खंडेला (सीकर). खंडेला के बहूजी ढाणी गांव में अज्ञात बीमारी की वजह से चार दिनों में आधा दर्जन मवेशियों की मौत का मामला सामने आया है. यहा चार दिनों में 6 भैंस, 2 बकरी और 1 गाय की मौत हो चुकी है. मवेशियों की लगातार हो रही मौत के तीन दिन बाद अब चिकित्सा विभाग नींद से जागा है. वहीं, मवेशियों की मौत से ग्रामीण चिंतित नजर आ रहे हैं.
बता दें कि मवेशियों की अकाल मौतों के बावजूद भी चिकित्सा विभाग ने पिछले तीन दिनों तक कोई सुध नहीं ली थी. सोमवार को ग्रामीणों के द्वारा शिकायत करने पर पशु चिकित्सा विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. रमेश सबलानिया ने बहुजी की ढ़ाणी पहुंचकर मृत मवेशी का पोस्टमॉर्टम किया. साथ ही डॅाक्टर ने गांव में गलघोंटू बीमारी का वैक्सीनेशन भी करवाया.
यह भी पढे़ं. शेखावाटी में माता रानी का ऐसा दरबार, जहां 4 देवियां एक साथ हैं विराजमान, सिर्फ एक तगारी चूने में बन गया था मंदिर
ग्रामीण महेंद्र कुमार जांगू ने बताया कि स्वस्थ दिखाई देने वाले मवेशी अचानक चारा खाते-खाते गश खाकर गिर पड़ते हैं. मवेशियों के मुंह और नाक से खून बहने लगता है. कुछ समय बाद वो दम तोड़ देते हैं. मवेशियों की लगातार हो रही मौतों के बावजूद चिकित्सा विभाग ने रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. इस अज्ञात बीमारी की वजह से लगातार मवेशी मौत के मुंह में समाते जा रहे हैं.
यह भी पढे़ं. मोदी सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर प्रदेश में अलग से काम करेंगे: सतीश पूनिया
चिकित्सा विभाग के पशु चिकित्सक वन नोडल अधिकारी रमेश कुमार सबलानिया ने बताया कि विभाग द्वारा राजस्व ग्राम महलों की ढाणी कंवरपुरा में गलघोटू का वैक्सीनेशन करवाया गया है. प्राथमिक तौर पर मवेशियों में निमोनिया के लक्षण सामने आए हैं. इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है.जानकारी के मुताबिक मंगलवार को अवकाश होने के कारण बुधवार तक चिकित्सकों की टीम पहुंचने की संभावना है. चिकित्सा विभाग द्वारा आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की मौत के बाद भी बढ़ती जा रही लापरवाही पर ग्रामीणों ने रोष जताया है.