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65 साल की महिला 8 साल से ला रही है कांवड़...बोली- जब तक म्हारा छोरा वापस नहीं आता तब तक यूं ही चलेगा सिलसिला

सीकर के खण्डेला में एक वृद्ध महिला श्रवणी देवी द्वारा आठ साल से कावड़ लाए जाने की अनोखी बात सामने आ रही है. खास बात यह है कि महिला अपने लापता बेटे के वापस लौट आने की उम्मीद में कांवड़ लाती है.

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Published : Jul 28, 2019, 10:14 PM IST

65 साल की महिला 8 साल से ला रही है कांवड़

सीकर. जिले के खण्डेला में एक वृद्ध महिला श्रवणी देवी द्वारा आठ साल से कावड़ लाए जाने की अनोखी बात सामने आ रही है. खास बात यह है कि महिला अपने लापता बेटे के वापस लौट आने की उम्मीद में कावड़ लाती है. वृद्ध महिला कावड़ लाने के दौरान अपने पोते-पोतियों को साथ ले जाती है.

सीकर जिले के खण्डेला कस्बे में श्रावण के महीने में कावड़ लाने वाले शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है. अनेक धार्मिक स्थानों से कावड़ लाने वाले शिवभक्त खण्डेला से गुजरते है. शिवभक्तों का कस्बेवासियों द्वारा जगह जगह भण्डारे लगाकर आवभगत और सेवा की जा रही है. रविवार को एक वृद्ध महिला अपने पोतों व पोतियों के साथ लोहार्गल से कावड़ लेकर आई.

65 साल की महिला 8 साल से ला रही है कांवड़

वृद्ध महिला श्रवणी देवी ने बताया कि वह पोतों व पोतियों के साथ लोहार्गल से कावड़ लेकर आई है. बेटा लापता हो गया था और वह उसकी वापसी की उम्मीद से कावड़ लाती है. 65 साल की श्रवणी देवी पिछले आठ साल से कवाड़ लेकर आ रही है. उसने बताया कि वह गणेश्वर, लोहार्गल, टपकेश्वर, नागकुंड, शोभावती सहित अन्य धार्मिक स्थानों से कावड़ ला चुकी है.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस महामंत्री ने की संघ विचारधारा वाले कर्मचारियों के तबादलों की मांग, भाजपा बोली- मूर्खतापूर्ण है 'छुटभैइयों' का यह बयान

महिला का बेटा गिरधारीलाल लापता होने के बाद उसकी वापसी की उम्मीद से कावड़ लाती है. श्रवणी देवी ने कहा कि बाबा भोलेनाथ से ही उम्मीद है उसके बेटे के लौट आने की. वहीं महिला के एक बेटे का पहले देहांत हो चुका है और दूसरा बेटा लापता हो गया. अंतिम बार बेटे ने अपनी मां को कहा कि भट्टों पर काम नहीं होता है इसलिए वह गाड़ी लाईन का काम करेगा, यह बोलकर गया था और अभी तक नहीं आया. महिला को उम्मीद है कि उसका बेटा एक दिन वापस जरूर आएगा.

सीकर. जिले के खण्डेला में एक वृद्ध महिला श्रवणी देवी द्वारा आठ साल से कावड़ लाए जाने की अनोखी बात सामने आ रही है. खास बात यह है कि महिला अपने लापता बेटे के वापस लौट आने की उम्मीद में कावड़ लाती है. वृद्ध महिला कावड़ लाने के दौरान अपने पोते-पोतियों को साथ ले जाती है.

सीकर जिले के खण्डेला कस्बे में श्रावण के महीने में कावड़ लाने वाले शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है. अनेक धार्मिक स्थानों से कावड़ लाने वाले शिवभक्त खण्डेला से गुजरते है. शिवभक्तों का कस्बेवासियों द्वारा जगह जगह भण्डारे लगाकर आवभगत और सेवा की जा रही है. रविवार को एक वृद्ध महिला अपने पोतों व पोतियों के साथ लोहार्गल से कावड़ लेकर आई.

