सवाई माधोपुर. रणथंभौर नेशनल पार्क की फलोदी रेंज के वन क्षेत्र में बाघिन टी-8 लाडली लंगड़ाती नजर आई. रविवार को मिली जानकारी के अनुसार सुबह की पारी में रणथंभौर पार्क के जोन नम्बर 8 में बलास वन क्षेत्र में पर्यटकों को बाघिन लाडली के दीदार हुए थे. इस दौरान पर्यटकों को बाघिन लंगड़ाती हुई नजर आई थी. बाघिन अपने अगले पैर का पंजा जमीन पर नहीं रख पा रही थी. इसकी सूचना पर्यटकों ने वन विभाग को दी.
DFO मोहित गुप्ता का कहना है कि सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. टीम ने घटना की जानकारी वन अधिकारियों की दी, जिसके बाद रेंजर राजबहादुर मीणा के साथ रणथंभौर की वेटरनरी डॉक्टर्स की टीम मौके पर पहुंची. वन विभाग की वेटरनरी टीम ने फिलहाल बाघिन की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है. DFO मोहित गुप्ता ने बताया कि बाघिन के लंगड़ाने का कारण पैर में कांटा लगना भी हो सकता है. बाघिन के लंगड़ाने के कारणों का पता चलने के बाद उसका उपचार किया जाएगा.
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बाघिन टी-8 की उम्र करीब 14 से 15 साल के बीच है. बाघिन ने तीन बार में अब तक सात शावकों को जन्म दिया है. रणथंभौर की यह बाघिन उम्रदराज है. इससे पहले बाघिन टी- 111 की फिमेल शावक मार्च के पहले सफ्ताह में पैर से लंगड़ाती हुई दिखाई दी थी. डीएफओ के अनुसार शावक के पैर में कांटा लगने से उसके अगले पैर में घाव हो गया था, इस कारण वो लंगड़ा रही थी.