सिरोही. प्रदेश का एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू इन दिनों दुर्दशा का शिकार होता नजर आ रहा है. हिल स्टेशन के आकर्षण का केंद्र नक्की लेक प्रदूषित हो रही है. लेकिन, ना तो नक्की लेक प्रशासन और ना ही नगर पालिका इस ओर कोई ध्यान दे रही है. गौरतलब है कि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होने के चलते नक्की लेक पर पर्यटकों की भारी भीड़ यहां जमा होती है. लेकिन, उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पर्यटक बोटिंग तक सही से नहीं कर पा रहे हैं.
अपनी खूबसूरत वादियों के लिए पहचाने जाने वाले प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में अक्सर ही पर्यटकों की चहल पहल रहती है. हर साल यहां लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं और माउंट आबू के मौसम का मजा लेते हैं. वहीं, माउंट आबू के आकर्षण के केंद्र में नक्की लेक पर बोटिंग कर सकून महसूस करते हैं. लेकिन, अब ये नक्की लेक प्रदूषण का शिकार हो रही है. नक्की लेक के चारों ओर पानी में भारी मात्रा में काई जमा हो गई है. साथ ही कूड़ा करकट भी जमा हो गया है. इसके चलते बोटिंग करने में भी पर्यटकों को परेशानी हो रही है. साथ ही माउंट आबू की छवि भी गंदगी के चलते धूमिल हो रही है.
वहीं, प्रदेश सरकार पर्यटकों को राजस्थान आने के लिए तरह-तरह की सहूलियत दे रही है. ऐसे में माउंट आबू प्रशासन सरकार की छवि को धूमिल भी कर रही हैं. नक्की लेक में जमे पानी से दुर्गंध भी आ रही है. माउंट आबू घूमने आने वाले पर्यटक नक्की लेक में नौकायन और फोटो जरूर खींचते हैं. लेकिन, अब पर्यटक वहां पर खड़े भी नहीं हो पा रहे हैं. इस तरह की दुर्गंध आ रही है.
नक्की लेक पर स्थित सेल्फी प्वाइंट पर मौजूद पर्यटक में बताया कि उन्होंने माउंट आबू आने के लिए पालिका को टैक्स दिए, जिससे उन्हें माउंट आबू में सुविधा हो सके. लेकिन, नक्की लेक में गंदगी पसरी पड़ी है. सेल्फी प्वाइंट पर खड़ा रहना दुश्वार हो गया है. काफी बदबू आ रही है. लेकिन, प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में पर्यटकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उन्होंने अपील की है कि नक्की लेक को साफ किया जाए, जिससे पर्यटकों को घूमने में आसानी हो सके और वो यहां लुत्फ उठा सकें. नक्की लेक पर गंदगी और बदबू आने से लेक पर निर्भर कर्मिक और व्यवसाय करने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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नक्की लेक पर निर्भर फोटोग्राफर का कहना है कि दुर्गंध के चलते उनके व्यवसाय में भी असर पड़ा है. पर्यटक लेक के किनारे थोड़ी देर भी खड़ा नहीं हो सकता, जिससे उनके रोजी रोजी रोटी पर भी संकट आ गया है. ऐसे में उनकी मांग है कि नक्की लेक को साफ किया जाए और इसे बचाया जाए. यूं तो माउंट आबू में स्वयं सेवी संस्था कई बार लेक को साफ करती है, लेकिन इस बार नगर पालिका की उदासीनता कहें या लापरवाही नक्की लेक की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
माना जा रहा है कि नक्की लेक में मौजूद छोटे जीव (जैसे-मछलियां) भी प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं. उनके भी जीवन पर संकट खड़ा होने की संभावना है. माउंट आबू प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है. ऐसे में पर्यटकों को अच्छी सुविधा और घूमने में आसानी हो, इसको लेकर प्रशासन को प्रयास करना चाहिए. लेकिन, माउंट आबू में प्रशासनिक लापरवाही का आलम दिख रहा है. ऐसे में पर्यटक कैसे माउंट आबू का रुख करें, इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. देखना होगा कि प्रशासन कब तक प्रदूषित हो रही लेक को साफ कर पाता है और लेक को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है.