सीकर. लोकसभा चुनाव में जिले भर में आठ विधायक होने के बाद भी बुरी तरह से पस्त हुई कांग्रेस के सामने अब सीकर में एक और बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. सीकर के नगर परिषद और नीम का थाना की नगरपालिका का गढ़ बचाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं माना जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक सीकर जिले के एकमात्र नगर परिषद सीकर नगर परिषद और नीम का थाना नगरपालिका का कार्यकाल नवंबर में पूरा हो रहा है. इन दोनों की जगह पर नवंबर से पहले चुनाव करवाने होंगे. सीकर नगर परिषद में 50 वार्ड हैं वह नीमकाथाना नगरपालिका में 25 वार्ड है. पिछले चुनाव की बात की जाए तो सीकर में कांग्रेस ने बहुमत के साथ अपना बोर्ड बनाया था और जीवन खान सीकर नगर परिषद के सभापति बने थे.
वहीं नीमकाथाना में भी कांग्रेस ने कब्जा करते हुए तिलोकचंद दीवान को पालिकाध्यक्ष बनाया था. सीकर में 50 वार्डों में से 27 में कांग्रेस जीती थी और 6 निर्दलीयों का उसे समर्थन प्राप्त हो गया था वही नीमकाथाना में 25 में से 15 वार्डों में कांग्रेस जीती थी और एक में निर्दलीय का समर्थन प्राप्त था..
9000 वोट ज्यादा मिले थे
सीकर नगर परिषद की बात की जाए तो पिछले चुनाव में कांग्रेस को 41556 वोट मिले थे वहीं भाजपा को 32000 वोट मिले थे. नीमकाथाना में भी कांग्रेस को भाजपा से करीब 700 वोट ज्यादा मिले थे. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में दोनों ही जगह भाजपा ने कांग्रेस से ज्यादा वोट लिए हैं. इसलिए उन वोटों को फिर से अपने पक्ष में करना कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा.