ETV Bharat / state

Special: 1971 के युद्ध में सीकर के 50 लाडलों ने दी थी शहादत...आज भी जहन में जिंदा हैं यादें - Bangladesh's War of Independence

1971 का भारत और पाकिस्तान का युद्ध 13 दिन तक चला था. इस युद्ध के बाद पाकिस्तान की सेना को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर होना पड़ा था. शेखावाटी के जांबाज इस युद्ध में भी पीछे नहीं रहे थे. आज भी युद्ध की कहानियां शेखावाटी के जहन में जिंदा हैं. अकेले सीकर जिले से 50 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थे. देखिये यह खास रिपोर्ट...

1971 India Pakistan War,In the 1971 war, 50 soldiers of Sikar gave martyrdom, Martyrdom of Shekhawati soldiers, Shaheed Arjun Singh Bijarnia, The martyrdom of Sikar's soldiers in 1971
1971 के युद्ध में सीकर के 50 जवान हुए थे शहीद
author img

By

Published : Dec 16, 2020, 7:03 AM IST

Updated : Dec 16, 2020, 2:19 PM IST

सीकर. इतिहास में 16 दिसंबर की तारीख ऐतिहासिक है. यही वो तारीख है जब पाकिस्तान की फौज ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था. पूर्वी पाकिस्तान यानी बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद करवाने के लिए 1971 में युद्ध लड़ा गया.

13 दिन चला था 1971 का युद्ध, 16 दिसंबर को किया था पाकिस्तान ने सरेंडर

3 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना को पाकिस्तान पर हमले का आदेश मिला था. इसी के साथ युद्ध की शुरुआत हुई थी. 13 दिन तक चले युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया और उस वक्त के जनरल नियाजी ने हथियार डाल दिए. उनके साथ पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने भी आत्मसमर्पण किया था. सीकर के भी जवान उस युद्ध में शामिल हुए और सर्वोच्च बलिदान देकर पूर्वी पाकिस्तान की आजादी का सबब बने.

1971 India Pakistan War,In the 1971 war, 50 soldiers of Sikar gave martyrdom, Martyrdom of Shekhawati soldiers, Shaheed Arjun Singh Bijarnia, The martyrdom of Sikar's soldiers in 1971
जनरल नियाजी समर्पण पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए

सीकर के यह जवान हुए थे शहीद

1971 के युद्ध में सीकर के अर्जुन सिंह बिजारणिया, रामेश्वर राम, नवरंग लाल, भागीरथ सिंह, फुसा सिंह, रिछपाल सिंह, इंद्र सिंह, केसर देव, शमशाद अली, रेखाराम, दानाराम, इब्राहिम खान, मंगेज सिंह, सुखदेव सिंह, सांवर राम, मोहन सिंह, गणपत राम, मुस्ताक अली, अर्जुन सिंह, महबूब खान, मकसूद अली, हरलाल सिंह, हनुमान सिंह, हरि सिंह, पन्ने सिंह, समंदर खान, इनायत खान, मुबारक खान, शमशेर खान, हरि सिंह, श्याम सिंह, कल्याण सिंह, भंवरलाल, गणपत सिंह और अगर सिंह सहित 50 जवान शहीद हुए थे.

1971 India Pakistan War,In the 1971 war, 50 soldiers of Sikar gave martyrdom, Martyrdom of Shekhawati soldiers, Shaheed Arjun Singh Bijarnia, The martyrdom of Sikar's soldiers in 1971
शहीद अर्जुन सिंह बिजारणिया

पढ़ें- राफेल आने के बाद भारतीय सेना को और मजबूती मिली : फाइटर पायलट सुमित कसाना

शहीद अर्जुन सिंह बिजारणिया के आए थे केवल कपड़े और बक्सा

इस युद्ध में सीकर जिले के बीबीपुर गांव के रहने वाले अर्जुन सिंह बिजारणिया भी शहीद हुए थे. अर्जुन सिंह बिजारणिया अपनी शादी के महज 3 साल बाद ही शहीद हो गए थे. उनकी वीरांगना विमला देवी बताती हैं कि उन्हें टेलीग्राम से यह पता चला था कि उनके पति शहीद हो गए, उसके बाद उनका शव घर पर नहीं आया था.

शहीद के भाई खेताराम बिजारणिया बताते हैं उनके भाई का सब घर पर नहीं आया था. केवल कपड़े और कुछ सामान भेजा गया था. उसके बाद गांव में जमीन आवंटित की गई थी. लेकिन उस वक्त कोई नकद सहायता नहीं मिलती थी. उनके पुत्र दिनेश बिजारणिया बताते हैं कि उनकी मां को शहीद कोटे से पेंशन मिलती है इसके अलावा नकद सहायता उस वक्त नहीं मिली थी.

