सिरोही. बीते कई सालों से समाजसेवा में सक्रिय रहने वाले युवा नेता दलपत मंडवारिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. शनिवार को जयपुर स्थित प्रदेश मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सिरोही जिले के समाजसेवी दलपत मंडवारिया के साथ कई नेताओं और सेवानिवृत अधिकारियों कर्मचारियों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई. इस दौरान अरुण सिंह, सीपी जोशी और राजेन्द्र राठौड़ ने दलपत राजपुरोहित के गले में भगवा अंग वस्त्र (दुपट्टा) पहनाकर स्वागत किया. पार्टी कार्यालय में मीडिया से रूबरू होते हुए प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि समाज सेवा में लंबे समय से सक्रिय लोगों के पार्टी से जुड़ने पर पार्टी को काफी फायदा होगा.
छोटी उम्र में कई गौशालाओं के ट्रस्टी बने मंडावरिया : सिरोही जिले के मंडवारिया गांव के रहने वाले दलपत राजपुरोहित वर्ष 2015 से 2020 तक मंडवारिया ग्राम पंचायत के सरपंच रहे हैं. मात्र 35 साल के ये ऊर्जावान युवा नेता सिरोही जिले की कई गौशालाओं के ट्रस्टी हैं. स्टील व्यवसायी दलपत मंडवारिया पिछले कई सालों से समाजसेवा के कार्यों से जुड़े हैं. गरीब और वंचित वर्ग के परिवारों की मदद के लिए वे हमेशा आगे रहे हैं.
पढ़ें सिरोही पुलिस ने एक दिन में बनाए 45 नए हिस्ट्रीशीटर, मुख्यमंत्री के सलाहकार ने उठाए सवाल
ब्राह्मण समाज के बड़े चेहरे हैं दलपत राजपुरोहित : दलपत मंडवारिया राजपुरोहित समाज का मारवाड़ और प्रवासियों में एक जाना माना नाम है. मंडवारिया में सरपंच रहने के दौरान एक साथ 25 हजार पौधे लगाने के कारण वे पूरे सिरोही जिले में चर्चित हो गए. साथ ही वे लगातार गौशालाओं में दान करते रहते हैं. ब्राह्मण समाज के लोगों में उनकी अच्छी पकड़ है. पिछले दिनों 25 जून को सिरोही जिले में ब्राह्मण महापंचायत का आयोजन हुआ था. उस महापंचायत के आयोजन में दलपत मंडवारिया की मुख्य भूमिका थी.
मित्र के नाते संयम लोढ़ा के चुनाव प्रचार की कमान संभाली : दलपत मंडवारिया संयम लोढ़ा के काफी करीबी हैं. साल 2018 के चुनाव के दौरान संयम लोढ़ा को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था. ऐसे में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा. चुनाव के दौरान मित्र होने के नाते प्रचार प्रसार की कमान दलपत मंडवारिया ने ही संभाली थी. दलपत के साथ युवाओं की एक बड़ी टीम जुड़ी है. अब दलपत राजपुरोहित खुद प्रत्यक्ष रूप से राजनीति में आने से खुद ब खुद उनकी राहें लोढ़ा से अलग हो गई है.