फतेहपुर (सीकर). वन्यजीव प्रेमियों में इस बात को लेकर खासी खुशी है कि, राजस्थान के राज्य पशु चिंकारा के कुनबे में बढ़ोतरी हुई है. 22 मई 1981 को इसे राजस्थान का राज्य पशु घोषित किया गया था. वर्तमान में राजस्थान का वन्य श्रेणी का राज्य पशु चिंकारा और पालतू पशु श्रेणी में ऊँट को रखा गया हैं. क्षेत्र में बीते 5 सालों से हर वर्ष चिंकारा की संख्या बढ़ रही है.
फतेहपुर क्षेत्र में अब चिंकारा की संख्या 1 हजार के पार हो गई. 5 वर्षों में 284 चिंकारा बढ़े हैं. यह संख्या तब बढ़ी हैं जब विभाग या सरकार की तरफ से इनके संरक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. फतेहपुर के रामगढ़ क्षेत्र और उत्तरी पश्चिमी गांवों में लगातार चिंकारा की तादाद बढ़ रही है. सबसे ज्यादा चिंकारा रामगढ़ और ढांढ़ण गांव के एरिया में हैं.
इन क्षेत्रों में चिंकारा की सुरक्षा से लेकर इनकी देखरेख के लिए कोई भी कदम नहीं उठाये गये हैं. अब लगातार इनकी संख्या बढऩे से वन्य जीव प्रेमियों में खुशी हैं. यह संख्या तो सिर्फ बीहड़ में लगे वाटर पॉइंट की है. इसके अलावा बीहड़ के दूर दराज इलाके में और खेतों में भी चिंकारा विचरण करते हैं. जिनकी गणना नहीं हो सकी. वन्य जीवों की संख्या कम नहीं हो इसके लिए सरकार कई अभियान चलाती हैं और कई कदम उठाये जा रहे हैं. सरकार के इन प्रयासों से फतेहपुर का यह इलाका काफी दूर हैं. बिना सरकारी संरक्षण के संख्या बढ़ना अच्छे संकेत हैं.
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हर वर्ष बढ़ी है संख्या
वर्ष 2016 में 769
वर्ष 2017 में 848
वर्ष 2018 में 871
वर्ष 2019 में 893
वर्ष 2020 में 1053
बीते वर्ष में बढ़े सर्वाधिक चिंकारा वर्ष 2019 और 2020 के बीच चिंकारा की संख्या में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई हैं. इस बीच 160 चिंकारा बढ़े हैं. इससे पहले के वर्षों में आंकड़ें तो बढ़े है लेकिन संख्या कम रही.