डायबिटीज एक घातक रोग है. यह भारत समेत पूरी दुनिया में तेजी से पैर पसारने वाली बीमारी है. इस रोग ग्रस्त लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. यह बीमारी खान-पान और जीवनशैली से जुड़ा हुआ है. वहीं, इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस रोग के लक्षण काफी आम होते है. जैसे कि सूखी त्वचा, खुजली वाली त्वचा, चिड़चिड़ापन या व्यवहार में परिवर्तन, अत्यधिक भूख या प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, अत्यधिक थकान, धुंधली दृष्टि, हाथ, पैर या टांगों में झुनझुनी या सुन्नपन, ऐसा घाव जो ठीक नहीं हो रहे हो आदि.
Diabetes.org के अनुसार, शुगर मरीजों को मधुमेह के बिना लोगों की तुलना में अधिक बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन का अनुभव हो सकता है, क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम नहीं करती है. इस लिहाज से डायबिटीज मरीजों के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है. कई बार इस लक्षण को नजरअंदाज करना काफी खतरनाक हो सकता है. इसके कारण शरीर के पार्ट्स तक को काटने की नौबत आ सकती है.
दरअसल, NHS की एक रिपोर्ट के मुताबिक शुगर मरीजों में शरीर के अंगों को काटने का जोखिम 15 गुना ज्यादा होता है. यह इसलिए क्योंकि उनका शरीर पहले की तरह टिशू डैमेज की रिपेयरिंग नहीं कर सकता. टाइप 2 के मुकाबले टाइप 1 डायबिटीज के रोगियों को इस खतरे का सामना ज्यादा करना पड़ता है.
क्यों काटने पड़ते है हाथ-पाव?
दरअसल, डायबिटीज के कारण हाथ और पैर में ब्लड की सप्लाई कम हो जाती है, जिसके कारण उसमें खून के थक्के जमने लगते है और वे सिकुड़नी शुरू हो जाए तो गैंगरीन हो सकता है. (Gangrene एक गंभीर स्थिति है. इस खास तरह के रोग में शरीर के कुछ खास हिस्सों में टिश्यूज खराब होने लगते हैं. इस कारण वहां घाव बनने लग जाता है, जो लगातार फैलता जाता है. अगर समय रहते इस समस्या का इलाज ना किया जाए, तो यह स्थिति बहुत अधिक भयावह हो सकती है.) यह तब होती है जब रक्त की आपूर्ति की कमी के कारण शरीर के ऊतक मर जाते हैं. यह शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा हाथ और पैर को प्रभावित करता है.
Gangrene के बारे में काफी बाद में पता चलता है जब नसे बंद हो जाती है और ना ठीक होने वाले जख्म बन जाते हैं. बाद में इसके कारण सर्जरी करनी पड़ती है. सर्जरी करके मरीजों को आर्टिफिशियल पैर लगाए जाते है. इसलिए ज्यादा बेहतर है कि अपने शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को ज्यादा गंभीर होने ना दे, और समय-समय पर जांच करते रहें. इसके साथ ही इन लक्षणों को भी नजरअंदाज ना करें. एक रिपोर्ट के मुताबिक, युवाओं में इस रोग के कारण हाथ-पाव काटने के मामले पिछले 10 सालों में तेजी से बढ़ें हैं.
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