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सीएम की सौगात: सीकर के इस गांव में खुलेगी फुटबॉल अकादमी, इतिहास जान दंग रह जाएंगे आप - ETV bharat Rajasthan

आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे, जिसे फुटबाल के राष्ट्रीय खिलाड़ियों की जननी कहा जाता है. वहीं, चुनावी साल में अपने इस कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करते हुए सीएम गहलोत ने यहां फुटबॉल अकादमी खोलने की घोषण (Football academy gift to Sikar) की है.

Football academy gift to Sikar
Football academy gift to Sikar
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Published : Feb 11, 2023, 2:10 PM IST

सीकर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिले के कोलिड़ा गांव को एक बड़ी सौगात दी है. सीएम ने यहां फुटबॉल अकादमी खोलने की घोषणा की है. खेल अकादमी खुलने से यहां की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के साथ ही आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. साथ ही यहां अच्छे प्रशिक्षक नियुक्त कर प्रतिभाओं को निखारा जाएगा. ताकि वे प्रदेश और देश का नाम दुनिया में रोशन कर सकें.

राजस्थान के सीकर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सीकर-नवलगढ़ सड़क मार्ग के पूर्व में स्थित कोलिड़ा गांव फुटबॉल के राष्ट्रीय के खिलाड़ियों की जननी रहा है. यहां के युवाओं में फुटबॉल का जुनून और देश सेवा का जज्बा देखते बनता है. गांव के युवा फुटबॉल मैदान में निरंतर अभ्यास में जुटे रहते हैं. साथ ही सेना व पुलिस की भर्तियों की तैयारी भी करते रहते हैं. वर्तमान में गांव के सैंकड़ों युवा सेना में सेवारत हैं, जो राष्ट्र की सुरक्षा में मुस्तैदी से डटे हुए हैं.

इसे भी पढ़ें - CM Gehlot Budget Speech : हंसी-मजाक और शायराना अंदाज, गहलोत ने पायलट को दिया ये बड़ा संकेत

अब नेशनल टूर्नामेंट की तैयारी - कोलिड़ा के लोगों में फुटबॉल के प्रति गहरा लगाव है. लोगों के फुटबॉल प्रेम की बानगी यह है कि गांव के स्कूलों में फुटबॉल के पांच मैदान बने हैं. कोलिड़ा के सीनियर स्कूल में ही फुटबॉल के तीन मैदान हैं. वहीं, 400 मीटर का एथलेटिक्स ट्रैक भी है, जहां आपको अक्सर खिलाड़ी दौड़ते दिख जाएंगे. ऐसे तो गांव में फुटबॉल के कुल पांच मैदान हैं, लेकिन ग्रास ग्राउंड नहीं है. ग्रास ग्राउंड तैयार करना यहां के लोगों का सपना है. खैर, सीएम की घोषणा के बाद ग्रामीणों का ये सपना भी अब जल्द ही साकार होगा.

1979 में हुई शुरुआत - कोलिड़ा में फुटबॉल की शुरुआत 1979 में हुई थी. स्कूल में फुटबॉल को आगे बढ़ाने में शारीरिक शिक्षक रामेश्वर सिंह की अहम भूमिका रही है. हालांकि, यहां फुटबॉल की शुरुआत के बाद खिलाड़ियों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. स्कूल के मैदान में निरंतर खिलाड़ी तैयार होते रहे. जिनमें से कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और प्रतिनिधित्व किया. स्कूल टीम के जीवराज सिंह ने 1987 में, शीशपाल भींचर ने 1992 में, मनोज सैन ने 1997 में, सुरेंद्र सिंह ने 2000 में, शीशपाल चायल ने 2006 में, विजेंद्र खरबास ने 2010 में, शक्तिसिंह और वीरेंद्र विड़ावत ने 2014 में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व किया था. इनमें से कई खिलाड़ी आगे चलकर सरकारी सेवाओं में भी चयनित हुए.

