सीकर. जिले में होली से ठीक पहले हुई ओलावृष्टि और कई इलाकों में हुई बारिश के बाद अभी तक मौसम का मिजाज नहीं सुधरा है. हालात यह है कि चैत्र मास में जहां लू चलने लग जाती है, वहां अभी भी सर्दी का असर बना हुआ है. अब फसल पकाव के दौर में है. इस बदले हुए मौसम से जहां कुछ फसलों को फायदा होगा. वहीं कई फसलों को अब नुकसान भी हो सकता है.
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो जिले में पिछले 15 दिनों से जैसा मौसम है, यह गेहूं की फसल के लिए संजीवनी है. बता दें कि गेहूं की फसल इस समय पकाव के दौर में है. वहीं ठंड और बरसात का पानी मिलने से फसल ज्यादा पैदावार देगी. अभी के मौसम से गेहूं की फसल को कोई नुकसान नहीं होगा. यह मौसम गेहूं की फसल के लिए लाभदायक रहेगा लेकिन अन्य फसलें जैसे जौ, मेथी, सरसों और चना उसके लिए अब यह मौसम घातक साबित हो सकता है
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कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस मौसम में इन फसलों में रोग लगने की संभावना बढ़ गई है क्योंकि वातावरण में लगातार नमी बनी हुई है. नमी की वजह से इन फसलों को चेपा सहित कई अन्य रोग लग सकते हैं. इससे बचने के लिए किसान अभी से इन फसलों पर चेपा से बचने का स्प्रे करें. जिससे की फसलों को बचाया जा सके. अगर बादल हटते हैं और तेज धूप निकलती है तो फिर रोग की संभावना नहीं रहेगी.