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ग्रामीणों की कोरोना से जंग: प्रदेश की सबसे ऊंची पंचायत में ग्रामीण योद्धा रहे सफल, एक भी केस नहीं - rajasthan news in hindi

माउंट आबू की ओरिया ग्राम पंचायत जिसकी जनसंख्या 2 हजार 876 है. राहत की खबर ये है कि अब तक एक भी यहां कोरोना पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में कोरोना को दूर रखने के लिए ऐसा क्या किया इन ग्रामीण योद्धाओें ने, ये जानने ईटीवी भारत पहुंचा है ओरिया ग्राम पंचायत.

fight against corona, गांवों में कोरोना
माउंट आबू की ओरिया ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट
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Published : Jun 23, 2020, 8:02 PM IST

सिरोही. लॉकडाउन और कोरोना महामारी के बीच शहरों से दूर गांवों के क्या हालात हैं, इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम प्रदेश की सबसे ऊंची पंचायत में पहुंची. माउंट आबू की ओरिया ग्राम पंचायत, जिसमें कुल 9 गांव हैं. जिसकी जनसंख्या 2876 है. ओरिया ग्राम पंचायत की समुन्द्र तल से ऊंचाई लगभग 1200 मीटर है. पूर्ण रूप से पर्यटन पर निर्भर यह पंचायत लॉकडाउन के बाद से वीरान है.

माउंट आबू की ओरिया ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट

ओरिया पंचायत के लिए राहत की खबर ये है कि अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मामला यहां नहीं आया है. वहीं रोजगार के लिए अपने गांव से बाहर गए लोग जब वापस आए तो उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया गया. पंचायत में अब तक 211 लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा चुका है.

ईटीवी भारत की टीम जब गांव में पहुंची तो गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था. वहीं गांव के स्कूल में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. इस क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी दे रहे शिक्षक विष्णु ने बताया कि स्कूल में 4 रूम क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में बनाए गए, पर अब तक कोई भी नहीं आया है.

fight against corona, गांवों में कोरोना
राजीव गांधी सेवा केंद्र

निगरानी टीम रखती है चौकसी

गांव में 5 लोगों की निगरानी टीम बनाई गई है, जो प्रवासियों को घर-घर जाकर चेक करती है. साथ ही बाहर से आने वाले लोगों के बारे में पूरी जानकारी रखती है.

इस दौरान ग्राम पंचायत की सरपंच, शारदा देवी ने कहा कि पंचायत में लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार भी दिया गया है. लॉकडाउन के दौरान जहां लोगों का काम-धंधा बंद रहा, ऐसे में रोजगार की जरूरत वाले सभी लोगों को मनरेगा में शामिल किया गया. वहीं अब तक 300 लोगों को रोजगार दिया जा चुका है. साथ ही आने वाले समय में ओर लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा.

fight against corona, गांवों में कोरोना
आने जाने वालों पर नजर रखता पुलिसकर्मी

वहीं उप सरपंच प्रवीण सिंह ने कहा कि गांव के लोग कोविड-19 को लेकर सतर्क हैं. सभी लोग मास्क पहन रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग के लिए सभी लोगों को समझाया गया. बाहर ना निकलने की हिदायत भी दी गई.

राशन की रही उचित व्यवस्था

गांव में उचित मूल्य की दुकान पर लोगों को जहां राशन वितरण किया जा रहा है. वहीं लोग सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन कर रहे हैं. गांव में कोविड-19 को लेकर महिलाओं में जागरूकता पुरुषों की तुलना में ज्यादा नजर आई. महिलाएं मास्क लगाकर बाहर घूम रही थीं और अपने दिनचर्या का कार्य कर रही थीं.

fight against corona, गांवों में कोरोना
सामान लेकर जाते हुए युवक

पहाड़ों के बीच बसी पंचायत में लोगों के बीच कोरोना वायरस का डर तो नहीं है पर लोग सतर्क हैं. पहाड़ों पर लोगों के घर बने हुए हैं. ज्यादातर लोग घरो में रहते नजर आए. बिना काम के लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

ये भी पढ़ें: कोरोना से ग्रामीणों की जंग: स्पेशल टीम बनी ग्रामीणों के लिए 'कवच', मनरेगा से मिल रहा घर-घर रोजगार

यात्री नाके पर ली जाती है पूरी जानकारी

वहीं ईटीवी भारत की टीम जब ग्राम पंचायत पहुंची तो देखा कि ग्राम पंचायत के बाहर यात्री नाका है. जहां बाहर से आने वाले हर व्यक्ति के बारे में जानकारी ली जा रही है. यात्रियों या बाहर से आने वाले प्रवासियों का नाम -पता लिखने के बाद ही पंचायत क्षेत्र में प्रवेश दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: ग्रामीणों की कोरोना से जंग: 4 संक्रमित मरीज मिलने के बाद तिलोरा ग्राम पंचायत के लोग अब ऐसे लड़ रहे लड़ाई

कुल मिलाकर माउंट आबू की ओरिया ग्राम पंचायत कोरोना की इस जंग में पूरी तरह सजग नजर आई. ग्रामीणों की जागरूकता और प्रशासन के साथ से यहां के लोग कोविड-19 से बिल्कुल अछूते रहे.

