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सीकरः वार्ड- 42 के वासिंदों ने मोबाइल टावर लगाने का किया विरोध

सीकर के वार्ड 42 स्थित कच्ची बस्ती के लोगों मोबाइल टावर लगाने का विरोध कर रहा है. इन लोगों का कहना है कि यहां टावर लगाने से कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं.

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Published : Nov 23, 2019, 5:13 PM IST

सीकर. शहर के वार्ड 42 स्थित कच्ची बस्ती में स्थानीय लोगों मोबाइल टावर लगाने का विरोध कर रहा है. इन लोगों का कहना है कि यहां टावर लगाने से कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं. पहले भी प्रशासन को इस संबंध में अवगत कराया गया था, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया.

सीकर में स्थानीयों ने मोबाइल टावर लगाने का विरोध किया

बताया जा रहा है कि सीकर शहर के वार्ड 42 स्थित कच्ची बस्ती में एक मोबाइल कंपनी का टावर लगाने का काम हो रहा था. कुछ दिन पहले भी लोगों ने इसका विरोध करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन उसके बाद भी लोगों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

वहीं शनिवार को कंपनी के कर्मी ट्रक में सामान भरकर टावर लगाने के लिए पहुंचे, तो स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और टावर नहीं लगाने दिया. इसके बाद कंपनी के कर्मियों को अपना सामान वापस लेकर लौटना पड़ा. बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां टावर लगाने से कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं. पहले भी प्रशासन को इस संबंध में अवगत कराया गया था, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया.

यह भी पढ़ें- सीकर: दो अलग-अलग सड़क हादसे में एक महिला और पुरुष की मौत, चार घायल

जानकारी के अनुसार लोगों का ये भी कहना है कि जिस जमीन पर टावर लगाना प्रस्तावित है. वह भी विवादित है. इस जमीन को लेकर वन विभाग, जलदाय विभाग और नगर परिषद के बीच विवाद चल रहा है. इस बीच बड़ा सवाल यह है कि विवादित जमीन पर टावर लगाने की अनुमति कैसे दे दी गई.

सीकर. शहर के वार्ड 42 स्थित कच्ची बस्ती में स्थानीय लोगों मोबाइल टावर लगाने का विरोध कर रहा है. इन लोगों का कहना है कि यहां टावर लगाने से कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं. पहले भी प्रशासन को इस संबंध में अवगत कराया गया था, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया.

सीकर में स्थानीयों ने मोबाइल टावर लगाने का विरोध किया

बताया जा रहा है कि सीकर शहर के वार्ड 42 स्थित कच्ची बस्ती में एक मोबाइल कंपनी का टावर लगाने का काम हो रहा था. कुछ दिन पहले भी लोगों ने इसका विरोध करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन उसके बाद भी लोगों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

वहीं शनिवार को कंपनी के कर्मी ट्रक में सामान भरकर टावर लगाने के लिए पहुंचे, तो स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और टावर नहीं लगाने दिया. इसके बाद कंपनी के कर्मियों को अपना सामान वापस लेकर लौटना पड़ा. बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां टावर लगाने से कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं. पहले भी प्रशासन को इस संबंध में अवगत कराया गया था, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया.

यह भी पढ़ें- सीकर: दो अलग-अलग सड़क हादसे में एक महिला और पुरुष की मौत, चार घायल

जानकारी के अनुसार लोगों का ये भी कहना है कि जिस जमीन पर टावर लगाना प्रस्तावित है. वह भी विवादित है. इस जमीन को लेकर वन विभाग, जलदाय विभाग और नगर परिषद के बीच विवाद चल रहा है. इस बीच बड़ा सवाल यह है कि विवादित जमीन पर टावर लगाने की अनुमति कैसे दे दी गई.

Intro:सीकर
सीकर शहर के वार्ड 42 में स्थित कच्ची बस्ती के पास स्थानीय लोगों ने मोबाइल टावर लगाने का विरोध किया इसमें काफी संख्या में कच्ची बस्ती के लोग भी शामिल रहे और इन लोगों ने मोबाइल टावर नहीं लगाने दिया।


Body:जानकारी के मुताबिक सीकर शहर में वार्ड 42 के पास स्थित कच्ची बस्ती में एक मोबाइल कंपनी का टावर लगाने का काम किया जा रहा था। कुछ दिन पहले भी लोगों ने इसका विरोध करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था लेकिन उसके बाद भी लोगों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। शनिवार को कंपनी के लोग ट्रक में सामान भरकर टावर लगाने के लिए पहुंचे तो लोग विरोध में पहुंच गए और टावर नहीं लगाने दिया। इसके बाद कंपनी के लोगों को अपना सामान वापस लेकर लौटना पड़ा। लोगों का कहना है कि या टावर लगाने से कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं। पहले भी प्रशासन को इस संबंध में अवगत कराया था लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।

जमीन को लेकर भी है विवाद
लोगों का कहना है कि जिस जमीन पर टावर लगाना प्रस्तावित है वह भी विवादित है। इस जमीन को लेकर वन विभाग जलदाय विभाग और नगर परिषद के बीच विवाद चल रहा है। इस बीच बड़ा सवाल यह है कि विवादित जमीन पर टावर लगाने की अनुमति कैसे दे दी गई।


Conclusion:बाइट मुकेश कॉलोनी वासी
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