सिरोही. कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन में सड़कों पर प्रवासियों और मजदूरों की आवाजाही बड़े स्तर पर रही. कई लोग सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने-अपने गांव के लिए रवाना हुए. प्रदेश के गुजरात सीमा से सटा सिरोही जिले में भी लॉकडाउन के बाद हजारों की संख्या में प्रवासी पहुंचे. रास्ते में कहीं भी खाना उपलब्ध नहीं होने पर लोगों को भूखे ही सफर करना पड़ रहा है.
ऐसे की शुरुआत
ऐसे में आबूरोड़ के छोटे मार्बल व्यवसाई विजय भारती लोगों का मसीहा बनकर सामने आए हैं. वे पिछले 65 दिनों से ऐसे लोगों को भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं. विजय भारती ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि लॉकडाउन के बाद 23 मार्च को अपने परिचित का फोन आने पर वो उनसे मिलने देर रात बॉर्डर पर गए. इसी दौरान आते समय उन्हें एक गरीब परिवार मिला. जो पैदल चलकर गुजरात से लौटा था. इनमें बच्चे भी शामिल थे. विजय ने रात के 1 बजे जो भी घर में था वह उन गरीबों को दान कर दिया. इसके बाद विजय ने सभी जरूरतमंदों को भोजन देने का प्रण किया.
विजय भारती खुद के खर्चे से पिछले 65 दिनों से सुबह-शाम लोगों को भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं. वे खुद ही खाना बनाते हैं और फूड पैकेट्स बनाकर लोगों को बांटते हैं. ऐसे सच्चे कोरोना योद्धा की सराहना करते जिला प्रशासन भी पीछे नहीं रहा.
अस्पतालों में भी बांटते हैं भोजन
विजय भारती बताते हैं कि शुरुआत में उन्होंने क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाया. इसके बाद उन्होंने आदिवासी क्षेत्र में जाकर भी लोगों को भोजन बांटा. विजय के मुताबिक वे शहर के सभी निजी और सरकारों अस्पतालों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भी भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं. विजय के इस काम को देखकर जिला प्रशासन ने भी इनकी सराहना की है और जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद और एसपी कल्याणमल मीणा भी भामाशाह से मिलने खुद आये.