65 साल की महिला 8 साल से ला रही है कांवड़

वृद्ध महिला श्रवणी देवी ने बताया कि वह पोतों व पोतियों के साथ लोहार्गल से कावड़ लेकर आई है. बेटा लापता हो गया था और वह उसकी वापसी की उम्मीद से कावड़ लाती है. 65 साल की श्रवणी देवी पिछले आठ साल से कवाड़ लेकर आ रही है. उसने बताया कि वह गणेश्वर, लोहार्गल, टपकेश्वर, नागकुंड, शोभावती सहित अन्य धार्मिक स्थानों से कावड़ ला चुकी है.

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महिला का बेटा गिरधारीलाल लापता होने के बाद उसकी वापसी की उम्मीद से कावड़ लाती है. श्रवणी देवी ने कहा कि बाबा भोलेनाथ से ही उम्मीद है उसके बेटे के लौट आने की. वहीं महिला के एक बेटे का पहले देहांत हो चुका है और दूसरा बेटा लापता हो गया. अंतिम बार बेटे ने अपनी मां को कहा कि भट्टों पर काम नहीं होता है इसलिए वह गाड़ी लाईन का काम करेगा, यह बोलकर गया था और अभी तक नहीं आया. महिला को उम्मीद है कि उसका बेटा एक दिन वापस जरूर आएगा.

Intro:खण्डेला (सीकर)
लापता बेटे की वापसी की उम्मीद से व्रद्ध महिला श्रवणी देवी आठ साल से ला रही है कावड़
इस बार पोतों व पोतियों के साथ लाई कावड़
महिला को भोलेनाथ से ही उम्मीद
कस्बेवासियों द्वारा शिवभक्तों की जा रही है सेवाBody:माँ लापता बेटे की वापसी की उम्मदी से आठ साल से ला रही है कावड़ इस बार पोतों व पोतियों के साथ लाई कावड़

सीकर जिले के खण्डेला कस्बे में श्रावण के महीने में कावड़ लाने वालों शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है । अनेक धार्मिक स्थानों से कावड़ लाने वाले शिवभक्त खण्डेला से गुजरते है । शिवभक्तों का कस्बेवासियों द्वारा जगह जगह भण्डारे लगाकर आवभगत और सेवा की जा रही है । आज एक व्रद्ध महिला अपने पोतों व पोतियों के साथ लोहागर्ल से कावड़ लेकर आई। व्रद्ध महिला से बात करने पर उसने बताया कि नाम श्रवणी देवी है पोतों व पोतियों के साथ लोहार्गल से कावड़ लेकर आई है बेटा लापता हो गया था वापसी की उम्मीद से लाती है कावड़। महिला श्रवणी पत्नी झाबरमल जाती वर्मा उम्र 65 वर्ष निवासी छारा गोकुलकाबास ने बताया कि वह अपने पोते व पोती के साथ जो कि मोनिका (11), कोमल( 7) ,सिक्षा (8) , विजय कुमार (8) ,राहुल (12 ) के साथ कावड़ लाई है। श्रवणी देवी पिछले आठ साल से कवाड़ लेकर आ रही है । उसने बताया कि वह गणेश्वर, लोहार्गल, टपकेश्वर, नागकुंड, शोभावती सहित अन्य धार्मिक स्थानों से कावड़ ला चुकी है उसका बेटा गिरधारीलाल(45) लापता होने के बाद उसकी वापसी की उम्मीद से कावड़ लाती है श्रवणी देवी ने कहा कि बाबा भोलेनाथ से ही उम्मीद है उसके बेटे के लौट आने की एक बेटे का पहले देहांत हो चुका है ओर दूसरा बेटा लापता हो गया। अंतिम बार उसने कहा कि की भट्टों पर काम नही होता है उससे गाड़ी लाईन का काम करेगा यह बोलकर गया था अभीतक नही आया। शिव भोलेनाथ से ही उम्मीद है पोते पोती मेरे साथ ही रहते हैं।कस्बेवासियों द्वारा धार्मिक स्थानों से कावड़ लेकर आ रहे शिवभक्तों का जगह जगह भण्डारे लगाकर आवभगत की जा रही है।
बाईट श्रवणी देवी Conclusion:खण्डेला व्रद्ध महिला पोतों व पोतियों के साथ
लोहागर्ल से कावड़ लेकर आई
लापता बेटे की वापसी की उम्मीद से ला रही कावड़
महिला को भोलेनाथ से ही अब उम्मीद
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