञानिकों को भी शेयर करेंगे, जिससे सूर्य पर अध्ययन किया जा सके. बता दें कि जयपुर के बीएम बिरला तारामंडल के सहायक निर्देशक संदीप भट्टाचार्य के अनुसार 21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण का 1 फीसदी हिस्सा राजस्थान के घड़साना और सूरतगढ़ में दिखाई देगा. इस दिन ग्रहण की छाया राजस्थान में सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर सूरतगढ़ और घड़साना से प्रवेश करेगी और करीब 3 घंटे तक संपूर्ण राजस्थान में इसे देखा जा सकेगा.