सिरोही. लॉकडाउन और कोरोना महामारी के बीच शहरों से दूर गांवों के क्या हालात हैं, इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम प्रदेश की सबसे ऊंची पंचायत में पहुंची. माउंट आबू की ओरिया ग्राम पंचायत, जिसमें कुल 9 गांव हैं. जिसकी जनसंख्या 2876 है. ओरिया ग्राम पंचायत की समुन्द्र तल से ऊंचाई लगभग 1200 मीटर है. पूर्ण रूप से पर्यटन पर निर्भर यह पंचायत लॉकडाउन के बाद से वीरान है.

माउंट आबू की ओरिया ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट

ओरिया पंचायत के लिए राहत की खबर ये है कि अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मामला यहां नहीं आया है. वहीं रोजगार के लिए अपने गांव से बाहर गए लोग जब वापस आए तो उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया गया. पंचायत में अब तक 211 लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा चुका है.

ईटीवी भारत की टीम जब गांव में पहुंची तो गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था. वहीं गांव के स्कूल में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. इस क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी दे रहे शिक्षक विष्णु ने बताया कि स्कूल में 4 रूम क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में बनाए गए, पर अब तक कोई भी नहीं आया है.

fight against corona, गांवों में कोरोना
राजीव गांधी सेवा केंद्र

निगरानी टीम रखती है चौकसी

गांव में 5 लोगों की निगरानी टीम बनाई गई है, जो प्रवासियों को घर-घर जाकर चेक करती है. साथ ही बाहर से आने वाले लोगों के बारे में पूरी जानकारी रखती है.

इस दौरान ग्राम पंचायत की सरपंच, शारदा देवी ने कहा कि पंचायत में लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार भी दिया गया है. लॉकडाउन के दौरान जहां लोगों का काम-धंधा बंद रहा, ऐसे में रोजगार की जरूरत वाले सभी लोगों को मनरेगा में शामिल किया गया. वहीं अब तक 300 लोगों को रोजगार दिया जा चुका है. साथ ही आने वाले समय में ओर लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा.

fight against corona, गांवों में कोरोना
आने जाने वालों पर नजर रखता पुलिसकर्मी

वहीं उप सरपंच प्रवीण सिंह ने कहा कि गांव के लोग कोविड-19 को लेकर सतर्क हैं. सभी लोग मास्क पहन रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग के लिए सभी लोगों को समझाया गया. बाहर ना निकलने की हिदायत भी दी गई.

राशन की रही उचित व्यवस्था

गांव में उचित मूल्य की दुकान पर लोगों को जहां राशन वितरण किया जा रहा है. वहीं लोग सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन कर रहे हैं. गांव में कोविड-19 को लेकर महिलाओं में जागरूकता पुरुषों की तुलना में ज्यादा नजर आई. महिलाएं मास्क लगाकर बाहर घूम रही थीं और अपने दिनचर्या का कार्य कर रही थीं.

fight against corona, गांवों में कोरोना
सामान लेकर जाते हुए युवक

पहाड़ों के बीच बसी पंचायत में लोगों के बीच कोरोना वायरस का डर तो नहीं है पर लोग सतर्क हैं. पहाड़ों पर लोगों के घर बने हुए हैं. ज्यादातर लोग घरो में रहते नजर आए. बिना काम के लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

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यात्री नाके पर ली जाती है पूरी जानकारी

वहीं ईटीवी भारत की टीम जब ग्राम पंचायत पहुंची तो देखा कि ग्राम पंचायत के बाहर यात्री नाका है. जहां बाहर से आने वाले हर व्यक्ति के बारे में जानकारी ली जा रही है. यात्रियों या बाहर से आने वाले प्रवासियों का नाम -पता लिखने के बाद ही पंचायत क्षेत्र में प्रवेश दिया जा रहा है.

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कुल मिलाकर माउंट आबू की ओरिया ग्राम पंचायत कोरोना की इस जंग में पूरी तरह सजग नजर आई. ग्रामीणों की जागरूकता और प्रशासन के साथ से यहां के लोग कोविड-19 से बिल्कुल अछूते रहे.

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