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औपचारिकता बना शरद महोत्सव! सांस्कृतिक संध्या में नहीं पहुंचे पर्यटक

सिरोही के माउंट आबू में आयोजित शरद महोत्सव शायद पर्यटकों को लुभा नहीं पा रहा है. इसी वजह से महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या में कुर्सियां खाली रहीं.

Autumn festival, sirohi news, सिरोही न्यूज
शरद महोत्सव
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Published : Dec 30, 2019, 10:24 AM IST

माउंट आबू (सिरोही). प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से विभिन्न आयोजन कराए जाते हैं. इसी कड़ी में प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में शरद महोत्सव का आयोजन किया जाता है. यह आयोजन तीन दिवसीय होता है, लेकिन इस बार पर्यटन विभाग और इवेंट कंपनी की लापरवाही के चलते शरद महोत्सव औपचारिकता बनकर रह गया है.

सांस्कृतिक संध्या में नहीं पहुंचे पर्यटक

रविवार शाम को हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गिने-चुने लोग ही पहुंचे और ज्यादातर कुर्सियां खाली ही पड़ी रहीं. जबकि रविवार की छुट्टियां होने के चलते पर्यटकों की माउंट आबू में अच्छी आवक हुई .

पढ़ेंः 18 वर्ष के नए मतदाताओं का नाम जोड़ने के लिए शिविर आयोजित

माउंट आबू में शरद महोत्सव के नाम पर पर्यटन विभाग की ओर से लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. लेकिन इवेंट कंपनी की लापरवाही के चलते सरकार के पैसों का दुरुपयोग होता दिखाई दे रहा है. लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी इवेंट कंपनी ने पर्यटकों को लुभाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया.

पढ़ेंः कोटपूतली: में रक्तमणि कार्यक्रम के तहत 700 रक्तवीरों का किया सम्मान

रविवार को शोभायात्रा में कलाकार और पर्यटन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. शाम को हुई सांस्कृतिक संध्या में भी आलम यह था, कि आगे की कुर्सियों की दो लाइन पर ही लोग बैठे हुए थे. उनमें भी ज्यादातर लोग स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्थानीय निवासी थे. शरद महोत्सव को मात्र औपचारिकता के रूप में इस बार मनाया जा रहा है. महोत्सव के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी पर्यटक इस महोत्सव का लुत्फ नहीं उठा पा रहे हैं, जिससे पर्यटन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं.

माउंट आबू (सिरोही). प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से विभिन्न आयोजन कराए जाते हैं. इसी कड़ी में प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में शरद महोत्सव का आयोजन किया जाता है. यह आयोजन तीन दिवसीय होता है, लेकिन इस बार पर्यटन विभाग और इवेंट कंपनी की लापरवाही के चलते शरद महोत्सव औपचारिकता बनकर रह गया है.

सांस्कृतिक संध्या में नहीं पहुंचे पर्यटक

रविवार शाम को हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गिने-चुने लोग ही पहुंचे और ज्यादातर कुर्सियां खाली ही पड़ी रहीं. जबकि रविवार की छुट्टियां होने के चलते पर्यटकों की माउंट आबू में अच्छी आवक हुई .

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माउंट आबू में शरद महोत्सव के नाम पर पर्यटन विभाग की ओर से लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. लेकिन इवेंट कंपनी की लापरवाही के चलते सरकार के पैसों का दुरुपयोग होता दिखाई दे रहा है. लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी इवेंट कंपनी ने पर्यटकों को लुभाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया.

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रविवार को शोभायात्रा में कलाकार और पर्यटन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. शाम को हुई सांस्कृतिक संध्या में भी आलम यह था, कि आगे की कुर्सियों की दो लाइन पर ही लोग बैठे हुए थे. उनमें भी ज्यादातर लोग स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्थानीय निवासी थे. शरद महोत्सव को मात्र औपचारिकता के रूप में इस बार मनाया जा रहा है. महोत्सव के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी पर्यटक इस महोत्सव का लुत्फ नहीं उठा पा रहे हैं, जिससे पर्यटन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं.

Intro:पर्यटकों को लुभा नहीं पा रहा है शरद महोत्सव , सांस्कृतिक सांध्य में कुर्सियां रही खाली शरद महोत्सव उठ रहे है सवाल, विभागीय बना हुआ है लापरवाह

एंकर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा पर्यटन विभाग की ओर से विभिन्न प्रकार के आयोजनों को करवाया जाता है ।ऐसा ही एक आयोजन राजस्थान के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में शरद महोत्सव के रूप में किया जाता है यह आयोजन तीन दिवसीय होता है पर इस बार पर्यटन विभाग और इवेंट कंपनी की लापरवाही के चलते शरद महोत्सव मात्र औपचारिकता बनकर रह गया है ।रविवार शाम को हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में इसकी एक झलक देखने को मिली कि सांस्कृतिक समारोह में गिने-चुने लोग ही देखने के लिए पहुंचे ज्यादातर कुर्सियां खाली ही पड़ी रही। जबकि रविवार की छुट्टियां होने के चलते पर्यटकों की माउंट आबू में अच्छी आवक हुई ।


Body: माउंट आबू में शरद महोत्सव के नाम पर पर्यटन विभाग द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं पर इवेंट कंपनी की लापरवाही के चलते सरकार के पैसों का दुरुपयोग होता दिखाई दे रहा है। लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद इवेंट कंपनी द्वारा पर्यटकों को किस प्रकार से माउंट आबू में आने के लिए प्रेरित किया जाए और आयोजनों के जरिए पर्यटकों को लुभा जाए इसको लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया ।जहां रविवार को शोभायात्रा में कलाकारों और पर्यटन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे । तो शाम को हुई सांस्कृतिक संध्या में भी आलम यह ताकि आगे की कुर्सियां की दो लाइन पर ही लोग बैठे हुए थे ।उनमें भी ज्यादातर लोग स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्थानीय निवासी थे पर्यटक गिने-चुने ही थे ।आधे से अधिक कुर्सियां खाली रही जो पर्यटन विभाग की और इवेंट कंपनी की लापरवाही को साफ रूप से दर्शाता है।


Conclusion: शरद महोत्सव को मात्र औपचारिकता का रूप में इस बार मनाया जा रहा है ।महोत्सव के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी पर्यटक इस महोत्सव का लुप्त नही उठा पा रहे हैं जिससे पर्यटन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं ।वहीं स्थानीय पर्यटन अधिकारी का कहना है कि इवेंट कंपनी द्वारा किसी तरह की लापरवाही बरती गई है ।तो उसके खिलाफ उच्च अधिकारियों को लिखेंगे अब देखना होगा पर्यटन विभाग इसी इवेंट कंपनी खिलाफ क्या कार्रवाई करती है।

बाइट। भेरूसिंह पर्यटन अधिकारी माउंट आबू
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