सिरोही. कोरोना संक्रमण के रोकथाम ने लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. इस बीच राजस्थान के जो लोग अन्य प्रदेशों में रोजगार करते थे, वह वहां फंस गए. ऐसे फंसे हुए प्रदेशवासियों को अपने राज्य वापस लाने के लिए सरकार और प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. सिरोही जिला गुजरात की सीमा से सटा हुआ है. जिले के मावल और मंडार बॉर्डर पर प्रशासन ने राजस्थानियों को प्रदेश में लाने के लिए कैम्प बनाए है.
बता दें कि, बॉर्डर पर प्रशासन की ओर से जिले के अनुसार मेडिकल कैम्प लगाए गए है. व्यक्ति जिस जिले का होगा उसकी जांच संबंधित जिले के कैंप में की जाएगी. इसके लिए अलग-अलग मेडिकल टीमों का गठन किया गया और बूथ बनाए गए है. साथ ही प्रशासन ने मेडिकल जांच के बाद उनको गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए राजस्थान रोडवेज की बसे लगाई है.
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वहीं बॉर्डर पर गुजरात से आने वाले लोगों को किस प्रकार से प्रदेश में प्रवेश करवाया जाएगा और उनकी जांच कैसे होगी, इसका निरीक्षण करने सांसद देवजी पटेल ,जिला कलक्टर भगवती प्रसाद, एसपी कल्याण मल मीणा सहित जिले के आला अधिकारी बॉर्डर पहुंचे. इन लोगों ने कैंपों पर समुचित व्यवस्था देखी और तैयारियों का जायजा लिया. साथ ही बॉर्डर पर मेडिकल जांच को किस प्रकार से किया जाए, इसको लेकर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए.
इस दौरान सांसद देवजी पटेल ने कहा की लोग अपनी कर्मभूमि से जन्मभूमि की ओर आना चाह रहे है. उसके लिए राज्य सरकारों को आपस में तालमेल कर जल्दी से जल्दी उन्हें जांच के बाद अपने घर भेजना चाहिए, सांसद ने बॉर्डर पर व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन से जानकारी ली.