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LOCKDOWN: हरिद्वार का इंतजार कर रहीं मृतकों की अस्थियां, परिजन भी परेशान

लॉकडाउन की वजह से लोगों के सामने एक और संकट है. दरअसल, जिनके घर में हाल ही में किसी की मौत हुई है वो लॉकडाउन की वजह से अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जित नहीं कर पा रहे हैं.

सीकर न्यूज, SIKAR NEWS, RAJASTHAN NEWS
हरिद्वार का इंतजार कर रही मृतकों की अस्थि
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Published : Mar 31, 2020, 10:32 AM IST

सीकर. देशभर में कोरोनावायरस को लेकर चल रहे लॉकडाउन की वजह से जहां लोग परेशानी झेल रहे है. वहीं उन लोगों के सामने एक और संकट है जिनके घर में हाल ही में किसी की मौत हुई है. लॉकडाउन की वजह से वह लोग अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जित नहीं कर पा रहे हैं.

हरिद्वार का इंतजार कर रही मृतकों की अस्थि
जानकारी के मुताबिक जिले के शमशान घाटों में कई जगह मृतकों की अस्थियां रखी हुई है. हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जन के लिए परिजन यहां से अस्थियां लेकर नहीं पहुंच पा रहे हैं, इसलिए कर्मकांड का समय पूरा होने के बाद भी अस्थियों को यहीं पर रखा गया है. अब जब लॉकडाउन खुलेगा तभी इन अस्थियों का विसर्जन हो पाएगा.

पढ़ेंः Corona effect: डूंगरपुर में बाप-बेटे के बाद दादा भी कोरोना पॉजिटिव

यह कुछ उदाहरण...

सीकर शहर के रहने वाले विष्णु प्रसाद की मां का 12 दिन पहले निधन हो गया था और उसके बाद परिजनों ने सभी कर्मकांड पूरे करवा दिया, लेकिन अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पाया है. परिजनों का कहना है कि उन्हें भी हरिद्वार जाने के लिए पास दिया जाए. इसी तरह जिले के कई इलाकों में श्मशान घाटों में अस्थियां रखी हुई है. शमशान घाट के व्यवस्थापक अलग-अलग कटों में डालकर नाम लिखकर अस्थियों को रख रहे हैं.

सीकर. देशभर में कोरोनावायरस को लेकर चल रहे लॉकडाउन की वजह से जहां लोग परेशानी झेल रहे है. वहीं उन लोगों के सामने एक और संकट है जिनके घर में हाल ही में किसी की मौत हुई है. लॉकडाउन की वजह से वह लोग अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जित नहीं कर पा रहे हैं.

हरिद्वार का इंतजार कर रही मृतकों की अस्थि
जानकारी के मुताबिक जिले के शमशान घाटों में कई जगह मृतकों की अस्थियां रखी हुई है. हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जन के लिए परिजन यहां से अस्थियां लेकर नहीं पहुंच पा रहे हैं, इसलिए कर्मकांड का समय पूरा होने के बाद भी अस्थियों को यहीं पर रखा गया है. अब जब लॉकडाउन खुलेगा तभी इन अस्थियों का विसर्जन हो पाएगा.

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यह कुछ उदाहरण...

सीकर शहर के रहने वाले विष्णु प्रसाद की मां का 12 दिन पहले निधन हो गया था और उसके बाद परिजनों ने सभी कर्मकांड पूरे करवा दिया, लेकिन अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पाया है. परिजनों का कहना है कि उन्हें भी हरिद्वार जाने के लिए पास दिया जाए. इसी तरह जिले के कई इलाकों में श्मशान घाटों में अस्थियां रखी हुई है. शमशान घाट के व्यवस्थापक अलग-अलग कटों में डालकर नाम लिखकर अस्थियों को रख रहे हैं.

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