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गंग नहर में पूरा पानी छोड़ने की मांग को लेकर किसानों में आक्रोश, फसलें हो रही खराब - गंगनहर में पानी

पंजाब से लगातार पानी की कटौती करने से श्रीगंगानगर जिले के किसान संकट में हैं. किसानों की फसलें पकाव पर हैं. ऐसे में अंतिम पानी नहीं मिला तो किसान की फसल खराब हो सकती हैं. पंजाब से आने वाली गंगनहर में पानी का हिस्सा 1800 क्यूसेक है, लेकिन पंजाब लगातार 1600 क्यूसेक पानी दे रहा है.

water crisis in Sriganganagar, irrigation in Sriganganagar
गंग नहर में पूरा पानी छोड़ने की मांग को लेकर किसानों में आक्रोश
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Published : Mar 20, 2021, 1:22 PM IST

श्रीगंगानगर. पंजाब से गंगनहर में पानी के उतार-चढ़ाव के चलते क्षेत्र में किसानों की सिंचाई बारियां पीट रही हैं. पंजाब से लगातार पानी की कटौती करने से जिले के किसान संकट में हैं. किसानों की फसलें पकाव पर हैं. ऐसे में अंतिम पानी नहीं मिला तो किसान की फसल खराब हो सकती हैं. पंजाब से आने वाली गंगनहर में पानी का हिस्सा 1800 क्यूसेक है, लेकिन पंजाब लगातार 1600 क्यूसेक पानी दे रहा है.

गंग नहर में पूरा पानी छोड़ने की मांग को लेकर किसानों में आक्रोश

इससे गंगनहर की वितरिकाओं में पानी कम मिल रहा है. जिससे क्षेत्र के किसानों की पानी की बारियां पीट रही हैं. रीडमलसर माइनर में वरीयता क्रम के अनुसार पानी की आपूर्ति की जानी थी, लेकिन पानी का प्रवाह कमजोर रहने से सिंचाई बारियां पीट गई. गंगनहर में 1600 क्यूसेक से कम पानी की आवक खखा हेड पर हो रही है. रिडमलसर माइनर में किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पाने से किसान गेहूं व जौ की फसल में अंतिम सिंचाई से वंचित रह गए.

पढ़ें- गहलोत घोषणाओं के मुख्यमंत्री, जबकी धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ है विकास: भीलवाड़ा बीजेपी जिलाध्यक्ष

किसान संघर्ष समिति के नेताओं का कहना है कि रेगुलेशन में गड़बड़ी के चलते समेजा, करणीजी व आरबी वितरिकाओं में किसान लगातार दो-दो सिंचाई सुविधाओं से वंचित हैं. गेहूं व जौ की फसल पकाव पर है. फसलों के पकाव के लिए अंतिम सिंचाई की जरूरत है, लेकिन हालात इस कदर खराब हैं कि सिंचाई विभाग के अधिकारी वरीयता क्रम के अनुसार गंगनहर से जुड़ी वितरीकाओ में पानी का प्रवाह नहीं कर रहे हैं. इससे किसानों की सिंचाई बारियां पीट रही हैं. जिसके चलते किसानो की फसलें प्रभावित हो रही हैं. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने व्यवस्था नहीं सुधारी तो किसान आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.

श्रीगंगानगर. पंजाब से गंगनहर में पानी के उतार-चढ़ाव के चलते क्षेत्र में किसानों की सिंचाई बारियां पीट रही हैं. पंजाब से लगातार पानी की कटौती करने से जिले के किसान संकट में हैं. किसानों की फसलें पकाव पर हैं. ऐसे में अंतिम पानी नहीं मिला तो किसान की फसल खराब हो सकती हैं. पंजाब से आने वाली गंगनहर में पानी का हिस्सा 1800 क्यूसेक है, लेकिन पंजाब लगातार 1600 क्यूसेक पानी दे रहा है.

गंग नहर में पूरा पानी छोड़ने की मांग को लेकर किसानों में आक्रोश

इससे गंगनहर की वितरिकाओं में पानी कम मिल रहा है. जिससे क्षेत्र के किसानों की पानी की बारियां पीट रही हैं. रीडमलसर माइनर में वरीयता क्रम के अनुसार पानी की आपूर्ति की जानी थी, लेकिन पानी का प्रवाह कमजोर रहने से सिंचाई बारियां पीट गई. गंगनहर में 1600 क्यूसेक से कम पानी की आवक खखा हेड पर हो रही है. रिडमलसर माइनर में किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पाने से किसान गेहूं व जौ की फसल में अंतिम सिंचाई से वंचित रह गए.

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किसान संघर्ष समिति के नेताओं का कहना है कि रेगुलेशन में गड़बड़ी के चलते समेजा, करणीजी व आरबी वितरिकाओं में किसान लगातार दो-दो सिंचाई सुविधाओं से वंचित हैं. गेहूं व जौ की फसल पकाव पर है. फसलों के पकाव के लिए अंतिम सिंचाई की जरूरत है, लेकिन हालात इस कदर खराब हैं कि सिंचाई विभाग के अधिकारी वरीयता क्रम के अनुसार गंगनहर से जुड़ी वितरीकाओ में पानी का प्रवाह नहीं कर रहे हैं. इससे किसानों की सिंचाई बारियां पीट रही हैं. जिसके चलते किसानो की फसलें प्रभावित हो रही हैं. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने व्यवस्था नहीं सुधारी तो किसान आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.

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