सीकर. अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश के दिग्गज किसान नेता कॉमरेड अमराराम पिछले 40 दिनों से शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. राजस्थान के किसानों ने यहीं पर हाईवे जाम कर रखा है और 40 दिनों से सड़क पर रह रहे हैं. वैसे तो अब तक कई पार्टी के नेता यहां पर पहुंचे और आंदोलन की अगवानी की, लेकिन कॉमरेड अमराराम एकमात्र नेता हैं जो 40 दिनों से लगातार वहां डटे हुए हैं और किसानो के साथ बैठे हैं. किसान आंदोलन और सरकार के साथ चल रही बातचीत को लेकर कॉमरेड अमराराम ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की.
ईटीवी भारत से बातचीत में कॉमरेड अमराराम ने कहा कि सरकार पहले तो इस आंदोलन को किसान आंदोलन भी नहीं मान रही थी. कभी इसको खालिस्तान स्थान का नाम दिया गया तो कभी कुछ नाम देकर इसे बदनाम किया गया, लेकिन जब देश के किसानों ने दिल्ली को चारों तरफ से घेर लिया तो सरकार ने किसान संगठनों से बातचीत शुरू की.
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'केंद्र सरकार हठधर्मिता पर अड़ी है'
अमराराम ने कहा कि जिस तरह से सरकार हठधर्मिता पर अड़ी है, उसको देखते हुए लगता है कि आंदोलन और भी लंबा हो सकता है. हालांकि, अब सरकार कुछ बैकफुट पर आई है और डेढ़ साल के लिए किसान कानून स्थगित करने पर राजी हो गई है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्थान में एमएसपी पर बिल्कुल भी खरीद नहीं की, जबकि दूसरी तरफ सरकार यह कह रही है कि एमएसपी को खत्म नहीं किया जा रहा है.
अमराराम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सरकार तर्क दे रही है कि मंडियों को भी खत्म नहीं किया जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ मंडी का व्यापारी बड़ा टैक्स दे रहा है और प्राइवेट मंडी में टैक्स नहीं लगेगा तो मंडी का माल अपने आप महंगा होगा और मंडियां बंद हो जाएगी.
'देश की आजादी से पहले भी ऐसा किसान आंदोलन नहीं हुआ'
अमराराम ने कहा कि देश की आजादी से पहले कई किसान आंदोलन हुए, लेकिन इस तरह का कोई आंदोलन नहीं हुआ. जब पूरे देश भर के किसान एकजुट होकर राजधानी को रोक कर बैठी हो. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब इस तरह से किसान संगठनों ने अपनी आवाज उठाई है और सरकार को यह मांगें मानने पर मजबूर होना पड़ेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना
अमराराम ने बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि मोदी जिस की भलाई की बात करें यह समझो कि उसकी बर्बादी तय है. चाहे वह किसानों की बात हो, युवाओं की बात हो या फिर मजदूर वर्ग की बात हो. इस देश में केवल दो लोगों की तानाशाही चल रही है और किसी की बात को सुना नहीं जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसान इतने दिन से विकट परिस्थितियों में सड़क पर बैठे हैं, इसलिए सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए.