सीकर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए अब कुछ ही घंटों का समय शेष बचा है. चुनाव प्रचार थमने के साथ ही मतदाताओं ने भी अपने वोट को लेकर मन बना लिया है. भाजपा यहां इस बार पूरी तैयारी के साथ उतरी है. 2018 के चुनाव में बीजेपी को यहां बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. जिले की विधानसभा सीटों पर कद्दावर नेता चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.
लक्ष्मणगढ़ में डोटासरा-महरिया की साख दांव पर : विधानसभा चुनाव में इस बार सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र को हॉट सीट माना जा रहा है. यहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा चौथी बार चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. उनके सामने भारतीय जनता पार्टी से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया चुनावी मैदान में हैं. डोटासरा लक्ष्मणगढ़ विधानसभा से लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. वो इस बार जीत का चौका लगाने के मकसद से मैदान में उतरे हैं. वहीं दूसरी तरफ 6 महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए सुभाष महरिया के सामने अपनी प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है.
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2018 के विधानसभा चुनाव में सीकर जिले की आठ विधानसभा सीटों पर भाजपा का खाता तक नहीं खुला. जिले में परसराम मोरदिया, दीपेंद्र सिंह शेखावत, महादेव सिंह खंडेला ने जीत का छक्का लगाया तो वहीं गोविंद सिंह डोटासरा ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की थी, जबकि पूर्व उद्योग मंत्री राजेंद्र पारीक ने पांचवीं बार जीत हासिल की. इसी तरह फतेहपुर से हाकम अली खान, दांतारामगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह व नीमकाथाना से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश मोदी पहली बार जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे. 7 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार विजयी रहे. वहीं, खंडेला से कांग्रेस समर्थित महादेव सिंह ने जीत दर्ज की थी. 15वें विधानसभा चुनाव में फतेहपुर शेखावाटी हॉट सीट थी, जहां अली और बोली के नाम पर चुनाव लड़ा गया. जिलें में सबसे कम मत अंतर से इस सीट को जीता गया था.