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पहाड़ों से उतरी ठंड: माउंट आबू में पारा @1.4 डिग्री सेल्सियस, प्रतापगढ़ और चित्तौड़गढ़ में बढ़ी ठिठुरन

उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर राजस्थान में भी देखने को मिल रहा है. प्रदेश के कई जिलों में रात का न्यूनतम पारा रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रहा है. माउंट आबू में बीती रात जहां 1.4 डिग्री सेल्सियस तापमाना दर्ज किया गया. वहीं प्रतापगढ़ में 16 दिसंबर की रात बीते 10 सालों में सबसे ठंडी रही. पढ़ें सिरोही, प्रतापगढ़ और चित्तौड़गढ़ जिलों के मौसम की रिपोर्ट...

cold wave effect in rajasthan, राजस्थान में सर्दी का असर
cold wave effect in rajasthan, राजस्थान में सर्दी का असर
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Published : Dec 16, 2020, 12:11 PM IST

सिरोही/चित्तौड़गढ़/प्रतापगढ़. उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर साफ तौर पर माउंट आबू में देखने को मिल रहा है. माउंट आबू में ठिठुरन का दौर जारी है. ठंडी हवाओ ने माउंट आबू को अपनी गिरफ्त में ले रखा है. ठंडी हवाओ के चलते लोगों की धूजणी छूट गई है.

ठंडी हवाओं ने हिल स्टेशन को जकड़ा

सर्दी के सितम के चलते लोगों की दिनचर्या में खासा असर पड़ा है. पारे में गिरावट के बाद कई जगह ओस की बूंदें तक जम गईं. लोग सर्दी से बचने के जतन में अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं. वहीं, पर्यटक चाय की चुस्कियों के सहारे सर्दी भगाने का जतन करते नजर आ रहे हैं.

माउंट आबू में सर्दी के प्रकोप के चलते इसका असर जिले के अन्य हिस्सों में भी देखा जा रहा है. सर्दी के बढ़ने से पॉलो ग्राउंड सहित मैदानी इलाकों में बर्फ की परत देखने को मिली. वहीं हल्की मावठ होने से किसानो के चेहरे खिले हुए हैं. मावठ से फसल हो फायदा होने की उम्मीद है.

छट गए बादल, पारा 3 डिग्री गिरा, शीतलहर से गलन और बढ़ी

चित्तौड़गढ़. शहर सहित जिलेभर में सर्दी का असर और भी तेज हो गया है. पिछले 3 दिन से छाया कोहरा कुछ कम हो गया लेकिन बादल छटने के बाद सर्दी और भी बढ़ गई. बर्फानी हवाओं के चलते गलन बढ़ गई. नतीजतन हाड़ कंपाती सर्दी से जनजीवन अस्त व्यस्त नजर आया. सड़कों पर सुबह-सुबह सन्नाटा नजर आया.

चित्तौड़गढ़ में शीतलहर से गलन और बढ़ी

हालांकि शहर में तड़के धुंध छाई रही लेकिन धीरे-धीरे धुंध छंटने लग गई. बादल छठ गए और मौसम साफ हो गया. इससे गलन का असर और भी बढ़ गया. न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री की गिरावट आई और 14 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 11 डिग्री तक पहुंच गया. वहीं, अधिकतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया.

जिले भर में शीतलहर से गलन बढ़ गई और लोग ठिठुरते नजर आए. अधिकांश लोग गर्म वस्त्रों में सिमटे दिखाई दिए. कई स्थानों पर लोग अलाव का सहारा लेते दिखे. खासकर सुबह और शाम प्रमुख चौराहों पर कई लोगों का अलाव ही सहारा बन गए.

मौसम वैज्ञानिक डॉ प्रियंका स्वामी ने बताया कि अगले दो से 3 दिन अधिकतम और न्यूनतम तापमान में और भी गिरावट आने के आसार हैं. इससे इस अवधि में सर्दी और भी बढ़ सकती है. बता दे कि पिछले तीन-चार दिन से सर्दी का असर बढ़ा है लेकिन बुधवार को इसका आंसर और भी तेज हो गया. कृषि विभाग ने किसानों को रोग प्रबंधन के उपाय करने की सलाह दी है. जिन फसलों में 20 से 25 दिन पहले पानी दिया गया हो गलन को देते हुए सिंचाई की जा सकती है.

