श्रीगंगानगर. ACB की टीम ने श्रीगंगानगर नगर परिषद आयुक्त प्रियंका बुडानिया को शनिवार देर रात अवैध पैसा ले जाने के आरोप में हिरासत में लिया है. एसीबी ने बुडानिया की कार से एक लाख चालीस हजार रुपए बरामद किए हैं. जिसके बाद श्रीगंगानगर नगर परिषद आयुक्त से पुलिस पूछताछ कर रही है.
यह कार्रवाई शनिवार देर रात राष्ट्रीय राजमार्ग पर लक्ष्मणगढ़ कस्बे के पास उस समय की गई, जब वह परिवार के लोगों के साथ कार में सवार होकर जयपुर जा रही थी. एसीबी टीम आयुक्त बुडानिया व परिवार के सभी लोगों को पुलिस थाने ले गई. थाने में बरामद पैसों को लेकर प्रियंका बुडानिया व उनके परिवार के लोगों से अलग-अलग पूछताछ हुई है. हालांकि, देर रात तक आयुक्त की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई.
एसीबी डीवाईएसपी जाकिर अख्तर को आयुक्त के खिलाफ अवैध पैसा लेकर जयपुर जाने की सूचना मिली थी. इस पर लक्ष्मणगढ़ के पास उनकी गाड़ी को रुकवा कर तलाशी ली गई. गाड़ी में आयुक्त की चालक, भाभी और दो बच्चे बैठे हुए थे. कार तलाशी के दौरान कार में एक लाख 40 हजार रुपए मिले. इन रुपयों को लेकर आयुक्त प्रियंका बुडानिया से पूछताछ की गई तो उन्होंने यह पैसा किसी से लेकर आने की जानकारी दी. अब एसीबी टीम उन सभी लोगों से इन पैसों के संबंध में पूछताछ कर रही है.
आयुक्त बुडानिया का परिवार सूरतगढ़ में रहता है. परिवारिक सदस्य की शादी कार्यक्रम के लिए आयुक्त ने 25 दिन की छुट्टी ली है. डीएलबी से यह अवकाश लेकर आयुक्त का चार्ज नगर परिषद सचिव विश्वास गोदारा की बजाय उपखंड अधिकारी उमेद सिंह रतनू को दिलाया गया है. आयुक्त की कार से रुपए और दस्तावेज भी बरामद किए हैं. प्रियंका बुडानिया का विवादों से पुराना नाता रहा है.
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अजमेर जिले के सरवाड़, पुष्कर, सीकर के लक्ष्मणगढ़, खंडेला और सूरतगढ़ नगरपालिका में पदस्थापित रही है. सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ और खंडेला नगर पालिका में उनका कार्यकाल विवादित रहा. लक्ष्मणगढ़ में पार्षदों ने उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव किया था. वही खंडेला में भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में रही. भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें खंडेला से निलंबित किया गया था.
बुडानिया के खिलाफ एसीबी में तीन परिवाद
श्रीगंगानगर में नियम कायदों की अनदेखी कर 64 ऑटो टिपर और 5 फोगिंग मशीन खरीदने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में उनके खिलाफ पहले से ही परिवाद दायर है लेकिन इसकी जांच पिछले दिनों महीने 3 महीनों से अटकी हुई है. दूसरी शिकायत सोडियम हाइपोक्लोराइट की खरीद में अनियमितता बरतने की है.तीसरे परिवाद में फरवरी 2020 में कचरा पात्र हनुमानगढ़ से खरीदने के मामले में गड़बड़ी की शिकायत है.