फतेहपुर (सीकर). कृषि अनुदान नहीं मिलने पर एसडीएम कार्यालय के बाहर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने सोमवार सुबह से महापड़ाव शुरू कर दिया है. महापड़ाव के पहले दिन हजारों किसान धरना स्थल पर पहुंचे और आक्रोश व्यक्त किया. महापड़ाव में बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंचीं. खरीफ 2021 की फसल अतिवृष्टि की वजह से खराब होने पर किसानों को मिलने वाला कृषि आदान अनुदान अधिकारियों की लापरवाही से अटक गया था और उसी अनुदान को लेकर किसान अनिश्चित काल के लिए धरने पर बैठे हैं.
35 हजार से अधिक किसानों को मिलना था अनुदान : फतेहपुर तहसील के 35212 किसानों को करीब 13 करोड़ रुपये का अनुदान मिलना था. लेकिन राज्य सरकार के स्तर पर गिरदावरी देरी से होने की आपत्ति लगाकर उक्त अनुदान को रोक दिया. इससे किसानों में भारी रोष है. करीब 2 महीने से किसान उक्त अनुदान के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन समाधान नहीं होने के बाद अब महापड़ाव का रुख किया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि खरीफ 2021 की फसल अतिवृष्टि के चलते खराब हो गई थी. फतेहपुर तहसीलदार और अन्य अधिकारियों ने दफ्तर में बैठे-बैठे ही बिना मौका देखें कोई नुकसान नहीं होने की रिपोर्ट भिजवा दी. जब इस बात की भनक किसानों को लगी तो उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर दोबारा गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग की.
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सीएम गहलोत ने दोबारा गिरदावरी के आदेश दिए : इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोबारा गिरदावरी के आदेश जारी कर दिए. इसके बाद अधिकारियों ने दोबारा गिरदावरी करा कर रिपोर्ट भेजी उसमें अधिकारियों ने 52 प्रतिशत खराबा माना. इस हिसाब से किसान को प्रति हेक्टेयर साढ़े 6 हजार का अनुदान मिलना है. लेकिन राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों ने देरी से रिपोर्ट भेजने का हवाला देकर फाइल वापस लौटा दी.
महापड़ाव पर आए किसान : संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि जब इस पूरी कहानी का पता चला तो प्रतिनिधिमंडल ने विधायक हाकम अली खान से मुलाकात की और उन्हें (Farmers Protest Started in sikar) अवगत करवाया. विधायक ने पहले तो किसानों को कहा कि वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे और उसके बाद प्रतिनिधिमंडल के दो सदस्यों को मुख्यमंत्री से मिलाने का आश्वासन दिया. लेकिन ना ही तो मुख्यमंत्री से मिलाया और ना ही विधायक ने बात की. इसके बाद किसानों ने आंदोलन की रूपरेखा बनाई.
ट्रैक्टर ट्रॉली में बैठकर आए किसान : महापड़ाव में भाग लेने के लिए किसान गांव से बड़ी संख्या में आए. सुबह करीब 10:00 बजे से ही किसानों का आना (demand for agricultural grants from Government) शुरू हो गया. ट्रैक्टर ट्रॉली में बैठकर किसान गांव से आए. महापड़ाव में युवाओं के साथ-सथ बुजुर्ग एवं महिलाएं भी पहुंची हैं.