प्रतियोगिता में हिस्सा लेना अनिवार्य - जिले में 15 किलोमीटर के क्षेत्र में कोलिड़ा के अलावा बिड़ोदी, खींवासर, बिदासर, खिरवा, यालसर, पालड़ी, कुदन, थोरासी, पलथाना, गोठड़ा, भुखरान, जेरठी, पुनिया का बास, तारपुरा और ढोलास फुटबॉल के लिए जाने जाते हैं. यही वजह है कि हर साल अगस्त से फरवरी माह तक यहां प्रतियोगिताओं का दौर चलता है. वहीं, यहां प्रतियोगिता में हिस्सा लेना सभी क्लबों के लिए अनिवार्य होता है.

सीकर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिले के कोलिड़ा गांव को एक बड़ी सौगात दी है. सीएम ने यहां फुटबॉल अकादमी खोलने की घोषणा की है. खेल अकादमी खुलने से यहां की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के साथ ही आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. साथ ही यहां अच्छे प्रशिक्षक नियुक्त कर प्रतिभाओं को निखारा जाएगा. ताकि वे प्रदेश और देश का नाम दुनिया में रोशन कर सकें.

राजस्थान के सीकर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सीकर-नवलगढ़ सड़क मार्ग के पूर्व में स्थित कोलिड़ा गांव फुटबॉल के राष्ट्रीय के खिलाड़ियों की जननी रहा है. यहां के युवाओं में फुटबॉल का जुनून और देश सेवा का जज्बा देखते बनता है. गांव के युवा फुटबॉल मैदान में निरंतर अभ्यास में जुटे रहते हैं. साथ ही सेना व पुलिस की भर्तियों की तैयारी भी करते रहते हैं. वर्तमान में गांव के सैंकड़ों युवा सेना में सेवारत हैं, जो राष्ट्र की सुरक्षा में मुस्तैदी से डटे हुए हैं.

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अब नेशनल टूर्नामेंट की तैयारी - कोलिड़ा के लोगों में फुटबॉल के प्रति गहरा लगाव है. लोगों के फुटबॉल प्रेम की बानगी यह है कि गांव के स्कूलों में फुटबॉल के पांच मैदान बने हैं. कोलिड़ा के सीनियर स्कूल में ही फुटबॉल के तीन मैदान हैं. वहीं, 400 मीटर का एथलेटिक्स ट्रैक भी है, जहां आपको अक्सर खिलाड़ी दौड़ते दिख जाएंगे. ऐसे तो गांव में फुटबॉल के कुल पांच मैदान हैं, लेकिन ग्रास ग्राउंड नहीं है. ग्रास ग्राउंड तैयार करना यहां के लोगों का सपना है. खैर, सीएम की घोषणा के बाद ग्रामीणों का ये सपना भी अब जल्द ही साकार होगा.

1979 में हुई शुरुआत - कोलिड़ा में फुटबॉल की शुरुआत 1979 में हुई थी. स्कूल में फुटबॉल को आगे बढ़ाने में शारीरिक शिक्षक रामेश्वर सिंह की अहम भूमिका रही है. हालांकि, यहां फुटबॉल की शुरुआत के बाद खिलाड़ियों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. स्कूल के मैदान में निरंतर खिलाड़ी तैयार होते रहे. जिनमें से कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और प्रतिनिधित्व किया. स्कूल टीम के जीवराज सिंह ने 1987 में, शीशपाल भींचर ने 1992 में, मनोज सैन ने 1997 में, सुरेंद्र सिंह ने 2000 में, शीशपाल चायल ने 2006 में, विजेंद्र खरबास ने 2010 में, शक्तिसिंह और वीरेंद्र विड़ावत ने 2014 में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व किया था. इनमें से कई खिलाड़ी आगे चलकर सरकारी सेवाओं में भी चयनित हुए.

प्रतियोगिता में हिस्सा लेना अनिवार्य - जिले में 15 किलोमीटर के क्षेत्र में कोलिड़ा के अलावा बिड़ोदी, खींवासर, बिदासर, खिरवा, यालसर, पालड़ी, कुदन, थोरासी, पलथाना, गोठड़ा, भुखरान, जेरठी, पुनिया का बास, तारपुरा और ढोलास फुटबॉल के लिए जाने जाते हैं. यही वजह है कि हर साल अगस्त से फरवरी माह तक यहां प्रतियोगिताओं का दौर चलता है. वहीं, यहां प्रतियोगिता में हिस्सा लेना सभी क्लबों के लिए अनिवार्य होता है.

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