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सीकर: माकपा एवं विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

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Published : Aug 9, 2020, 3:49 PM IST

सीकर जिले में सभी श्रमिक संगठनों की ओर से रविवार को श्रम विरोधी कानून के विरोध में जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन के बाद माकपा और श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी.

सीकर समाचार, sikar news
श्रमिक संगठनों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

सीकर. जिले में सभी श्रमिक संगठनों की ओर से रविवार को श्रम विरोधी कानून के विरोध में ढाका भवन से कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया. ये प्रदर्शन अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन और माकपा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर श्रम विरोधी संगठनों ने किया.

श्रमिक संगठनों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

इस प्रदर्शन के बाद माकपा और श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी. इसके बाद आंदोलन कर रहे श्रमिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को प्रशासन की ओर से बसों से बाईपास तक छोड़ा गया. इस दौरान जिला कलेक्ट्रेट पर भारी पुलिस जाप्ता मौजूद रहा.

पढ़ें- बारांः रेलवे के निजीकरण को लेकर कर्मचारियों ने किया विरोध-प्रदर्शन, रैली निकालकर की नारेबाजी

माकपा के पूर्व विधायक अमराराम ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ माकपा एवं श्रमिक संगठनों ने जेल भरो आंदोलन किया. साथ ही केंद्र व राज्य सरकार के श्रम विरोधी कानून को वापस लेने, किसानों के छह माह के बिजली के बिल माफ करने, किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ करने सहित विभिन्न मांग की गई.

इसी दौरान छात्र संगठन एसएफआई द्वारा भी केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति का विरोध किया गया और छात्र संगठनों के नेताओं ने गिरफ्तारी दी. छात्रों की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई नई शिक्षा नीति को वापस लिया जाए. साथ ही छात्रों की फीस माफ की जाए और विभिन्न मांगों को लेकर छात्र आंदोलनरत है. उनका कहना है कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी.

सीकर. जिले में सभी श्रमिक संगठनों की ओर से रविवार को श्रम विरोधी कानून के विरोध में ढाका भवन से कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया. ये प्रदर्शन अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन और माकपा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर श्रम विरोधी संगठनों ने किया.

श्रमिक संगठनों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

इस प्रदर्शन के बाद माकपा और श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी. इसके बाद आंदोलन कर रहे श्रमिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को प्रशासन की ओर से बसों से बाईपास तक छोड़ा गया. इस दौरान जिला कलेक्ट्रेट पर भारी पुलिस जाप्ता मौजूद रहा.

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माकपा के पूर्व विधायक अमराराम ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ माकपा एवं श्रमिक संगठनों ने जेल भरो आंदोलन किया. साथ ही केंद्र व राज्य सरकार के श्रम विरोधी कानून को वापस लेने, किसानों के छह माह के बिजली के बिल माफ करने, किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ करने सहित विभिन्न मांग की गई.

इसी दौरान छात्र संगठन एसएफआई द्वारा भी केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति का विरोध किया गया और छात्र संगठनों के नेताओं ने गिरफ्तारी दी. छात्रों की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई नई शिक्षा नीति को वापस लिया जाए. साथ ही छात्रों की फीस माफ की जाए और विभिन्न मांगों को लेकर छात्र आंदोलनरत है. उनका कहना है कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी.

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