सीकर. इस माह 25 से 28 फरवरी को आयोजित 48 हजार पदों के लिए होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू हो गई. प्रदेश के बेरोजगार दिन-रात परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं. परीक्षा में कुछ ही कम समय बचा है. ऐसे में बेहतर तैयारी प्रबंधन के जरिए सफलता हासिल की जा सकती है. भर्ती मामलों के विशेषज्ञ भूगोल विषय के व्याख्याता हरिप्रसाद टेलर ने बताया कि तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफलता के लिए परीक्षा के पाठ्यक्रम व पुराने प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण कर प्रभावी रणनीति बनाई जा सकती है. इस पाठ्यक्रम के साथ राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से पहली बार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती का आयोजन कराएगा. इसलिए इस परीक्षा के पुराने प्रश्न-पत्रों की अनुपलब्धता के कारण अभ्यर्थियों को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित अन्य भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करना चाहिए.
बोर्ड की ओर से पिछले वर्षों में जो परीक्षाएं कराई गई हैं, उनमें प्रश्नों का स्तर राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से पूछे जाने वाले प्रश्नों की तुलना में कुछ कठिन देखा जा रहा है. इसलिए अपनी तैयारी भी उसी अनुरूप करनी चाहिए. इस परीक्षा के पाठ्यक्रम के प्रत्येक भाग का अपना महत्व है, लिहाजा किसी भी एक भाग को कमजोर मानकर न छोड़ें.
परीक्षा में पूछे जाएंगे 150 प्रश्न - तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में कुल 150 प्रश्न पूछे जाएंगे. पहले भाग यानि लेवल प्रथम के अभ्यर्थियों के लिए 50 प्रश्न और द्वितीय लेवल के अभ्यर्थियों के लिए 40 प्रश्न राजस्थान के इतिहास, कला-संस्कृति, भूगोल और राजस्थानी भाषा से पूछे जाएंगे. बोर्ड की ओर से विभिन्न परीक्षाओं में इस टॉपिक से सवाल पूछे जाते हैं. इसलिए पुराने प्रश्नपत्रों को देखकर प्रश्नों के स्तर का अनुमान लगाया जा सकता है. अधिकतर परीक्षाओं में यह प्रश्न सामान्य स्तर के होते हैं, जिन्हें कक्षा 6 से 10 की पुस्तकों से तैयार किया जा सकता है. राजस्थानी भाषा साहित्य कला व संस्कृति का ही एक भाग है परंतु इस एक टॉपिक से पांच प्रश्न पूछे जाने की संभावना है, इसलिए यह पार्ट काफी महत्वपूर्ण भी है.
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एक वर्ष की घटनाओं से पूछे जाएंगे सवाल - दूसरे भाग में लेवल प्रथम के अभ्यर्थियों के लिए 40 प्रश्न व लेवल द्वितीय के अभ्यर्थियों के लिए 25 प्रश्न राजस्थान के सामान्य ज्ञान, समसामयिकी, शिक्षा का अधिकार व शैक्षिक परिदृश्य से पूछे जाएंगे. सामान्य ज्ञान में सीधे तथ्यात्मक प्रश्न पूछे जाने की संभावना है. इसलिए इसी पैटर्न के अनुसार तैयारी रखनी चाहिए. समसामयिकी में पिछले एक वर्ष की घटनाओं से प्रश्न पूछे जाएंगे, जिसमें खेलकूद, पुरस्कार व सरकार की मुख्य योजनाओं पर विशेष रूप से फोकस करना चाहिए.
द्वितीय लेवल: तीसरे भाग में होंगे संबंधित विषय के सवाल - शिक्षा के अधिकार व शैक्षिक परिदृश्य कर्मचारी चयन बोर्ड के लिए नया भाग है. इस पार्ट से अनुसंधान आधारित प्रश्न पूछे जा सकते हैं. इसके लिए राजस्थान सरकार के आधिकारिक दस्तावेजों, पत्रिकाओं, प्रपत्रों व वेबसाइट से सूचनाएं संकलित करनी चाहिए. तीसरे भाग में लेवल प्रथम के अभ्यर्थियों के लिए पांच विषयों के 50 प्रश्न जबकि लेवल द्वितीय के अभ्यर्थियों के लिए संबंधित विषय के 60 प्रश्न पूछे जाएंगे. इन प्रश्नों की बेहतर तैयारी के लिए कक्षा 6 से 12 तक की एनसीईआरटी की पुस्तकों से तैयारी करनी चाहिए. विशेषकर विज्ञान विषय के प्रश्न पिछली कुछ परीक्षाओं में कठिन स्तर के पूछे जा रहे हैं. अत: उसी अनुरूप तैयार रहना चाहिए.
दो सप्ताह का समय, रिवीजन पर करें फोकस - चौथे भाग में लेवल प्रथम के अभ्यर्थियों से 20 प्रश्न व द्वितीय लेवल के अभ्यर्थियों के लिए 10 प्रश्न शिक्षण विधियों, उपागम, कौशल व शिक्षण समस्याओं व उपायों से संबंधित प्रश्न रीति विज्ञान के अंतर्गत पूछे जाएंगे. इनका पाठ्यक्रम रीट पात्रता परीक्षा के शिक्षाशास्त्र से मिलता-जुलता है. इस भाग को गंभीरता से न लेना चयन से दूर कर सकता है. पांचवें भाग में मनोविज्ञान के लेवल प्रथम व लेवल द्वितीय दोनों लेवल में 10 प्रश्न पूछे जाएंगे. इनके अधिकांश टॉपिक अभ्यर्थी रीट पात्रता परीक्षा में पढ़े हुए हैं.
छठे भाग में सूचना तकनीकी से संबंधित 5 प्रश्न पूछे जाएंगे. इसमें सूचना तकनीकी की बेसिक जानकारी से लेकर नवीनतम प्रभावों तक की जानकारी लेनी है. इस भाग से प्रश्न कम होंगे लेकिन यह निर्णायक हो सकते हैं. ऐसे अभ्यर्थी जो अब तक द्वितीय श्रेणी भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे थे तथा जिन्होंने अभी तैयारी शुरू की है या जो ऐसा सोचते हैं कि उनकी तैयारी पूरी नहीं है, उन्हें अगले 15 दिनों में अधिक गहराई की बजाय बेसिक प्रश्नों के अनुरूप तैयारी करनी चाहिए तथा अभ्यास हेतु प्रश्न पत्र हल करने चाहिए तथा अधिक से अधिक रिवीजन पर ध्यान देना चाहिए.