प्रतापगढ़ में 10 साल में दूसरा सबसे ठंडा दिन

प्रतापगढ़ जिले में ठंड का असर रात की जगह दिन में बढ़ रहा है. हालात यह हो गए हैं कि भरी दोपहर 2:00 बजे भी लोग अलाव तापते हुए नजर आ रहे हैं. दिन का अधिकतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस तक गिरकर 25.5 डिग्री पर पहुंच गया. इसके पीछे शीतलहर बड़ी वजह मानी जा रही है. हालांकि रात का तापमान अभी भी लगातार बढ़ता नजर आ रहा है. रात का तापमान में आधा डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. रात का तापमान 15 डिग्री से ऊपर बना हुआ है. कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र के गांव में भी सुबह से काफी सर जी महसूस की जा रही है. ठंडी शीतलहर होने से ग्रामीण क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हो चुका है.

प्रतापगढ़ में 10 साल में दूसरा सबसे ठंडा दिन

2018 में 16 दिसंबर को 25 डिग्री था तापमान

प्रतापगढ़ में साल 2020 का 16 दिसंबर पिछले 10 सालों की तुलना के हिसाब से दूसरी बार का सबसे ठंडा दिन रहा है. 2018 का 16 दिसंबर 25 डिग्री के तापमान के साथ इन 10 सालों का सबसे ठंडा दिन था.

  • 16 दिसंबर 2011 को 26 डिग्री अधिकतम और 6.5 न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2012 को 28.5 डिग्री अधिकतम और 8.2 डिग्री न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2013 को 30.6 डिग्री अधिकतम और 8.6 डिग्री न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2014 को 28 डिग्री अधिकतम और 7 डिग्री न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2015 को 26 डिग्री अधिकतम और 6 डिग्री न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2016 को 29.5 डिग्री अधिकतम और 9.5 डिग्री न्यनतम
  • 16 दिसंबर 2017 को 25 डिग्री अधिकतम और 12.5 डिग्री न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2018 में 25 डिग्री अधिकतम और 9 डिग्री न्यनतम
  • 16 दिसंबर 2019 को 27 डिग्री अधिकतम और 11 डिग्री न्यनतम
  • 16 दिसंबर 2020 को 25.5 डिग्री अधिकतम और 15.5 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया.

सिरोही/चित्तौड़गढ़/प्रतापगढ़. उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर साफ तौर पर माउंट आबू में देखने को मिल रहा है. माउंट आबू में ठिठुरन का दौर जारी है. ठंडी हवाओ ने माउंट आबू को अपनी गिरफ्त में ले रखा है. ठंडी हवाओ के चलते लोगों की धूजणी छूट गई है.

ठंडी हवाओं ने हिल स्टेशन को जकड़ा

सर्दी के सितम के चलते लोगों की दिनचर्या में खासा असर पड़ा है. पारे में गिरावट के बाद कई जगह ओस की बूंदें तक जम गईं. लोग सर्दी से बचने के जतन में अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं. वहीं, पर्यटक चाय की चुस्कियों के सहारे सर्दी भगाने का जतन करते नजर आ रहे हैं.

माउंट आबू में सर्दी के प्रकोप के चलते इसका असर जिले के अन्य हिस्सों में भी देखा जा रहा है. सर्दी के बढ़ने से पॉलो ग्राउंड सहित मैदानी इलाकों में बर्फ की परत देखने को मिली. वहीं हल्की मावठ होने से किसानो के चेहरे खिले हुए हैं. मावठ से फसल हो फायदा होने की उम्मीद है.

छट गए बादल, पारा 3 डिग्री गिरा, शीतलहर से गलन और बढ़ी

चित्तौड़गढ़. शहर सहित जिलेभर में सर्दी का असर और भी तेज हो गया है. पिछले 3 दिन से छाया कोहरा कुछ कम हो गया लेकिन बादल छटने के बाद सर्दी और भी बढ़ गई. बर्फानी हवाओं के चलते गलन बढ़ गई. नतीजतन हाड़ कंपाती सर्दी से जनजीवन अस्त व्यस्त नजर आया. सड़कों पर सुबह-सुबह सन्नाटा नजर आया.

