दांतारामगढ़ (सीकर). बेटा-बेटी एक समान की सोच को सार्थक करने वाली एक तस्वीर जिले की पीलिया की ढाणी बल्लूपूरा में देखने को मिली है. जहां घर के मुखिया की मौत हो जाने के चलते 'पगड़ी की रस्म' बड़ी बेटी को पगड़ी पहनाकर अदा की गई.
दरअसल, दांतारामगढ़ के पीलिया की ढाणी बल्लूपूरा निवासी भंवरलाल ढ़ाका की 25 अप्रैल को मौत हो गई थी. सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार मृतक भंवर लाल पुत्र बोदूराम का अंतिम संस्कार तो परिजनों ने कर दिया. लेकिन तीन बेटियों के पिता मृतक भंवर लाल के एक भी पुत्र नहीं था. ऐसे में समाज के लोगों ने पहल करते हुए बड़ी बेटी को पगड़ी पहनाकर रस्म अदायगी की और बेटा-बेटी एक समान की सोच को सार्थक करने का काम किया.
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3 बेटियों के पिता थे भंवरलाल
मृतक की छोटी बेटी पिंकी रूंधे गले से बताती हैं कि उनकी बड़ी बहन को पगड़ी पहनाने की रस्म में उनके समाज और परिवार जनों ने भी पूरा सहयोग किया. वहीं, परिवार के एक सदस्य ओमप्रकाश ने बताया कि भंवरलाल ढ़ाका पेड़ की कटाई करते समय 24 फरवरी को गिर कर घायल हो गए थे. जिनका सीकर और जयपुर में इलाज करवाया गया लेकिन ईलाज के दौरान ही 25 अप्रैल को उनकी मौत हो गई थी.
मृतक भंवर लाल के पुत्र संतान नहीं होने पर उसके मात्र तीन पुत्रियां सुमन, नेहा व पिंकी हीं हैं. ऐसे में समाज की पहल और दोनों छोटी पुत्रियों की सहमति से बड़ी पुत्री सुमन के समाज के गणमान्य लोगों की मौजूदगी में द्वादशा पर पगड़ी की रस्म अदा करते बड़ी पुत्री सुमन को बांधकर परिवार की जिम्मेदारी सौंपी गई. और बेटा-बेटी एक समान का संदेश देने का काम किया गया.