दांतारामगढ(सीकर). जिले के दांतारामगढ़ कस्बे में इन दिनों विद्युत विभाग की लापरवाही से उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विभाग की ओर से बिना रीडिंग के ही बिल जनरेट किए जा रहे हैं.
जिले के दांतारामगढ़ कस्बे में अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से की जा रही लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. एक उपभोक्ता को विभाग ने बिना देखे 33,790 रुपए का बिल बना कर हाथ में थमा दिया.
जानकारी के अनुसार दांतारामगढ़ कस्बे के वार्ड नंबर 27 में मोसिना बानो के घर पर शनिवार को विद्युत बिल मिला जिसमें विद्युत विभाग ने 33,790 की राशि अंकित थी. मोसिना ने बताया कि प्रतिमाह उसके लगभग 3 हजार रुपए का बिल आता है और नियमित रुप से वह बिल का भुगतान कर रही है. लेकिन शनिवार को जो मोसिना को बिल प्राप्त हुआ तो उसमें 33,790 रुपये की राशि देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई.
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मोसिना ने कहा कि मैं गरीब मजदूरी करने वाली इतनी बड़ी राशि को कैसे जमा करवाऊं और यह राशि विद्युत विभाग की ओर से लापरवाही की वजह से बनकर आई है. अब मैं मजदूरी करने जाऊं या फिर बिल का संशोधन करवाने के लिए विभाग के कार्यालय में चक्कर काटु.
जानकारी अनुसार ऐसे मामले कस्बे में कई लोगों के साथ घटित हो रहे हैं, जहां पर मीटर रीडिंग लेने के लिए आने वाले रीडर आंखें मूंद कर मीटर रीडिंग लिख कर ले जाता है और फिर उसी के अनुसार बिल बनाकर उपभोक्ताओं को थमा दिया जाता है. मीटर रीडरों की ओर से सही तरीके से मीटर को चेक करके रिडिंग नहीं लिखने के कारण इस प्रकार के बिल बन कर आ रहे हैं जो उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं. इस प्रकार की लापरवाही के कारण उपभोक्ताओं को विद्युत कार्यालय में बार-बार चक्कर लगाने के लिए अतिरिक्त खर्चे भी करने पड़ रहे हैं जो कि उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ रहा है.
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इतना ही नहीं विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को बिल जमा कराने की तारीख के एक या दो दिन पहले ही दिए जा रहे हैं. इनसे गरीब उपभोक्ताओं को बिल की राशि की व्यवस्था करने में भी काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ता है.
उपभोक्ताओं को बिल का संशोधन करवाने में विभाग के कार्यालय में अनेक चक्कर काटने पड़ते हैं जिससे शारीरिक परेशानी के साथ-साथ आर्थिक परेशानी भी उठानी पड़ रही है.