चित्तौड़गढ़ में शीतलहर से गलन और बढ़ी

हालांकि शहर में तड़के धुंध छाई रही लेकिन धीरे-धीरे धुंध छंटने लग गई. बादल छठ गए और मौसम साफ हो गया. इससे गलन का असर और भी बढ़ गया. न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री की गिरावट आई और 14 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 11 डिग्री तक पहुंच गया. वहीं, अधिकतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया.

जिले भर में शीतलहर से गलन बढ़ गई और लोग ठिठुरते नजर आए. अधिकांश लोग गर्म वस्त्रों में सिमटे दिखाई दिए. कई स्थानों पर लोग अलाव का सहारा लेते दिखे. खासकर सुबह और शाम प्रमुख चौराहों पर कई लोगों का अलाव ही सहारा बन गए.

मौसम वैज्ञानिक डॉ प्रियंका स्वामी ने बताया कि अगले दो से 3 दिन अधिकतम और न्यूनतम तापमान में और भी गिरावट आने के आसार हैं. इससे इस अवधि में सर्दी और भी बढ़ सकती है. बता दे कि पिछले तीन-चार दिन से सर्दी का असर बढ़ा है लेकिन बुधवार को इसका आंसर और भी तेज हो गया. कृषि विभाग ने किसानों को रोग प्रबंधन के उपाय करने की सलाह दी है. जिन फसलों में 20 से 25 दिन पहले पानी दिया गया हो गलन को देते हुए सिंचाई की जा सकती है.

प्रतापगढ़ में 10 साल में दूसरा सबसे ठंडा दिन

प्रतापगढ़ जिले में ठंड का असर रात की जगह दिन में बढ़ रहा है. हालात यह हो गए हैं कि भरी दोपहर 2:00 बजे भी लोग अलाव तापते हुए नजर आ रहे हैं. दिन का अधिकतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस तक गिरकर 25.5 डिग्री पर पहुंच गया. इसके पीछे शीतलहर बड़ी वजह मानी जा रही है. हालांकि रात का तापमान अभी भी लगातार बढ़ता नजर आ रहा है. रात का तापमान में आधा डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. रात का तापमान 15 डिग्री से ऊपर बना हुआ है. कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र के गांव में भी सुबह से काफी सर जी महसूस की जा रही है. ठंडी शीतलहर होने से ग्रामीण क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हो चुका है.

प्रतापगढ़ में 10 साल में दूसरा सबसे ठंडा दिन

2018 में 16 दिसंबर को 25 डिग्री था तापमान

प्रतापगढ़ में साल 2020 का 16 दिसंबर पिछले 10 सालों की तुलना के हिसाब से दूसरी बार का सबसे ठंडा दिन रहा है. 2018 का 16 दिसंबर 25 डिग्री के तापमान के साथ इन 10 सालों का सबसे ठंडा दिन था.

  • 16 दिसंबर 2011 को 26 डिग्री अधिकतम और 6.5 न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2012 को 28.5 डिग्री अधिकतम और 8.2 डिग्री न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2013 को 30.6 डिग्री अधिकतम और 8.6 डिग्री न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2014 को 28 डिग्री अधिकतम और 7 डिग्री न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2015 को 26 डिग्री अधिकतम और 6 डिग्री न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2016 को 29.5 डिग्री अधिकतम और 9.5 डिग्री न्यनतम
  • 16 दिसंबर 2017 को 25 डिग्री अधिकतम और 12.5 डिग्री न्यूनतम
  • 16 दिसंबर 2018 में 25 डिग्री अधिकतम और 9 डिग्री न्यनतम
  • 16 दिसंबर 2019 को 27 डिग्री अधिकतम और 11 डिग्री न्यनतम
  • 16 दिसंबर 2020 को 25.5 डिग्री अधिकतम और 15.5 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया.
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