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Panther in Sirohi : आवासीय कॉलोनी में पैंथर का मूवमेंट, लोगों में डर का माहौल - Tigress climbed Tree in Ranthambore

सिरोही की एक आवासीय कॉलोनी में पैंथर का मूवमेंट देखा गया है. इससे पहले यहां भालू भी देखा गया था. धौलपुर में सोमवार रात को पैंथर और भालू का मूवमेंट देखा गया (Panther and Bear Seen in Dholpur) है. इसके बाद से लोगों में भय का माहौल है.

Panther Seen in Sirohi
सिरोही में पैंथर का मूवमेंट देखा गया
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Published : Feb 14, 2023, 5:49 PM IST

Updated : Feb 14, 2023, 9:32 PM IST

सिरोही में दिखा पैंथर, रणथंभौर में बाघिन नूर की साइटिंग

सिरोही. प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में पैंथर की मूवमेंट देखने को मिली है. जानकारी के अनुसार माउंट आबू के जनता कॉलोनी में लगे सीसीटीवी में सोमवार देर रात करीब 2 बजे बाद पैंथर दिखा है. माउंट आबू में पैंथर के साथ ही भालू भी अक्सर देखने को मिल जाते हैं. स्थानीय निवासी सुनील आचार्य ने बताया कि पैंथर और भालू अक्सर ही शाम ढलने के बाद खाने और शिकार की तलाश में आबादी वाले क्षेत्र का रुख करते हैं. वन विभाग की ओर से लोगों को जानवरों से दूर रहने की सलाह दी जा जाती.

कुछ दिन पूर्व भालू भी आया था इसी कॉलोनी में : पैंथर की मूवमेंट से पूर्व इसी कॉलोनी में भालू भी देखा गया था. कॉलोनी में भालू के घूमने का वीडियो भी सीसीटीवी में कैद हुआ था. भालू माउंट आबू में कई बार सुबह और शाम को कचरे के ढेर के पास भोजन की तलाश में भी नजर आता है. ओरिया, गुरुशिखर, देलवाडा सहित कई क्षेत्रों में भालुओं ने ग्रामीणों पर हमले भी किए हैं.

पढ़ें. Panther seen in Khetri: खेतड़ी की पहाड़ियों में दिखा पैंथर, इलाके में दहशत, वन विभाग की टीम रेस्क्यू में जुटी

धौलपुर में भी दिखा पैंथर और भालू : सोमवार रात को राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के आवासीय परिसर एवं स्कूल प्रांगण में पैंथर और भालू के पहुंचने से स्कूल स्टाफ एवं विद्यार्थियों में भारी दहशत देखी जा रही है. वन विभाग को स्कूल प्रबंधन ने इसको लेकर अवगत करा दिया है. फिलहाल अभी दोनों वन्यजीवों को रेस्क्यू नहीं किया गया है.

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के प्रिंसिपल लेफ्टिनेंट कर्नल श्याम कृष्णा टीपी ने बताया कि सोमवार की मध्य रात्रि को राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के आवासीय परिसर एवं स्कूल प्रांगण में पैंथर और भालू देखा गया है. दोनों की चहलकदमी सीसीटीवी में कैद हुई है. उन्होंने बताया राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल जंगल में होने की वजह से भालुओं की चहल कदमी अमूमन बनी रहती है, लेकिन सबसे हिंसक जानवर पैंथर के प्रवेश करने से स्कूल के अध्यापक एवं विद्यार्थियों में भारी दहशत व्याप्त है.

पैंथर को विद्यालय की बाउंड्री वॉल पर चहल कदमी करते हुए देखा जा रहा है. जबकि भालू को स्कूल के मुख्य दरवाजे के सामने रात्रि में विचरण करते देखा गया है. स्कूल परिसर से आवासीय परिसर थोड़ी दूरी पर स्थित है. लगभग 500 मीटर का सफर तय कर विद्यार्थी जंगल के रास्ते से स्कूल पहुंचते हैं. ऐसे में कभी भी हिंसक जानवर उनपर हमला कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि मामले की सूचना वन विभाग को दी है, लेकिन अभी तक वन विभाग ने दोनों हिंसक जानवरों को रेस्क्यू नहीं किया है.

पढ़ें. Panther in Banswara: शहर की घनी आबादी में दिखा पैंथर, सीसीटीवी में कैद हुई घटना

सवाई माधोपुर में पेड़ पर चढ़ी बाघिन नूर : रणथंभौर नेशनल पार्क में पर्यटकों को एक शानदार नजारा देखने को मिला. जोन नंबर 6 में बाघिन के टेरिटरी में लेपर्ड के आ जाने से अचानक बाघिन नूर ने पैंथर पर हमला बोल दिया. बाघिन से बचने के लिए पैंथर अपनी जान बचाते हुए एक पेड़ पर चढ़ गया. इस दौरान लेपर्ड का पीछा करते हुए बाघिन नूर भी पेड़ पर चढ़ गई. वहां मौजूद पर्यटकों ने इस नजारे को अपने कैमरे में कैद कर लिया. यह वीडियो सोमवार का बताया जा रहा है

वीडियो में देखा जा रहा है कि लेपर्ड का पीछा करते हुए बाघिन कुछ ही सेकंड में पेड़ पर चढ़ गई. लेकिन लेपर्ड पेड़ की सबसे ऊंची डाल पर बैठा था इसलिए बाघिन नूर आधे में ही वापस नीचे उतर गई. वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बाघ बाघिन का वजन लगभग 3.50 सौ से 400 किलो के लगभग होता है. जबकि लेपर्ड का लगभग 100 किलो ही होता है. इसी कारण लेपर्ड फुर्ती से पेड़ पर चढ़ जाता है. बाघ-बाघिन वजन ज्यादा होने के कारण पेड़ या अन्य ऊंचाई पर नहीं चढ़ सकते.

