सिरोही. कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण लोगों के काम-धंधे ठप हो गए हैं. जिससे अन्य प्रदेशों और जिलों से आए मजदूरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में प्रवासी मजदूरों ने घर का रुख कर लिया है. सार्वजनिक यातायात बंद होने की वजह से मजदूरों को सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही घर जाना पड़ रहा है.
इसी कड़ी में पिंडवाड़ा कस्बे से गुजरते फोरलेन हाइवे पर उदयपुर जिले के गोगुंदा निवासी मजदूर मांगीलाल अपने बच्चों को कंधे पर लेकर पैदल घर जाता हुआ मिला. मजदूर मांगीलाल ने बताया कि वो मंडार में बराई पर खेती का काम करता है. इस संकट की घड़ी में वहां गुजारा करना मुश्किल पड़ गया था. सेठ ने कहा कि घर चला जा तो वो परिवार के साथ पैदल ही घर जा रहा है.
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घर पहुंचने के लिए तीन दिन दिन-रात पैदल चल रहे मांगीलाल ने बताया कि उनके साथ दो मासूम बच्चे भी हैं. खाने के लिए बहुत परेशान हो रही है, जितना मिल रहा है, उतना खाकर आगे बढ़ रहे हैं. पैदल चलते-चलते बच्चे थक जाते हैं तो उन्हें गोद में उठाकर चलते हैं. 100 किलोमीटर का सफर तय कर लिया है, आगे 70 किलोमीटर और जाना है.
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बता दें कि लॉकडाउन ने रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों की हालत खराब कर दी है. सारे काम-धंधे बंद होने की वजह से उनकी रोजी-रोटी बंद हो गई है. सरकार और प्रशासन सबको भोजन देने के दावे तो करता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है. ऐसे में मजदूर गांव की ओर पलायन कर रहे हैं. कम से कम वहां उन्हें भूखा तो नहीं रहना पड़ेगा.