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सीकरः 4 साल पहले मां से बिछड़ी बेटी फेसबुक के जरिए मिली वापस

सीकर के लक्ष्मणगढ़ में 4 साल पहले दिमागी रुप से कमजोर एक बेटी अपनी मां से बिछड़ गई थी, लेकिन 4 साल बाद फेसबुक के जरिए उसे उसकी बेटी वापस मिल गई.

सीकर की खबर, sikar news
4 साल पहले मां से बिछड़ी बेटी फेसबुक के जरिए मिली वापस
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Published : Mar 5, 2021, 7:34 PM IST

सीकर. लक्ष्मणगढ़ इलाके से 4 साल पहले एक मां से बिछड़ने वाली बेटी को फेसबुक ने वापस मिला दिया. बेटी की दिमागी हालत ठीक नहीं होने की वजह से वह अपनी मां से बिछड़ गई थी.

पढ़ेंः मेहंदी लगे हाथ पर प्रेमी का नाम लिख प्रेमिका ने की खुदकुशी, आहत Lover ने भी की Suicide

जानकारी के मुताबिक लक्ष्मणगढ़ कस्बे की रहने वाली 80 साल बुजुर्ग रामप्यारी की बेटी गीता की दिमागी हालत ठीक नहीं थी. गीता का ससुराल चूरु जिले में है, लेकिन वह ज्यादातर अपनी मां के पास लक्ष्मणगढ़ में रहती थी. 4 साल पहले रामप्यारी और गीता दोनों लक्ष्मणगढ़ से फतेहपुर जाने के लिए बस स्टैंड आई थी. इसी दौरान गलती से गीता दूसरी बस में बैठकर रवाना हो गई. उसके बाद उसका कुछ पता नहीं लग पाया.

गीता की मां ने लक्ष्मणगढ़ थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी. 4 साल तक बेटी को ढूंढने के बाद मां रामप्यारी पूरी तरह से थक चुकी थी, लेकिन 4 साल बाद फेसबुक के जरिए उसे उसकी बेटी वापस मिली. अपनी खोई बेटी से मिलकर रामप्यार फफक कर रो पड़ी.

इस तरह मां के पास पहुंची गीताः

मां से जुदा हुई गीता भटकते हुए भरतपुर पहुंच गई थी. यहां पर लावारिस लोगों के लिए काम करने वाले एक एनजीओ के पास रह रही थी. मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से गीता वहां लोगों को ज्यादा कुछ नहीं बता पाई.

पढ़ेंः अजमेर: घर में घुसकर युवती का अपहरण, पिता की बेहरमी से की पिटाई

कुछ दिन पहले एनजीओ ने अपने फेसबुक पेज पर गीता की फोटो डाली. इस फोटो को मुंबई में रहने वाली गीता की भतीजी ने देख लिया और उसके बाद उसने लक्ष्मणगढ़ में अपने इलाके के पार्षद को फोन किया. पार्षद के साथ लक्ष्मणगढ़ थाना पुलिस भरतपुर पहुंची और गीता को लेकर आई.

सीकर. लक्ष्मणगढ़ इलाके से 4 साल पहले एक मां से बिछड़ने वाली बेटी को फेसबुक ने वापस मिला दिया. बेटी की दिमागी हालत ठीक नहीं होने की वजह से वह अपनी मां से बिछड़ गई थी.

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जानकारी के मुताबिक लक्ष्मणगढ़ कस्बे की रहने वाली 80 साल बुजुर्ग रामप्यारी की बेटी गीता की दिमागी हालत ठीक नहीं थी. गीता का ससुराल चूरु जिले में है, लेकिन वह ज्यादातर अपनी मां के पास लक्ष्मणगढ़ में रहती थी. 4 साल पहले रामप्यारी और गीता दोनों लक्ष्मणगढ़ से फतेहपुर जाने के लिए बस स्टैंड आई थी. इसी दौरान गलती से गीता दूसरी बस में बैठकर रवाना हो गई. उसके बाद उसका कुछ पता नहीं लग पाया.

गीता की मां ने लक्ष्मणगढ़ थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी. 4 साल तक बेटी को ढूंढने के बाद मां रामप्यारी पूरी तरह से थक चुकी थी, लेकिन 4 साल बाद फेसबुक के जरिए उसे उसकी बेटी वापस मिली. अपनी खोई बेटी से मिलकर रामप्यार फफक कर रो पड़ी.

इस तरह मां के पास पहुंची गीताः

मां से जुदा हुई गीता भटकते हुए भरतपुर पहुंच गई थी. यहां पर लावारिस लोगों के लिए काम करने वाले एक एनजीओ के पास रह रही थी. मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से गीता वहां लोगों को ज्यादा कुछ नहीं बता पाई.

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कुछ दिन पहले एनजीओ ने अपने फेसबुक पेज पर गीता की फोटो डाली. इस फोटो को मुंबई में रहने वाली गीता की भतीजी ने देख लिया और उसके बाद उसने लक्ष्मणगढ़ में अपने इलाके के पार्षद को फोन किया. पार्षद के साथ लक्ष्मणगढ़ थाना पुलिस भरतपुर पहुंची और गीता को लेकर आई.

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