सिरोही. कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान राजस्थान में हाहाकार मचा. सिरोही जिला भी अछूता नहीं था. लगातार बढ़ते मरीज, अस्पतालों में ऑक्सीजन-दवाओं की कमी ने मुश्किलें बढ़ा दी थी. जिले अप्रैल माह में रोजाना सैकड़ों मामले सामने आ रहे थे. ऐसे में ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने अपनी एक इमारत कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर के तौर पर प्रशासन को सौंप दी.
ब्रह्माकुमारीज की इस बिल्डिंग में 500 से अधिक बेड से कोविड सेंटर तैयार किया गया. 23 मार्च को शुरू हुआ ये सेंटर जोधपुर संभाग का सबसे बड़ा कोविड़-19 आइसोलेशन सेंटर था. जिला कलक्टर भगवती प्रसाद के निर्देश पर चिकित्सा विभाग की एक बड़ी टीम को सेंटर पर लगाई गई. टीएडी उपायुक्त सुमन सोनल को सेंटर का प्रभारी बनाया गया.
आइसोलेशन सेंटर पर बेड की समुचित व्यवस्था थी लेकिन ऑक्सीजन की कमी पर परिवहन विभाग, अन्य संस्थाओं और भामाशाहों का सहयोग लिया गया. गुजरात राज्य और राजसमंद-पाली जिले से ऑक्सीजन सिलेंडर लगातार मंगवाए गए.
40 सदस्यों के मेडिकल स्टाफ ने दिन-रात किया काम
आबूरोड़ के मानसरोवर में बने कोविड़-19 सेंटर पर फिजिशियन डॉ एमएल हिंडोनिया ने कमान संभाली. दिन-रात उनकी टीम मरीजों की सेवा में लगी रही. मोबाइल कॉल और व्हाट्सएप के जरिए भी लोगों की मदद की गई. इस टीम में डॉ सलीम, डॉ अक्षय, डॉ चंदनसिंह सहित नर्सिंग कर्मी सुखबीर सिंह मरीजों की देखभाल करते रहे. डॉ हिंडोनिया ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी पर प्रशासन का सहयोग मिला. चिकित्सा विभाग की टीम के उत्साह ने गंभीर से गंभीर मरीजों को भी ठीक कर घर भेजा. कोविड़ सेंटर पर 40 मेडिकल स्टॉफ की टीम मौजूद रही.
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665 मरीज स्वस्थ होकर लौटे
कोविड़ सेंटर प्रभारी सुमन सोनल ने बताया कि कोरोना पीक के समय जिला कलक्टर के निर्देश पर प्रशासन और चिकित्सा विभाग की टीम मरीजों के लिए व्यवस्थाएं जुटाते रहे. कोरोना के पीक के दौर में 750 के करीब मरीज सेंटर पर भर्ती हुए जिसमें से 665 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे. अब इस कोरोना सेंटर पर एक भी कोरोना मरीज भर्ती नहीं है.
योग और साधना से मरीजों को मिला लाभ
ब्रह्माकुमारीज संस्थान का यह सेंटर शहर से दूर नदी किनारे शांत वातावरण में था. जहां मरीजों को संस्थान से जुड़े सदस्य नित्य योग और साधना करवाते थे. इसका भी मरीजों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा. म्यूजिक के जरिये मरीजों को तनाव मुक्त करने के भी प्रयास किये गए.