सिरोही. पॉक्सो विशेष न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अनूप कुमार पाठक ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में फैसला सुनाते हुए दुराचार के आरोपी को दोषी साबित करार देते हुए 10 साल का कठोर कारावास और 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है.
लोक अभियोजक प्रकाश धवल ने बताया कि एक व्यक्ति ने सिरोही एसपी को शिकायती पत्र दिया था. इसके अनुसार स्वरूपगंज थाना क्षेत्र के कासिंन्द्र गांव में 8 नवंबर, 2020 की सुबह करीब 6:30 बजे उसकी नाबालिग बेटी पानी लेने के लिए गई थी. करीब आधे घंटे तक वह वापस नहीं आई, तो उसने उनके दोस्त के साथ बेटी को ढूंढना शुरू किया. बेटी को ढूंढते समय उन्हें एक युवक ने बताया कि बाथरूम में किसी लड़की के चिल्लाने की तेज-तेज आवाज आ रही है. जब बाथरूम का दरवाजा खटखटाया तो कासिंद्रा निवासी गोविंद पुत्र कालुराम दरवाजा खोल धक्का देकर भाग निकला. बाथरूम में बेटी की हालत बेहद दयनीय थी.
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बेटी ने रोते हुए परिजनों को पूरी घटना बताई. उसने बताया कि आरोपी उसे खींचते हुए बाथरूम में ले गया और दुराचार किया. सिरोही एसपी की रिपोर्ट पर मामले को गंभीरता से लेते हुए इस मामले की जांच स्वरूपगंज थाने के तत्कालीन थानाधिकारी छगनलाल डांगी ने जांच शुरू की. न्यायालय के आदेश पर आरोपी को जेल भेज दिया गया. जांच पूरी होने के बाद आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया.
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जांच के दौरान पुलिस ने पीड़िता के बयान के लिए. वारदात के करीब सवा 8 महीने बाद 20 अगस्त, 2021 को पीड़िता की किसी अन्य कारण से मौत हो गई. मौत के बाद उसे न्याय दिलाने के लिए पुलिस तथा लोक अभियोजक ने इस मामले को और गंभीरता से लिया. न्यायालय में बहस के दौरान लोक अभियोजक की तरफ से 16 गवाहों को पेश कर गवाही करवाई और 29 दस्तावेज पेश किए गए.
बहस के दौरान लोग अभियोजक प्रकाश धवल ने चश्मदीद गवाह तथा मेडिकल जांच रिपोर्ट पेश की. इस मामले में न्यायालय ने आरोपी गोविंद पुत्र कालूराम को दोषी मानते हुए 10 साल की कठोर कारावास और 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. इस मामले में न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि आरोपी घटना के समय 30 साल का था. जिसने अल्पायु की पीड़िता के साथ बलपूर्वक घटना की है. इन तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी के प्रति नरमी नहीं बरती जा सकती है.