सिरोही में दिखा पैंथर, रणथंभौर में बाघिन नूर की साइटिंग

सिरोही. प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में पैंथर की मूवमेंट देखने को मिली है. जानकारी के अनुसार माउंट आबू के जनता कॉलोनी में लगे सीसीटीवी में सोमवार देर रात करीब 2 बजे बाद पैंथर दिखा है. माउंट आबू में पैंथर के साथ ही भालू भी अक्सर देखने को मिल जाते हैं. स्थानीय निवासी सुनील आचार्य ने बताया कि पैंथर और भालू अक्सर ही शाम ढलने के बाद खाने और शिकार की तलाश में आबादी वाले क्षेत्र का रुख करते हैं. वन विभाग की ओर से लोगों को जानवरों से दूर रहने की सलाह दी जा जाती.

कुछ दिन पूर्व भालू भी आया था इसी कॉलोनी में : पैंथर की मूवमेंट से पूर्व इसी कॉलोनी में भालू भी देखा गया था. कॉलोनी में भालू के घूमने का वीडियो भी सीसीटीवी में कैद हुआ था. भालू माउंट आबू में कई बार सुबह और शाम को कचरे के ढेर के पास भोजन की तलाश में भी नजर आता है. ओरिया, गुरुशिखर, देलवाडा सहित कई क्षेत्रों में भालुओं ने ग्रामीणों पर हमले भी किए हैं.

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धौलपुर में भी दिखा पैंथर और भालू : सोमवार रात को राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के आवासीय परिसर एवं स्कूल प्रांगण में पैंथर और भालू के पहुंचने से स्कूल स्टाफ एवं विद्यार्थियों में भारी दहशत देखी जा रही है. वन विभाग को स्कूल प्रबंधन ने इसको लेकर अवगत करा दिया है. फिलहाल अभी दोनों वन्यजीवों को रेस्क्यू नहीं किया गया है.

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के प्रिंसिपल लेफ्टिनेंट कर्नल श्याम कृष्णा टीपी ने बताया कि सोमवार की मध्य रात्रि को राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के आवासीय परिसर एवं स्कूल प्रांगण में पैंथर और भालू देखा गया है. दोनों की चहलकदमी सीसीटीवी में कैद हुई है. उन्होंने बताया राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल जंगल में होने की वजह से भालुओं की चहल कदमी अमूमन बनी रहती है, लेकिन सबसे हिंसक जानवर पैंथर के प्रवेश करने से स्कूल के अध्यापक एवं विद्यार्थियों में भारी दहशत व्याप्त है.

पैंथर को विद्यालय की बाउंड्री वॉल पर चहल कदमी करते हुए देखा जा रहा है. जबकि भालू को स्कूल के मुख्य दरवाजे के सामने रात्रि में विचरण करते देखा गया है. स्कूल परिसर से आवासीय परिसर थोड़ी दूरी पर स्थित है. लगभग 500 मीटर का सफर तय कर विद्यार्थी जंगल के रास्ते से स्कूल पहुंचते हैं. ऐसे में कभी भी हिंसक जानवर उनपर हमला कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि मामले की सूचना वन विभाग को दी है, लेकिन अभी तक वन विभाग ने दोनों हिंसक जानवरों को रेस्क्यू नहीं किया है.

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सवाई माधोपुर में पेड़ पर चढ़ी बाघिन नूर : रणथंभौर नेशनल पार्क में पर्यटकों को एक शानदार नजारा देखने को मिला. जोन नंबर 6 में बाघिन के टेरिटरी में लेपर्ड के आ जाने से अचानक बाघिन नूर ने पैंथर पर हमला बोल दिया. बाघिन से बचने के लिए पैंथर अपनी जान बचाते हुए एक पेड़ पर चढ़ गया. इस दौरान लेपर्ड का पीछा करते हुए बाघिन नूर भी पेड़ पर चढ़ गई. वहां मौजूद पर्यटकों ने इस नजारे को अपने कैमरे में कैद कर लिया. यह वीडियो सोमवार का बताया जा रहा है

वीडियो में देखा जा रहा है कि लेपर्ड का पीछा करते हुए बाघिन कुछ ही सेकंड में पेड़ पर चढ़ गई. लेकिन लेपर्ड पेड़ की सबसे ऊंची डाल पर बैठा था इसलिए बाघिन नूर आधे में ही वापस नीचे उतर गई. वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बाघ बाघिन का वजन लगभग 3.50 सौ से 400 किलो के लगभग होता है. जबकि लेपर्ड का लगभग 100 किलो ही होता है. इसी कारण लेपर्ड फुर्ती से पेड़ पर चढ़ जाता है. बाघ-बाघिन वजन ज्यादा होने के कारण पेड़ या अन्य ऊंचाई पर नहीं चढ़ सकते.

Last Updated : Feb 14, 2023, 9:32 PM IST
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