1971 India Pakistan War,In the 1971 war, 50 soldiers of Sikar gave martyrdom, Martyrdom of Shekhawati soldiers, Shaheed Arjun Singh Bijarnia, The martyrdom of Sikar's soldiers in 1971
शहीद अर्जुन सिंह बिजारणिया का परिवार

लड़ाकों की जुबानी, पाकिस्तानी सैनिकों को बनाया था बंधक

इस युद्ध में लड़ने वाले भगवान सिंह और रामचंद्र जाट बताते हैं कि उन्हें अचानक से युद्ध शुरू होने की सूचना मिली थी और उसके बाद मोर्चा संभाल लिया. भगवान सिंह बताते हैं कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर सैकड़ों पाकिस्तानी फौजियों को बंधक बनाया था. इसके साथ ही रामचंद्र जाट का कहना है बांग्लादेश में उन्होंने पाकिस्तानी फौज पर आक्रमण किया था और हथियार डालने को मजबूर किया था.

सीकर. इतिहास में 16 दिसंबर की तारीख ऐतिहासिक है. यही वो तारीख है जब पाकिस्तान की फौज ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था. पूर्वी पाकिस्तान यानी बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद करवाने के लिए 1971 में युद्ध लड़ा गया.

13 दिन चला था 1971 का युद्ध, 16 दिसंबर को किया था पाकिस्तान ने सरेंडर

3 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना को पाकिस्तान पर हमले का आदेश मिला था. इसी के साथ युद्ध की शुरुआत हुई थी. 13 दिन तक चले युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया और उस वक्त के जनरल नियाजी ने हथियार डाल दिए. उनके साथ पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने भी आत्मसमर्पण किया था. सीकर के भी जवान उस युद्ध में शामिल हुए और सर्वोच्च बलिदान देकर पूर्वी पाकिस्तान की आजादी का सबब बने.

1971 India Pakistan War,In the 1971 war, 50 soldiers of Sikar gave martyrdom, Martyrdom of Shekhawati soldiers, Shaheed Arjun Singh Bijarnia, The martyrdom of Sikar's soldiers in 1971
जनरल नियाजी समर्पण पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए

सीकर के यह जवान हुए थे शहीद

1971 के युद्ध में सीकर के अर्जुन सिंह बिजारणिया, रामेश्वर राम, नवरंग लाल, भागीरथ सिंह, फुसा सिंह, रिछपाल सिंह, इंद्र सिंह, केसर देव, शमशाद अली, रेखाराम, दानाराम, इब्राहिम खान, मंगेज सिंह, सुखदेव सिंह, सांवर राम, मोहन सिंह, गणपत राम, मुस्ताक अली, अर्जुन सिंह, महबूब खान, मकसूद अली, हरलाल सिंह, हनुमान सिंह, हरि सिंह, पन्ने सिंह, समंदर खान, इनायत खान, मुबारक खान, शमशेर खान, हरि सिंह, श्याम सिंह, कल्याण सिंह, भंवरलाल, गणपत सिंह और अगर सिंह सहित 50 जवान शहीद हुए थे.

1971 India Pakistan War,In the 1971 war, 50 soldiers of Sikar gave martyrdom, Martyrdom of Shekhawati soldiers, Shaheed Arjun Singh Bijarnia, The martyrdom of Sikar's soldiers in 1971
शहीद अर्जुन सिंह बिजारणिया

पढ़ें- राफेल आने के बाद भारतीय सेना को और मजबूती मिली : फाइटर पायलट सुमित कसाना

शहीद अर्जुन सिंह बिजारणिया के आए थे केवल कपड़े और बक्सा

इस युद्ध में सीकर जिले के बीबीपुर गांव के रहने वाले अर्जुन सिंह बिजारणिया भी शहीद हुए थे. अर्जुन सिंह बिजारणिया अपनी शादी के महज 3 साल बाद ही शहीद हो गए थे. उनकी वीरांगना विमला देवी बताती हैं कि उन्हें टेलीग्राम से यह पता चला था कि उनके पति शहीद हो गए, उसके बाद उनका शव घर पर नहीं आया था.

शहीद के भाई खेताराम बिजारणिया बताते हैं उनके भाई का सब घर पर नहीं आया था. केवल कपड़े और कुछ सामान भेजा गया था. उसके बाद गांव में जमीन आवंटित की गई थी. लेकिन उस वक्त कोई नकद सहायता नहीं मिलती थी. उनके पुत्र दिनेश बिजारणिया बताते हैं कि उनकी मां को शहीद कोटे से पेंशन मिलती है इसके अलावा नकद सहायता उस वक्त नहीं मिली थी.

1971 India Pakistan War,In the 1971 war, 50 soldiers of Sikar gave martyrdom, Martyrdom of Shekhawati soldiers, Shaheed Arjun Singh Bijarnia, The martyrdom of Sikar's soldiers in 1971
शहीद अर्जुन सिंह बिजारणिया का परिवार

लड़ाकों की जुबानी, पाकिस्तानी सैनिकों को बनाया था बंधक

इस युद्ध में लड़ने वाले भगवान सिंह और रामचंद्र जाट बताते हैं कि उन्हें अचानक से युद्ध शुरू होने की सूचना मिली थी और उसके बाद मोर्चा संभाल लिया. भगवान सिंह बताते हैं कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर सैकड़ों पाकिस्तानी फौजियों को बंधक बनाया था. इसके साथ ही रामचंद्र जाट का कहना है बांग्लादेश में उन्होंने पाकिस्तानी फौज पर आक्रमण किया था और हथियार डालने को मजबूर किया था.

Last Updated : Dec 16, 2020, 2:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.