श्रीगंगानगर. लॉकडाउन में जिला प्रशासन राहत सामग्री पहुंचाने के लिए दिन-रात लगा हुआ है. जिले में कोई गरीब आदमी भूखा ना सोए, इसके लिए सरकार ने सर्वे करवाकर जरूरतमंदों को पका खाना और सूखा राशन सामग्री दोनों ही दे रही है. जिले में अब तक करीब 10 हजार से अधिक खाने के पैकेट वितरित किए जा चुके हैं. वहीं करीब 8 हजार सूखे किट वितरित किए गए हैं.
लॉकडाउन में गरीब आदमी भूखा ना सोए, इसके लिए सरकार ने सर्वे करवाई है. जिसमें BPL, State BPL , खाद सुरक्षा अंत्योदय परिवारों के अलावा हर रोज दिहाड़ी मजदूरी करने वाले परिवारों को रसद विभाग की तरफ से दो प्रकार की व्यवस्था की गई है. इसमें एक पका हुआ भोजन और दूसरा सूखी राशन सामग्री की किट दी जा रही है. जिला रसद अधिकारी ने बताया कि दानदाता काफी आ रहे हैं लेकिन अधिकतर दानदाता दान देने के दौरान अधिकारियों के साथ फोटो लेने में ज्यादा विश्वास दिखाते हैं. जिससे इस व्यस्ततम समय में अधिकारियों के समय की बर्बादी होती है और अधिकारी अपने मूल काम से बाधित होते हैं.
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अधिकारियों ने फोटो नहीं ली तो राशन किट वापस लेने पहुंचे दानदाता
हालांकि, जिले में दानदाताओं ने अब तक ढाई हजार से अधिक किट वितरित कर दिए हैं लेकिन दानदाताओं की जिद्द और चाहत अधिकारियों की परेशानिया भी बढ़ा रखी है. जिला रसद अधिकारी राकेश सोनी ने बताया कि जो दान देना चाहते हैं, उन्हें निर्धारित मात्रा में सामग्री बताई गई है. उसका किट बनाकर वह दान दे सकते हैं. वहीं सभी तहसीलों में रसद विभाग की तरफ से वाहन भी लगे हुए हैं. अब तक कुछ दानदाता ऐसे भी आए हैं, जिनके साथ अधिकारियों ने फोटो नहीं खिंचवाई तो वे नाराज होकर किट वापस लेने के लिए भी पहुंच गए.
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इस पर जिला रसद अधिकारी का कहना है कि फोटो खिंचवाने का मकसद आने वाली पीढ़ियों को यह दिखाना होगा कि मुश्किल समय में हमने मदद की. जिससे वे आने वाली पीढ़ी से प्रेरित कर सकें. वहीं राहत सामग्री देने के लिए कुछ संस्थाएं ऐसी भी आगे आई, जो दान देने का कहीं खुलासा तक नहीं किया.
राहत सामग्री वितरण के बाद कुछ एरिया में लोगों को सामग्री नहीं पहुंचने पर रसद अधिकारी ने बताया कि ऐसी जगहों को चिन्हित किया जा रहा है, जहां पर अभी तक एक बार भी राशन सामग्री नहीं पहुंची है. वहीं कुछ जगहों पर एक से अधिक बार राशन सामग्री पहुंच रही है. ऐसे में संतुलन रखने के लिए जिला रसद विभाग की टीम सर्वे कर जरूरतमंद लोगों को सामग्री पहुंचाएगी.